बिहार

प्रमंडलीय आयुक्त द्वारा लोक शिकायत निवारण एवं लोक सेवाओं की उपलब्धता की प्रमंडल-स्तरीय समीक्षा की गई

पटना, (न्यूज़ क्राइम 24) आयुक्त, पटना प्रमंडल, पटना मयंक वरवड़े ने प्रमंडल अंतर्गत सभी जिलों के जिला पदाधिकारियों को लोक शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण ढंग से ससमय निवारण तथा आम जनता को नियत समय में सेवा प्रदान करने का निदेश दिया है। वे आज आयुक्त कार्यालय स्थित अपने प्रकोष्ठ में आयोजित प्रमंडल-स्तरीय बैठक में पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। इस बैठक में सभी जिला पदाधिकारी, जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी तथा अन्य भी उपस्थित थे। आयुक्त ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 तथा बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम, 2011 का सफल क्रियान्वयन सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है।

सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहें। उन्होंने कहा कि आम जनता की राज्य सरकार द्वारा विकसित लोक शिकायत निवारण प्रणाली में काफी आस्था एवं विश्वास है। आयुक्त ने इस पर खुशी व्यक्त की कि प्रमंडल अंतर्गत सभी जिलों में विगत 60 कार्य दिवस से अधिक अवधि के लंबित मामलों की संख्या शून्य (से दो के बीच) है। सभी लोक शिकायत निवारण पदाधिकारियों द्वारा नियमित तौर पर कोर्ट लगाया जाता है। उन्होंने कहा कि जनता की संतुष्टि सर्वोपरि है। सभी पदाधिकारी सुनिश्चित करें कि आम जनता को कोई शिकायत न रहे। आयुक्त ने कहा कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान वे लोक शिकायत निवारण कार्यालयों के अभिलेखों का निरीक्षण करेंगे तथा सरकार के निर्देशों के अनुपालन की स्थिति की समीक्षा करेंगे।

प्रमंडलीय आयुक्त ने जिला पदाधिकारियों को निदेश दिया कि लोक शिकायत निवारण में शिथिलता, लापरवाही या अनियमितता बरतने वाले लोक प्राधिकारों के विरूद्ध नियमानुसार अर्थदंड लगाएँ तथा यह सुनिश्चित करें कि वे दंड की राशि समय पर जमा करें। अन्यथा राशि की कटौती उनके वेतन से की जाए।

आज की इस बैठक में पटना प्रमंडल के सभी छः जिलों में बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम तथा बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम में प्रगति की समीक्षा की गई तथा अद्यतन स्थिति का जायजा लिया गया। प्रभारी पदाधिकारी, लोक शिकायत निवारण, पटना प्रमंडल श्रीमती प्रतिभा सिन्हा द्वारा प्रमंडल के सभी जिलों का विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। आयुक्त ने कहा कि सभी जिला पदाधिकारी जिला-स्तरीय कार्यालयों, अनुमंडलों, प्रखंडों, अंचलों एवं पंचायतों का टीम बनाकर कैलेण्डर के अनुसार नियमित तौर पर निरीक्षण सुनिश्चित कराएँ तथा निरीक्षण प्रतिवेदन प्रमंडल को उपलब्ध कराएँ। उन्होंने जिला पदाधिकारियों को रामनवमी एवं चैती दुर्गा पूजा त्योहार के बाद निरीक्षण अभियान में तेजी लाने का निदेश दिया। उन्होंने सभी जिला पदाधिकारी को निदेश दिया कि टीम बनाकर अंचलों, अनुमंडलों एवं जिला-स्तर पर आरटीपीएस काउंटर पर नियमित छापामारी कराएँ तथा अगर बिचौलिए या मध्यस्थ पाए जाएँ तो उनके विरूद्ध विधि-सम्मत कार्रवाई करें।

