पटना, (न्यूज क्राइम 24) आज जिलाधिकारी, पटना शीर्षत कपिल अशोक द्वारा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा दत्तक ग्रहण के संबंध में जारी मार्गदर्शिका 2022 के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए 5 बालिकाओं एवं 1 बालक को दत्तक ग्रहण से जोड़ा गया ।
जिलाधिकारी, पटना के द्वारा संचालित अरुणोदय, विशिष्ट दत्तकग्रहण संस्थान, पटना में आवासित 2 बालिकाओ को अंतर्देशीय दत्तक ग्रहण मामले में दत्तक ग्रहण विनियम 2022 का पालन करते हुए विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से माल्टा एवं स्पेन के भावी दत्तक ग्रहण माता पिता से अभिरुचि जाँच कर दत्तक ग्रहण आदेश निर्गत किया गया । इसमें से एक बालिका को मात्र 9 दिन की आयु में फुलवारी शरीफ से सिटी चाइल्ड लाइन, पटना के द्वारा लावारिश एवं जख्मी अवस्था में प्राप्त किया गया था जिसे एम्स, पटना में 4 महीने इलाजरत रहने बाद बाल कल्याण समिति, पटना के आदेशानुसार अरुणोदय विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में आवासित कराया गया था जिसे स्पेन के दम्पति द्वारा गोद लिया गया एवं एक अन्य बालिका को 1 वर्ष 6 माह की आयु में राजेन्द्र नगर टर्मिनल से भूले भटके अवस्था में रेलवे चाइल्ड लाइन, पटना के द्वारा बाल कल्याण समिति, पटना के आदेशानुसार बालिका को अरुणोदय विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में आवासित कराया गया था जिसे माल्टा के दम्पति द्वारा गोद लिया गया।
जिलाधिकारी पटना द्वारा 4 बच्चों का देश के भीतर दत्तक ग्रहण आदेश जारी किया गया। पटना जिला में संचालित अरुणोदय विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान, पटना में आवासित 1 बालिका मुंबई तथा सृजनी विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान, पटना से 2 बालिका जिसमे एक बालिका तेलंगाना एवं एक बिहार के पटना जिला के दंपत्ति को दत्तक ग्रहण में दिया गया तथा 1 बालक को बिहार के औरंगाबाद के दंपत्ति को दत्तक ग्रहण में दिया गया।
इस अवसर पर सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई श्री उदय कुमार झा ने बताया की वर्तमान परिपेक्ष में बालकों की बजाय अब बालिकाओं को गोद लेने की चाह बढ़ रही है। स्थिति यह है कि दंपती बेटी को गोद लेने के लिए दो से तीन साल का इंतजार कर रहे हैं । जिला में पांच साल में कुल 98 बच्चे गोद लिए गए हैं l जिनमें 66 बालिकाएं और 32 बालक दत्तकग्रहण की प्रक्रिया अन्तर्गत गोद लिए गए हैं।
पूर्व में दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया फैमिली कोर्ट से पूर्ण होती थी, प्रक्रिया को सुगम बनाने हेतु किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 में संशोधन करते हुए जिलाधिकारी को दत्तक ग्रहण आदेश जारी करने हेतु प्राधिकृत किया गया । जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि वैसे बच्चे जिनके सर से माता-पिता का छाया हट गया है, उनके जीवन में खुशी और माता-पिता का प्यार लौटाने के लिए पटना जिला प्रशासन आगे आया है ।
जिलाधिकारी ने आमजनो से अपील की है कि वैसे दंपति जो अनाथ बच्चों को गोद लेना चाहते है, उसके लिए जिला प्रशासन हर संभव सहयोग प्रदान करेगा।
वैधानिक चेतावनीः-’’बच्चा हमेशा कानूनी प्रक्रिया द्वारा ही गोद लें। सार्वजनिक जगहों यथा अस्पताल/बस स्टेंड/रेलवे स्टेषन आदि जगहों पर से सीधे गोद न लें । यह विधि-विरुद्ध एवं दण्डनीय अपराध है।
- किशोर न्याय अधिनियम 2015 यथा संशोधित 2021 एवं दत्तकग्रहण विनियम 2022 में निहित प्रावधानों एवं प्रक्रिया को अपनाए बिना किसी भी अनाथ अथवा परित्यक्त बच्चे को किसी भी व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से गोद लेना/देना दंडनीय अपराध है, जिसके लिए तीन साल तक का कारावास या 1 लाख रूपये का जुर्माना अथवा दोनों हो सकता है। साथ ही किसी भी बच्चे को खरीदना बेचना एक दंडनीय अपराध है जिसके लिए 5 साल तक का सश्रम कारावास एवं 1 लाख रूपय के दंड का प्रावधान है।
- किसी भी अनाथ, परित्यक्त अथवा खोए हुए बच्चों के प्राप्त होने या सूचना मिलने पर संबंधित जानकारो चाइल्ड लाइन सेवा (इमरजेंसी हेल्प लाइन नं०-1098), 112 (आपातकालीन सहायता नं०), नजदीकी पुलिस स्टेशन को दे। संबंधित जानकारी बाल कल्याण समिति, अथवा जिला बाल संरक्षण इकाई को आवष्यक रूप् से दें । ऐसा नहीं करना दंडनीय अपराध है जिसके लिए दस हजार रूपये का अर्थदंड या छः महीने तक की सजा अथवा दोनों हो सकता है।