पटना, (न्यूज़ क्राइम 24) आयुक्त, पटना प्रमंडल, पटना श्री मयंक वरवड़े ने कहा है कि पटना शहरी क्षेत्रों में सुव्यवस्थित यातायात-प्रबंधन सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकताओं में से एक है। इसके लिए सभी स्टेकहोल्डर्स सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहें। वे आज आयुक्त कार्यालय स्थित सभाकक्ष में पटना शहर में यातायात-प्रबंधन, अतिक्रमण-उन्मूलन अभियान तथा परिवहन व्यवस्था को सुरक्षित, व्यवस्थित एवं जाम-मुक्त बनाने हेतु आयोजित बैठक में पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। आयुक्त ने कहा कि इस बैठक का मुख्य उद्देश्य पटना शहर को आवागमन हेतु सर्वानुकूल बनाना है।
सुगम एवं सुचारू यातायात की व्यवस्था जनहित में अत्यावश्यक है। यह हमारी कार्यशैली एवं जीवन-शैली पर भी काफी प्रभाव डालता है। उन्होंने कहा कि परिवहन व्यवस्था को सुरक्षित, व्यवस्थित एवं जाम-मुक्त बनाने हेतु लगातार कोशिश की जा रही है। यातायात व्यवधान, अतिक्रमण एवं यातायात नियमों के उल्लंघन के विरूद्ध प्रशासन शून्य सहिष्णुता के सिद्धांत पर काम करता है। नगर विकास विभाग, ट्रैफिक पुलिस, परिवहन, एनएचएआई, वन विभाग, पथ निर्माण, प्रशासन, पुलिस, विधि-व्यवस्था सहित सभी सम्बद्ध पदाधिकारी अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित कर नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करें। अल्पकालीन एवं दीर्घकालीन कार्य योजना का निर्माण कर अनुपालन सुनिश्चित करें।
आयुक्त ने कहा कि जनता को सर्वोत्तम सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। सम्पूर्ण प्रशासनिक तंत्र इसके लिए सजग एवं तत्पर है।
आज की इस बैठक में पटना शहर में यातायात प्रबंधन एवं अतिक्रमण-उन्मूलन अभियान पर विस्तृत चर्चा की गई। ज़िलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने कहा कि पटना जिला में शहरी व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए जिला प्रशासन के प्रस्ताव पर सरकार द्वारा डेडिकेटेड संगठनीय ढांचा की पूर्व में ही स्वीकृति दी गई है। जिला पदाधिकारी, पटना के नियंत्रणाधीन जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन एवं संबंधित नगर निकायों की एकीकृत शहरी प्रबंधन इकाई के गठन की स्वीकृति दी गई है। सामान्य प्रशासन विभाग के तहत अपर जिला दंडाधिकारी (नगर-व्यवस्था) सहित लगभग 42 पदों का सृजन किया गया है।
गृह विभाग के तहत पुलिस उपाधीक्षक के 3 पद, पुलिस निरीक्षक के 3 पद, पुलिस अवर निरीक्षक के 9 पद, सहायक पुलिस अवर निरीक्षक के 18 पद एवं सिपाही के 120 पदों सहित 153 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है। नगर विकास एवं आवास विभाग के तहत अपर नगर आयुक्त के 2 पदों एवं कार्यपालक पदाधिकारी के 3 पदों का सृजन किया गया है। जिलाधिकारी द्वारा आयुक्त महोदय के संज्ञान मंे लाया गया कि अपर जिला दंडाधिकारी (नगर-व्यवस्था) को शहरी प्रबंधन को सुदृढ़ करने के लिए नियमित तौर पर अतिक्रमण उन्मूलन अभियान संचालित करने का निर्देश दिया गया है ताकि आम जनता को ट्रैफिक जाम इत्यादि समस्या का सामना न करना पड़े।