प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा कि लोक शिकायत निवारण में परिवादियों द्वारा पुलिस, राजस्व, समाज कल्याण, शिक्षा, कृषि, पंचायत, पीएचईडी, आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य एवं अन्य विभागों से संबंधित आवेदन दिए जाते हैं। समीक्षा में पाया गया कि राजस्व एवं पुलिस विभाग से संबंधित मामले ज्यादा आते हैं। अतः इन मामलों को संवेदनशीलता के साथ तत्पर रहकर समाधान करने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी जिला पदाधिकारियों को अपने-अपने अधीनस्थ अंचल अधिकारियों, भूमि सुधार उप समाहर्ताओं, अपर समाहर्ताओं तथा पुलिस पदाधिकारियों के साथ राजस्व एवं पुलिस से संबंधित लंबित मामलों की नियमित समीक्षा करने का निदेश दिया। आयुक्त ने कहा कि थाना प्रभारी एवं पुलिस पदाधिकारियों की संयुक्त शनिवारीय बैठक काफी जन-उपयोगी है। उन्होंने सभी जिला पदाधिकारियों को इन बैठकों के परिणामों का नियमित अनुश्रवण करने का निदेश दिया।

Advertisements
Ad 1

बैठक में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त परिवादों के निवारण की स्थिति की समीक्षा की गई। प्रमंडल के सभी जिलों में दिनांक 01 अक्टूबर, 2024 से 29 मार्च, 2025 तक लोक शिकायत निवारण के 20,951 आवेदन प्राप्त हुए। सभी का निवारण सरकार द्वारा निर्धारित समय-सीमा 60 दिन के अंदर किया जा रहा है। 60 दिनों से अधिक अवधि के लंबित मामले अधिकतम 2 हैं। आयुक्त ने निदेश दिया कि 60 कार्य दिवस से अधिक लंबित मामलों की संख्या हर हाल में शून्य रहनी चाहिए। साथ ही लोक शिकायतों की सुनवाई में लोक प्राधिकारों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। आदेश के अनुपालन में शिथिलता बरतने वाले लोक प्राधिकारों एवं अधिकारियों के विरूद्ध प्रावधानों के तहत आर्थिक दंड लगाएँ तथा अनुशासनात्मक कार्रवाई करें। आयुक्त ने निदेश दिया कि सभी जिलाधिकारी नियत समय-सीमा के अंदर लोक शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण निवारण सुनिश्चित करें। नियमित समीक्षा करें।

आयुक्त ने निदेश दिया कि आरटीपीएस के अंतर्गत समयपार (एक्सपायर्ड) आवेदनों की संख्या हर हाल में शून्य रहनी चाहिए। आम जनता को ससमय सेवा प्रदान करें।

प्रमंडलीय आयुक्त ने सभी जिला पदाधिकारियों से लोक शिकायत निवारण अधिकारियों एवं कार्यालयों में मैनपावर की उपलब्धता के बारे में पृच्छा की। उन्होंने कहा कि जहाँ-जहाँ स्वीकृत पदों के विरूद्ध रिक्ति है वहाँ के जिला पदाधिकारी इस संबंध में प्रतिवेदन दें ताकि पदस्थापना के लिए कार्रवाई की जाए।

आयुक्त ने सभी जिला पदाधिकारियों को चैती दुर्गा पूजा एवं रामनवमी पर्व के अवसर पर सजग एवं तत्पर रहने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि विधि-व्यवस्था संधारण सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सोशल मीडिया सेल को सक्रिय रखें। असामाजिक तत्वों के विरूद्ध सख्ती से निपटें। नियंत्रण कक्ष क्रियाशील रखें तथा अफवाहों का त्वरित खंडन करें। मद्य-निषेध अधिनियम के तहत नियमित छापेमारी करें। सभी दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी ड्यूटी पर मुस्तैद रहें। क्विक रिस्पॉन्स टीम तथा मोबाईल पार्टी सक्रिय रखें। यथेष्ट प्रशासनिक सतर्कता, सुरक्षामूलक एवं निरोधात्मक कार्रवाई करें। सभी अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी नियमित तौर पर भ्रमणशील रहंे। जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक लगातार अनुश्रवण करें।

Related posts

उपलब्धि : सदर अस्पताल को मिला डीएनबी कोर्स की मान्यता

मंत्री नीतीश मिश्रा के अध्यक्षता में जिला स्तरीय कार्यान्वयन समिति की समीक्षात्मक बैठक

वक्फ अधिनियम 2025 के खिलाफ मुस्लिम संगठनों का बड़ा ऐलान, समिति गठित कर आंदोलन की रूपरेखा तैयार

error: