फुलवारीशरीफ, अजित। पटना के संपतचक, एकतापुरम निवासी 95 वर्षीय वयोवृद्ध समाजसेवी एवं सर्वोच्च मानवाधिकार संरक्षण सम्मान से सम्मानित सुखदेव सिंह उर्फ़ सुखदेव बाबू आज भी भारत के भविष्य को बदलने की लड़ाई में सक्रिय हैं. यूनिसेफ इंडिया ने उनके स्थायी सहयोग और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के प्रति समर्पण के लिए आभार व्यक्त करते हुए उन्हें प्रेरणास्रोत बताया है।
सुखदेव बाबू केवल आर्थिक सहयोग तक सीमित नहीं रहे. उन्होंने लगातार यूनिसेफ को बच्चों की कुपोषण, अशिक्षा और गरीबी से लड़ने के लिए मदद दी. साथ ही अपने स्तर से भी “मिशन नौनिहाल” जैसी कई योजनाएँ शुरू कर गरीब और वंचित तबकों के बच्चों तक शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण पहुँचाने का काम किया।
यूनिसेफ इंडिया के नई दिल्ली कार्यालय से आए कॉल के दौरान संगठन के प्रतिनिधि ने उनके पुत्र नागेश्वर सिंह स्वराज से कहा – “सुखदेव सिंह जैसे दयालु और संवेदनशील लोग ही वह उम्मीद हैं, जो बच्चों के जीवन में रोशनी भरते हैं. उनका सहयोग केवल आर्थिक योगदान नहीं, बल्कि लाखों बच्चों के बेहतर भविष्य की नई शुरुआत है।
यूनिसेफ ने साफ कहा कि बच्चों के अधिकारों की लड़ाई तभी सफल हो सकती है, जब समाज में सुखदेव बाबू जैसे लोग आगे बढ़कर साथ दें. “जहाँ हर बच्चा स्कूल जाए, मुस्कुराए और हर माँ सुरक्षित हो – ऐसे भारत का सपना आप जैसे सहयोगियों की वजह से ही पूरा हो सकता है। अंत में यूनिसेफ ने सुखदेव बाबू को हार्दिक धन्यवाद देते हुए उनके स्वस्थ और दीर्घायु जीवन की कामना की. साथ ही यह भी उम्मीद जताई कि उनके संकल्प और योगदान से और लोग भी प्रेरित होंगे और इस मानवीय प्रयास से जुड़ेंगे।