उन्होंने कहा कि नेहरू पथ, पटना जंक्शन गोलम्बर से पुराना बाईपास मार्ग, अशोक राजपथ एवं जेपी गंगापथ सहित विभिन्न मार्गों पर नियमित तौर पर अतिक्रमण हटाया जा रहा है। अस्थायी अतिक्रमण के अलावा मुख्य पथों पर स्थायी अतिक्रमण चिन्हित कर विधिवत कार्यवाही चलाते हुए अतिक्रमण हटाने का निदेश पदाधिकारियों को दिया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि विभिन्न मार्गों पर एस्कलेटर-युक्त एफओबी, अंडरपास, सड़कों का चौड़ीकरण एवं सौन्दर्यीकरण, वेंडर्स के लिए वैकल्पिक व्यवस्था का निर्माण एवं अन्य सभी बिन्दुओं पर लगातार कार्य किया जा रहा है ताकि आम जनता को सरकार के उद्देश्यों के अनुरूप बेहतर-से-बेहतर सुविधा उपलब्ध हो।
आयुक्त श्री मयंक वरवड़े ने अधिकारियों को निदेश दिया कि लोगों की हर सुविधा का ख्याल रखें। सभी स्टेकहोल्डर्स से संवाद कायम रखें। जिला प्रशासन के सभी अंग यथा नगर व्यवस्था, परिवहन, जिला नियंत्रण कक्ष, अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी तथा नगर निकाय सुचारू यातायात व्यवस्था हेतु सभी आवश्यक कार्रवाई करें। ई-रिक्शा एवं ऑटो रिक्शा के नियमों के अनुसार सुगम परिचालन हेतु कार्य करें। नियमित तौर पर प्रभावी ढंग से अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाएँ। पब्लिक न्यूसेंस हटाने के लिए नोटिस देकर कार्रवाई करें। इंफोर्समेन्ट एजेंसी लगातार सक्रिय रहे तथा नियमों का अनुपालन सुनिश्चित कराएँ। नो पार्किंग जोन एवं नो वेंडिंग जोन का निर्धारण कर अनुपालन सुनिश्चित कराएँ, उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई करें। यातायात प्रवाह को आवश्यकतानुसार रेगुलेट करें। समय का निर्धारण कर वाहनों को अलग-अलग अन्तराल पर छोड़ें। अनावश्यक कट को बंद करें। जेब्रा क्रॉसिंग का निर्माण करें।
प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा कि पटना हमसब का शहर है। यह हमारे राज्य की राजधानी है तथा राष्ट्रीय स्तर पर भी इसका महत्वपूर्ण स्थान है। इसे ट्रैफिक जाम एवं प्रदूषण से मुक्त तथा बेहतर रखना हमसब की जिम्मेदारी है। जिला प्रशासन द्वारा इसके लिए नियमित तौर पर आवश्यक कार्रवाई की जाती है। जिला सड़क सुरक्षा समिति, ऑटो/ई-रिक्शा संघों तथा निजी विद्यालयों के प्रबंधन के साथ नियमित तौर पर बैठक की जाती है। सुरक्षित एवं सुगम यातायात प्रबंधन के सभी मानकों के प्रति प्रशासन सजग एवं तत्पर है। पटना शहर में अनावश्यक कट को बंद किया गया है। सार्वजनिक परिवहन की बसें उत्कृष्ट तकनीकों पर आधारित तथा सीएनजी से परिचालित हैं। मेट्रो का भी निर्माण तीव्र गति से किया जा रहा है। प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा कि जिस प्रकार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मेट्रो से सार्वजनिक परिवहन में परिवर्तन आया है उसी तरह हमलोग पटना में भी प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में विभिन्न बैठकों में ई-रिक्शा संघों, ऑटो रिक्शा संघों सहित सभी स्टेकहोल्डर्स से विस्तारपूर्वक विचार-विमर्श किया गया था। बैठक में जो भी सुझाव प्राप्त हुआ था उसपर नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।
