बिहार

जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण पखवाड़े के तहत विभिन्न कार्यक्रमों का हुआ आयोजन

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पूर्णिया, (न्यूज क्राइम 24) समेकित बाल विकास परियोजना (आईसीडीएस) द्वारा 09 मार्च से 23 मार्च तक पोषण पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान जिले के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों को गर्भवती माताओं और शिशुओं के लिए विभिन्न पौष्टिक आहार का उपयोग करने की जानकारी दी जा रही है। गुरुवार को पोषण पखवाड़े के तहत जिले के सभी आंगनवाड़ी केंद्रों पर महिलाओं के बीच मेहंदी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसके द्वारा महिलाओं को माता और बच्चों को समय के अनुसार दिए जाने वाले विभिन्न पोषण आहार की जानकारी दी गई। इसके साथ साथ आंगनवाड़ी केंद्रों पर सेविकाओं द्वारा लोगों को आने वाले लोकसभा चुनाव में भाग लेने के लिए मतदाता जागरुकता अभियान भी चलाया गया जिसके द्वारा लोगों को अपना मतदान करने के लिए प्रेरित किया गया।

विभिन्न गतिविधियों द्वारा लोगों तक पहुंचाई जाएगी खाद्य विविधता की जानकारी :

आईसीडीएस जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) रीना श्रीवास्तव ने बताया कि 09 मार्च से 23 मार्च तक आयोजित पोषण पखवाड़े के दौरान लोगों तक पोषण के प्रति जागरुकता लाने के लिए विभिन्न प्रकार के जागरुकता अभियान का संचालन किया जा रहा है। इस दौरान पोषण रैली, प्रभात फेरी, साइकिल रैली आदि द्वारा लोगों तक मोटे अनाज आधारित भोजन, खाद्य विविधता आदि की जानकारी दी जा रही है। जिसका उपयोग करते हुए लोग स्वस्थ जीवन का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पोषण पखवाड़े के दौरान लोगों को मोटे अनाज के उपयोग की जानकारी दी जाएगी। गर्भवती/धात्री महिलाओं व बच्चों के बेहतर स्वस्थ के लिए मोटे अनाज की उपयोगिता आवश्यक है। इसमें चावल, दाल आदि शामिल हैं। इसके उपयोग करने से महिला व बच्चों के स्वास्थ्य में तंदुरुस्ती मिलती है जिससे कि उनका जीवन हृष्ट-पुष्ट हो सकता है।

सही पोषण और नियमित खान-पान की दी गई जानकारी :

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पोषण पखवाड़े के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों पर सेविकाओं द्वारा 6 माह से 2 वर्ष तक के बच्चों की माताओं को बुलाकर बच्चों के लिए 6 माह के बाद ऊपरी आहार की जरूरत के विषय में जानकारी दी गयी। पोषण अभियान के जिला समन्वयक निधि प्रिया ने बताया कि 6 माह से 9 माह के शिशु को दिन भर में 200 ग्राम सुपाच्य मसला हुआ खाना, 9 से 12 माह में 300 ग्राम मसला हुआ ठोस खाना, 12 से 24 माह में 500 ग्राम तक खाना खिलाया जाना चाहिए। शिशुओं को अतिरिक्त आहार के मिलने से उनके शरीर में तंदुरुस्ती आने के साथ ही उनके मष्तिष्क विकास में भी वृद्धि होती है। सही समय पर सही पोषण से ही देश में कुपोषण की समस्या को खत्म किया जा सकता है। उन्होंने अभिभावकों को बच्चों के दैनिक आहार में हरी पत्तीदार सब्जी और पीले नारंगी फल को विशेष रूप से शामिल करने की बात बताई।

पोषण पखवाड़े में बच्चों के स्वस्थ की ली जा रही जानकारी :

पोषण अभियान की जिला परियोजना सहायक सुधांशु कुमार ने बताया कि पोषण पखवाड़े के दौरान जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में सेविकाओं द्वारा केंद्र में उपलब्ध सभी बच्चों के स्वास्थ की जानकारी ली जा रही है। इसमें बच्चों के वजन, लंबाई, खान-पान आदि की जानकारी ली जा रही है और सभी बच्चों को पोषण के विभिन्न आयामों की जानकारी देते हुए पोषण युक्त भोजन का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

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