बिहार

माता दुर्गा के आठवें स्वरुप महागौरी की पूजा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधिवत किया गया

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अररिया(रंजीत ठाकुर): नरपतगंज प्रखंड के हरिपुर घुरना स्थित चैती दुर्गा मंदिर में नवरात्र के अवसर पर बुधवार को माता दुर्गा के आठवें स्वरुप महागौरी की पूजा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधिवत किया गया । चैत्र नवरात्रि का आठवा दिन दुर्गा अष्टमी का होता है। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी का व्रत रखा जाता है । इस दिन मां दुर्गा की आठवें स्वरुप मां महागौरी की पूजा होती है । भगवान शिव के वरदान से देवी को अतिगौर वर्ण प्राप्त हुआ । महागौरी की पूजा से आयु, सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है । कष्ट और दुख दूर होते हैं ।

बैल पर सवार मां महागौरी सफेद वस्त्र धारण करने वाली चतुर्भुज देवी हैं वे त्रिशूल धारण करती हैं । पंडित हीरा झा , पंडित बच्चन झा व पंडित ब्रह्मनंद झा ने बताया कि मां महागौरी का स्वरूप पौराणिक कथाओं के अनुसार, पर्वतराज हिमालय के जन्मीं देवी पार्वती ने नारद जी के बताने पर भगवान शिव के लिए कठोर तप किया । उन्होंने हजारों वर्ष की कठोर तपस्या करके भगवान शिव को प्रसन्न कर लिया , तब शिव जी से उनको विवाह का आशीर्वाद प्राप्त हुआ ।

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कठोर व्रत और तप से उनका शरीर बहुत ही कमजोर और काला पड़ गया था ,तब भगवान शिव ने देवी पार्वती को वरदान दिया, जिसके फलस्वरुप उनको अत्यंत ही गौर वर्ण प्राप्त हुआ, यही देवी मां महागौरी कहलाईं । कलश स्थापना के दिन 108 कन्याओं द्वारा गाजे बाजे के साथ भव्य कलश शोभा यात्रा भी निकाली गयी। उसके बाद माता के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा हुई ।

इस चैती दुर्गा मंदिर का संस्थापक अनिल कुमार झा उर्फ संत आकाश नाथ न आठ वर्ष की उम्र से ही संयासी हो गये । सन 2011में उसने अपनी ही जमीन हरिपुर घुरना में मंदिर स्थापित कर माता दुर्गा की सेवा करने लगे । इस नवरात्र पूजा में अमोल झा ,शारदानंद झा, राहुल झा, सोनू मल्लिक, दिविकर झा, रोहित झा,शंकर झा ,प्रवीण झा ,मोहर झा ,सिंटू झा, बन्धुनाथ झा, संजना झा ,दीपू झा सहित कई ग्रामीण अपना योगदान दे रहे है ।

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