आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना के पिछडे इलाकों में लोगों की मदद के संपतचक के सुखदेव बाबू ने बढ़ चढ़ की है मदद

फुलवारीशरीफ़, अजित। संपतचक प्रखंड अंतर्गत एकतापुरम, भोगीपुर के 90 वर्षीय वयोवृद्ध समाजसेवी एवं यूनाइटेड नेशन इन्टरनेशनल चिल्ड्रेंस इमर्जेंसी फंड (यूनिसेफ) के स्थायी सहयोगी सदस्य सुखदेव सिंह ने अपने सामाजिक कार्यो मे किये गये सक्रिय योगदान से एक बार फिर ईलाके का मान-सम्मान बढाया है.यूनिसेफ ने समाजसेवी सुखदेव सिंह को भेजे गये संदेश पत्र मे धन्यवाद देते हुए कहा है कि आपके सतत व स्थायी सहयोग ही “मोटरबाइक एम्बुलेंस” का रखरखाव तथा ड्राइवरों और फील्ड काउंसलरों के वेतन का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए हमे सक्षम और इस अभियान को सफल बनाता है.आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना के पिछडे इलाकों में लोगों की मदद के संपतचक के सुखदेव बाबू ने बढ़ चढ़ कर मदद किया है. पूर्व मे भी आन्ध्रप्रदेश एवं तेलंगाना राज्य के ग्रामीण व पिछड़े ईलाको मे यूनिसेफ के (केएमसी) कंगारु मदर केयर अभियान मे सहयोग के लिए सुखदेव सिंह को सराहना मिल चुका है।

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दक्षिणी छत्तीसगढ़ के अत्यंत नक्सल प्रभावित बस्तर जिले के अबूझमाड़ जैसे दूरदराज इलाकों मे रहने वाले वंचित समुदायों को बेहद कठिन सामाजिक-राजनीतिक माहौल के साथ-साथ दुर्गम भौगोलिक इलाकों के कारण ख़तरे का सामना करना पड़ता है. इससे सबसे कमज़ोर और वंचित लोगों को स्वास्थ्य सेवाएँ देना बहुत ही मुश्किल हो जाता है, जिससे मातृ और नवजात शिशुओं की मृत्यु दर में वृद्धि होती है। इन्ही वंचित समुदायों को मदद करने के लिए सरकार और भागीदारो के सहयोग से यूनिसेफ स्वदेशी ‘”मोटरबाइक एम्बुलेंस” सेवा का संचालन कर रहा है, ताकि प्रसव या ज़रूरतमंदों के लिए निकटतम स्वास्थ्य सुविधा एवं ज़रूरी वाहन पहुँचाया जा सके. इन खतरनाक ईलाको मे स्वास्थ्य केद्रों पर सुरक्षित प्रसव और “मोटरबाइक एम्बुलेंस” के बारे में जागरूकता के लिए यूनिसेफ के तरफ से कई फील्ड काउंसलर कार्य कर रहे हैं,जो अबूझमाड़ के घने जंगलो मे वंचित समुदायो और गर्भवती महिलाओं से मिलने के लिए रोज़ाना 20-25 किलोमीटर पैदल चलते हैं. इन्ही के वजह से ही कई माताएँ स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच पाती हैं और अस्पताल में अपने बच्चे को जन्म दे पाती हैं।

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