बिहार

भरगामा अंचल कार्यालय में हल्का कर्मचारियों की भारी कमी से ग्रामीणों को हो रही है कठिनाइयां

भरगामा(अंकित सिंह): भरगामा अंचल कार्यालय में हल्का कर्मचारियो की भारी कमी है। महज तीन हल्का कर्मचारी के भरोसे 20 हल्का और 67 राजस्व गांव के लोगों का कामकाज होता है। इस कारण क्षेत्र के लोगों को जमीन से जुड़े काम अंचल से कराने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जमीन से जुड़े कार्यों मे स्थिति की भयावहता इसी से समझा जा सकता है कि लोगों को अपने हल्का के कर्मचारी को ढूंढने में पखवारा तक का समय लग जाता है। इसके बाद भी कर्मचारी मिल जाए तो जरूरतमंद खुद को भाग्यवान समझता है। बताया जाता है कि संयोगवश अगर लोगों को हल्का कर्मचारी से मुलाकात भी हो जाए तो एक अदद जमीन की लगान रसीद के लिए पहले हल्का कर्मचारी के कार्यालय पर लाल कपड़े में जमीन का सरकारी अभिलेख लेकर बैठे उनके कथित दलाल रूपी मुशीं से बात करनी पड़ती है। बताया जाता है कि सभी हल्का कर्मचारी के हल्का कार्यालय पर आधा-आधा दर्जन मुंशी काम करते हैं जो सुबह होते ही हल्का कार्यालय पहुंच जाते हैं। बताया जाता है कि उनके पास जमीन से जुड़े सरकारी अभिलेख भी रहता है। अगर किसी को कोई अभिलेख में अपना खाता,खेसरा आदि देखना हो तो पहले मुंशी जी को खुश करना पड़ता है। वहीं कोई कार्य करवाना हो तो मुंशी के सिग्नल के बाद ही कर्मचारी लोगों का कार्य हल्का कर्मचारी करते हैं। लिहाजा समय के साथ न केवल आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ रहा है बल्कि म्यूटेशन,लगान रसीद,बासगीत पर्चा,जाति,निवास,एलपीसी सहित लोक जन शिकायत के मामलों का निष्पादन भी समय पर नही हो पा रहा है। इस कारण आम लोगों में आक्रोश व्याप्त है। साथ ही समय पर लोगों का राजस्व संबंधी काम नही होने के कारण लोगों के बीच आक्रोश बढ़ता जा रहा है। लोगों का कहना है कि अब जमीन का सर्वे भी शुरू हो रहा है। ऐसे में कर्मचारी की कथित मनमानी व कमी का लोगों को खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। जानकारी के अनुसार भरगामा अंचल क्षेत्र में कुल हल्का 20 है। जबकि राजस्व गांव 67 है। अंचल क्षेत्र में 67 राजस्व गांव की जिम्मेदारी महज तीन हल्का कर्मचारियों के जिम्मे है। उसमें भी एक हल्का कर्मचारी अंचल निरीक्षक के अतिरिक्त प्रभार में है। इस कारण अंचल संबंधी कार्यों के निष्पादन में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। अंचल कार्यालय में हल्का कर्मचारी के रूप में विकास कुमार,रेणु चौरसिया,अवधेश कुमार सिंह कार्यरत हैं लेकिन सभी हल्का कर्मचारियों के पास करीब आधा दर्जन हल्का और दर्जनों राजस्व गांव का प्रभार होने के चलते समय पर कार्यों का निष्पादन नही हो पा रहा है। वैसे तो नियमत: हल्का कर्मचारी को पंचायत में रह कर लोगों के कार्यों का निपटारा करना है। लेकिन उदाहरण के तौर पर भी पंचायत नही,जहां उक्त तीनों कर्मचारी रह कर अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हों। ऐसे में यह कहना कहीं से गलत नही होगा कि सरकारी नियमों की धज्जियां इस प्रखंड में उड़ रही है। हालांकि अंचल में पदस्थापित हल्का कर्मचारी विकास कुमार बताते हैं कि उनको आधा दर्जन पंचायत के अलावा अंचल निरीक्षक का भी प्रभार मिला है। इसी प्रकार अन्य दोनों हल्का कर्मचारी को भी आधा-आधा दर्जन पंचायत मिला हुआ है। ऐसे में किसी पंचायत में रहकर कार्यों का निष्पादन करना संभव नही है। ऐसे में लोगों की शिकायत लाजिमी है। बताया जाता है कि वर्षों से हल्का कर्मचारी अपने अपने हल्का में प्रतिनियुक्त हैं। वहीं अंचल पदाधिकारी द्वारा समय-समय पर हल्का कार्यालय के निरीक्षण नही होने की भी बात कही जा रही है। जिसके चलते दलाली प्रथा अंचल कार्यालय में चरम पर है। ऐसे में अंचल क्षेत्र के लोगों की क्या परेशानी हो सकती है सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।

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क्या कहते है सीओ: सीओ संजय कुमार ने बताया कि भरगामा अंचल में हल्का कर्मचारियों की कमी है। इस कारण जमीन संबंधी कार्यों के निष्पादन में कठिनाई हो रही है। सीमित संसाधनों और कर्मियो की कमी के बाद भी अंचल के कार्यों का बेहतर निष्पादन किया जा रहा है। सभी हल्का कर्मचारियों को अपने अपने निर्धारित हल्का पर कार्य करने का निर्देश दिया गया है।

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