कटिहार, (न्यूज़ क्राइम 24) जिले में फाइलेरिया (हाथी पांव और हाइड्रोसील) ग्रसित मरीजों की समय पर पहचान करते हुए संभावित मरीजों को आवश्यक चिकित्सकीय सहायता प्रदान करते हुए फाइलेरिया से सुरक्षित रखने के लिए सभी प्रखंड के स्वास्थ्य अधिकारियों को सदर अस्पताल सभागार में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान अधिकारियों को फाइलेरिया संभावित क्षेत्रों में उपस्थित लोगों में फाइलेरिया कीटाणु उपस्थित होने की जानकारी प्राप्त करने के लिए नाईट ब्लड सर्वे कार्यक्रम आयोजित करते हुए क्षेत्र के वयस्क लोगों की कुछ बूंद ब्लड सैंपल प्राप्त करते हुए संभावित फाइलेरिया ग्रसित मरीजों की पहचान करने और ग्रसित पाए जाने वाले मरीजों की आवश्यक चिकित्सकीय सहायता प्रदान करते हुए फाइलेरिया से सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक जानकारी दी गई।
इस दौरान प्रभारी सिविल सर्जन सह जिला भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ जे पी सिंह, अन्य जिला स्वास्थ्य अधिकारियों और पिरामल स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा सभी प्रखंड के बीसीएम, भीबीडीएस, सीएचओ और आशा फेसिलेटर को आवश्यक जानकारी दी गई। इस दौरान भीडीसीओ एन के मिश्रा, भीडीसीओ सुप्रिया कुमारी, भीबीडी कंसल्टेंट जे पी महतो के साथ पिरामल स्वास्थ्य के प्रोग्राम लीड अभिजीत कुमार सिंह, प्रोग्राम ऑफिसर अभिमन्यु कुमार सहित सभी प्रखंड के स्वास्थ्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित रहे।
रात के समय में सामान्य लोगों का लिया जाएगा कुछ बूंद खून का सैंपल :
जिला भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ जे पी सिंह ने कहा कि फाइलेरिया से सुरक्षा के लिए लोगों को फाइलेरिया सुरक्षा की दवा का सेवन कराने (एमडीए) से पहले नाइट ब्लड सर्वे को संपादित करने के लिए जिले के सभी एलटी को प्रशिक्षित किया गया है जिससे कि नाईट ब्लड सर्वे (एनबीएस) के दौरान किसी प्रकार से कोई दिक्कत नही हो। इसके लिए जिले के सभी प्रखंडों सहित शहरी क्षेत्रों के चिन्हित क्षेत्रों में नाईट ब्लड सर्वे कार्यक्रम का संचालन किया जाएगा। प्रत्येक क्षेत्रों में वयस्क लोगों का कुछ बूंद ब्लड सैंपल लिया जाएगा। सबसे अहम बात है कि रक्त के नमूने को रात्रि के 08:30 बजे से के बाद से सैंपल लिया जाएगा। इसी के आधार पर अभियान के लिए प्रखंडों का चुनाव किया गया है। संक्रमण दर 1% से अधिक पाए जाने पर संबंधित प्रखंड में सर्वजन दवा वितरण कार्यक्रम (एमडीए) चलाया जाएगा। नाइट ब्लड सर्वे के लिए प्रशिक्षित लैब टेक्नीशियन की सहायता से 20 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के रक्त नमूनों की जांच की जानी है। ताकि संबंधित इलाके में संभावित फाइलेरिया मरीजों का पता लगाया जा सके।
संक्रमण की दर 01 फीसदी से अधिक पाए जाने पर वहां चलाया जाएगा सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम :
भीडीसीओ एन के मिश्रा ने बताया कि जिलास्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में लैब टेक्नीशियन को सर्वे से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी गयी। इसी दौरान लोगों का रक्त के नमूने लेने से लेकर माइक्रोस्कोपिक जांच से जुड़ी हुई जानकारियों को बहुत ही बारीकी से अवगत कराया गया। दरअसल जांच के लिए संग्रहित रक्त नमूनों की सटीक व त्रुटिहीन जांच सुनिश्चित कराने में लैब टेक्नीशियन की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है जो सर्वे की सफलता जांच की गुणवत्ता में निहित है। इसीलिए इस बार जांच नतीजों की क्रास जांच भी की जानी है जहां माइक्रो फाइलेरिया संक्रमण की दर 01 फीसदी से अधिक पाया जाएगा वहां फरवरी 2026 में सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम का संचालन किया जाएगा। समय पर फाइलेरिया से सुरक्षा की दवाई का सेवन करने पर क्षेत्र के सभी लोग फाइलेरिया ग्रसित होने से सुरक्षित रहते हुए सामान्य जीवन का लाभ उठा सकेंगे।
क्षेत्र में फाइलेरिया दर की जानकारी के लिए होगी सामान्य लोगों की जाँच, ज्यादा लोगों को कराना चाहिए जांच :
जिला भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ जे पी सिंह ने कहा कि नाईट ब्लड सर्वे के दौरान सामान्य लोगों का ब्लड सेम्पल प्राप्त करते हुए क्षेत्र के लोगों के शरीर में फाइलेरिया के कीटाणु होने की जांच सुनिश्चित की जाएगी। संबंधित क्षेत्र में 01 प्रतिशत से अधिक लोगों के ब्लड सैम्पल में फाइलेरिया के कीटाणु पाए जाने पर संबंधित क्षेत्र में फाइलेरिया से सुरक्षा के लिए दवा वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा क्षेत्र के सभी लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षा की दवाई का सेवन कराया जाएगा। दवा सेवन करने पर अगर संबंधित व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के कीटाणु पहले से उपलब्ध होंगे तो नष्ट हो जाएंगे तो संबंधित व्यक्ति भविष्य में कभी फाइलेरिया संबंधित बीमारी हाथी पाँव, हाइड्रोसील या स्तन सूजन से सुरक्षित रहते हुए स्वस्थ रहेंगे। इसलिए नाईट ब्लड सर्वे के दौरान संबंधित क्षेत्र के सभी वयस्क लोगों को भाग लेते हुए जांच सुनिश्चित करना चाहिए और ग्रसित पाए जाने पर तत्काल चिकित्सकीय सहायता प्राप्त करते हुए फाइलेरिया से सुरक्षित रहना चाहिए।
