पांच साल तक के बच्चों के बीच ओआरएस व जिंक टेबलेट किया जा रहा वितरित

अररिया, रंजीत ठाकुर  बारिश के मौसम में डायरिया के संभावित खतरों को देखते हुए जिले में दस्त नियंत्रण पखवाड़ा संचालित किया जा रहा है। 23 जुलाई से 22 सितंबर तक संचालित इस अभियान क्रम में 05 वर्ष तक के सभी बच्चों के बीच ओआरएस का वितरण किया जायेगा। दस्त से ग्रसित बच्चों को जिंक की गोलियां उपलब्ध करायी जायेगी. गौरतलब है कि डायरिया 05 साल तक के बच्चों की मौत के प्रमुख कारणों में से एक है। दस्त की वजह से निर्जलीकरण का विशेष खतरा होता है। समय रहते इसका समुचित इलाज नहीं होने पर बच्चे को मौत भी हो सकती है। सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने बताया कि अभिभावकों को दस्त के लक्षणों की जानकारी देते हुए इससे बचाव संबंधी उपायों के प्रति जागरूक करना इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है। ताकि इसके कुप्रभाव से बच्चों को बचाया जा सके।

डायरिया के प्रसार को नियंत्रित करना अभियान का उद्देश्य

सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने बताया कि दस्त नियंत्रण पखवाड़ा के दौरान जिले के सभी पांच वर्ष तक के बच्चों को चिन्हित किया गया है। अभियान के तहत स्वास्थ्य केंद्रों , दस्त संबंधी मामलों को लेकर संवेदनशील इलाकों को चिन्हित किया गया है। पखवाड़ा के दौरान आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित संबंधित अन्य विभागों के बीच आपसी समन्वय स्थापित करते हुए शत प्रतिशत बच्चों के बीच ओआरएस व जिंक टेबलेट का वितरण सुनिश्चित कराया जाना है। डायरिया के प्रसार को नियंत्रित करना अभियान का मुख्य उद्देश्य है। ताकि इस कारण बच्चों के मौत से संबंधी मामलों को नियंत्रित किया जा सके।

पाचन तंत्र से संबंधित विकार है डायरिया

Advertisements

अभियान के नोडल अधिकारी व जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मोईज ने बताया कि डायरिया पाचनतंत्र से संबंधित एक विकार है. गर्मी के मौसम में रोग का खतरा काफी बढ़ जाता है. अमूमनये प्रदूषित पानी व खाद्य पदार्थ के सेवन के कारण होता है. ये बीमारी बच्चे व व्यस्क दोनों को प्रभावित करती है. लेकिन पांच साल से कम उम्र के बच्चों के मामले में ये ज्यादा खतरनाक होता है। उन्होंने बताया कि दिन में तीन या इससे अधिक बार शौच जाना दस्त के लक्षण हो सकते हैं. इसमें मल के पतला व पानीनुमा होने की समस्या होती है. दस्त लगने का मुख्य कारण संक्रमण होता है. ये संक्रमण प्रदूषित खान-पान व व्यक्तिगत स्वच्छता के अभाव के कारण हो सकता है. खाने से पहले व शौच के बाद हाथों की समुचित सफाई, स्वच्छ पेयजल का उपयोग, ताजा भोजन व व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखकर इससे काफी हद तक खुद का बचाव किया जा सकता है।

चिह्नित परिवारों को उपलब्ध कराया जा रहा ओआरएस व जिंक

डीसीएम सौरव कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि पखवाड़ा के तहत 01 से 05 साल आयु वर्ग के सभी लक्षित बच्चों को दवा उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित है। चिन्हित परिवारों को प्रति बच्चा ओआरएस का एक पैकेट उपलब्ध कराया जा रहा है। ओआरएस के घोल बनाने व इसके उपयोग से संबंधित जानकारी अभिभावकों को दी जा रही है। इस दौरान दस्त पीड़ित गंभीर बच्चे व अतिकुपोषित बच्चों को इलाज के लिये नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराने को लेकर सभी आशा कर्मियों को खास तौर पर निर्देशित किया गया है।

Related posts

पटना में रामकृष्ण नगर में दशहरा के दसवीं के रोज से लापता युवक का मिला शव, सड़क जामकर प्रदर्शन

तीन दिवसीय संतमत सत्संग का समापन

जिलाधिकारी ने किया स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं की समीक्षा, दिया जरूरी निर्देश