आज की इस बैठक में यातायात प्रबंधन से संबंधित विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। रेलवे स्टेशन, कारगिल चौक, राजेन्द्र नगर टर्मिनल स्टेशन, सिपारा पुल, राजा बाजार पाटलिपुत्र बस टर्मिनल, बैरिया, अशोक राजपथ, नेहरू पथ फ्लाईओवर का आदि स्थलों पर जाम की समस्या के समाधान हेतु प्रस्तावों पर विस्तृत विमर्श किया गया। वेंडिंग जोन एवं नो वेंडिंग जोन की पहचान, मल्टिलेवल पार्किंग, ऑटो पार्किंग स्थल चिन्हित करना, नो इन्ट्री पर विचार, सड़क की चौड़ाई बढ़ाना, जाम एवं दुर्घटना का कारण खोजने एवं इसका समाधान करने, सार्वजनिक पार्किंग स्थलों की पहचान एवं क्रियान्वयन, अतिक्रमण हटाना, सीसीटीवी कैमरों का अधिष्ठापन आदि पर विचार किया गया।
प्रमंडलीय आयुक्त ने जिला परिवहन पदाधिकारी, पटना को निदेश दिया कि ओवरलोडिंग एवं अवैध गाड़ियों के परिचालन के विरूद्ध नियमित तौर पर स्पेशल ड्राईव चलाया जाए तथा नियमानुसार दंड लगाने एवं अन्य कार्रवाई की जाए। अवैध पार्किंग, बसों एवं ऑटो का अवैध ठहराव तथा ओवरस्पीडिंग के विरूद्ध सभी पदाधिकारी तत्पर रहें। सीसीटीवी के माध्यम से निदेशों का उल्लंघन करने वालों की पहचान कर उनके विरूद्ध कार्रवाई करें। आर्थिक दंड लगाएं। पटना नगर निगम स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) को प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है। सीसीटीवी कैमरों, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, ईसीबी, आरएलवीडी, वीएमडी, एएनपीआर आदि का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया जा रहा है।
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पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा लगभग 415 स्थानों पर 3300 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है। इसमें सीसीटीवी सर्विलांस कैमरा 2,602; रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन (आरएलवीडी) कैमरा 473; ऑटोमेटिक नम्बर प्लेट रिकॉग्निशन (एएनपीआर) कैमरा 150; स्पीड व्यालेशन डिटेक्शन (एसवीडी) कैमरा 12 तथा व्हीकल डिटेक्शन एंड क्लासिफिकेशन (वीडीसी) कैमरा 120 लगाया गया है। 69 स्थानों पर पब्लिक एड्रेसल सिस्टम से नियमित तौर पर उदघोषणा की जाती है।
प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा कि उच्च तकनीकों पर आधारित यातायात प्रबंधन पटना जैसे महत्वपूर्ण शहर के लिए अत्यावश्यक है। पटना शहर पूर्वी एवं उत्तर-पूर्वी भारत के लिए द्वार (गेट-वे) की भूमिका निभाता है। यहाँ उत्कृष्ट यातायात, जीवन सुरक्षा, आर्थिक वृद्धि, विकास एवं लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने में उत्प्रेरक का काम करेगा।
प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा कि वाहनों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण अक्सर यातायात पर दबाव देखा जा रहा है। कंजेशन की समस्या दूर करने तथा सुचारू परिवहन के लिए यातायात-प्रबंधन आवश्यक है। इससे सड़क दुर्घटना को रोका जा सकता है। उन्होंने विभिन्न स्थलों पर साईनेज लगाने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस बैठक में जिलाधिकारी, पटना; नगर आयुक्त, पटना नगर निगम, पुलिस उपाधीक्षक, यातायात, अपर जिला दंडाधिकारी विधि-व्यवस्था, अपर जिला दंडाधिकारी नगर व्यवस्था, अपर नगर आयुक्त, जिला परिवहन पदाधिकारी, पथ निर्माण विभाग तथा अन्य विभागों के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।