फुलवारी शरीफ, (न्यूज़ क्राइम 24) एम्स पटना में विश्व स्तरीय मातृ भ्रूण चिकित्सा इकाई और अंतर्राष्ट्रीय स्तर का उन्नत प्रजनन केंद्र की सुविधा जल्द मरीज के लिए उपलब्ध हो जाएगा.इसकी जानकारी एम्स पटना के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग पटना चैप्टर पेरिनेटोलॉजी एंड रिप्रोडक्टिव बायोलॉजी (पीएआरबी) साइंटिफिक सोसाइटी के सहयोग से सोमवार को फेटोमीट नाम से आयोजित एक सीएमई के दौरान दी गयी.सीएमई कार्यक्रम, फेटोमीट में पूरे देश से उत्कृष्ट वक्ताओं और भ्रूण चिकित्सा विशेषज्ञों ने भाग लिया.इस सीएमई का उद्देश्य विभिन्न स्क्रीनिंग परीक्षणों और सोनोग्राफी के साथ समय पर अजन्मे बच्चे में जन्मजात दोषों, चयापचय विकारों और गुणसूत्र विसंगतियों का निदान करने पर गहन चर्चा करना था ताकि मानसिक और शारीरिक रूप से विकलांग बच्चे पैदा न हों.
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में एम्स पटना के कार्यकारी निदेशक और सीईओ प्रोफेसर डॉ गोपाल कृष्ण पाल ने भाग लिया.उन्होंने कहा की एम्स पटना में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग सुरक्षित मातृत्व और स्वस्थ भ्रूण सुनिश्चित करने तथा बांझ दंपतियों को संतान प्राप्ति की खुशी दिलाने के उद्देश्य से सभी महत्वपूर्ण मुद्दों को पूरा करेगा.
डॉ. इंदिरा प्रसाद, एडिशनल प्रोफेसर, प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग, एम्स पटना ने बताया कि मातृ-भ्रूण चिकित्सा के क्षेत्र में कौशल और बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की ओर ध्यान आकर्षित करने की तत्काल आवश्यकता है ताकि किसी भी प्रकार की विसंगतियों का शीघ्र पता लगाया जा सके और उचित प्रबंधन किया जा सके. उन्होंने बताया कि सीएमई कार्यक्रम इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक छोटी सी पहल है.एम्स पटना में विश्व स्तरीय मातृ भ्रूण चिकित्सा इकाई और अंतर्राष्ट्रीय स्तर का उन्नत प्रजनन केंद्र की सुविधा जल्द मरीज के लिए उपलब्ध हो जाएगा.
एम्स में इस सुविधा के उपलब्ध हो जाने के बाद यहां के गरीब परिवार की महिलाओं को बेहतर इलाज के लिए इधर-उधर अस्पतालों में भटकना नहीं पड़ेगा. डॉ. हेमाली हेदी सिन्हा ने प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग और पीएआरबी की उपलब्धियों से श्रोताओं को अवगत कराया.डॉ. एमिली भट्टाचार्यजी चटर्जी ने आनुवंशिक असामान्यताओं का पता लगाने में प्रसव पूर्व निदान के महत्व पर चर्चा की. प्रोफेसर डॉ. दीपिका डेका ने अंतर्गर्भाशयी आधान में नवीनतम प्रगति का वर्णन किया. प्रोफेसर डॉ. देबास्मिता मंडल, कोलकाता ने भ्रूण इकोकार्डियोग्राफी और न्यूरोस्क्रीनिंग प्रोटोकॉल पर विस्तृत चर्चा की. डॉ. पूजा कुमारी, पटना ने प्रसव पूर्व देखभाल में पहली तिमाही की जांच और इसकी चुनौतियों पर प्रकाश डाला. डॉ. साक्षी यादव, चंडीगढ़ ने अपने व्याख्यान में बताया कि क्या अल्ट्रासाउंड सॉफ्ट मार्कर वास्तव में सॉफ्ट हैं
डॉ. प्रज्ञा मिश्रा ने विसंगति सोनोग्राफी के महत्व का वर्णन किया और कहा कि इसे कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. एम्स पटना के चिकित्सा अधीक्षक और डीन (परीक्षा) प्रोफेसर अनूप कुमार; आईएसओपीएबी की पूर्व अध्यक्ष डॉ मंजू गीता मिश्रा ,आईएसओपीएबी की पूर्व अध्यक्ष डॉ उषा शर्मा ,प्रोफेसर डॉ हेमाली हेदी सिन्हा, प्रसूति एवं स्त्री रोग विभागाध्यक्ष एम्स पटना और पटना पीएआरबी की अध्यक्ष, डॉ मुक्ता अग्रवाल, प्रोफेसर, प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग एम्स पटना, डॉ इंदिरा प्रसाद, एडिशनल प्रोफेसर, प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग, एम्स पटना, डॉ पूजा कुमारी, भ्रूण चिकित्सा विशेषज्ञ, पटना, डॉ अनीता पासवान, एसोसिएट प्रोफेसर, प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग, एम्स पटना, डॉ सुद्विता सिन्हा, सहायक प्रोफेसर, प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग एम्स पटना, डॉ ज्योति कुमारी, सचिव, पटना पीएआरबी, डॉ पूनम लाल, कोषाध्यक्ष, पटना पीएआरबी भी उद्घाटन समारोह में उपस्थित थीं.