विद्यालय में कृष्ण जन्माष्टमी का आयोजन, राधा-कृष्ण के रूप में दिखे छोटे-छोटे बच्चें

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&NewLine;<p><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong><mark style&equals;"color&colon;&num;cf2e2e" class&equals;"has-inline-color has-vivid-red-color">पटनासिटी&lpar;न्यूज़ क्राइम 24&rpar;&colon; <&sol;mark><&sol;strong>आज टेंडर हार्टस इंटरनेशनल स्कूल में कृष्ण जन्माष्टमी का आयोजन किया गया। गोविंदा बाल गोपाल&comma; कान्हां&comma; कन्हैृया&comma; मोहन&comma; श्यायम जैसे 108 नामों से पुकारे जाने वाले भगवान श्री कृष्ण युगो-युगो से हर दिल में बसते है&comma; उन्होंने पृथ्वी पर एक आम मानव की तरह जन्म लेकर पृथ्वील को दुष्टोह से बचाया। इसलिए हजारों वर्षो से जन्माष्टमी के पर्व को पूरी श्रद्ध के साथ हिंदुओं दवारा महोत्स व के रूप में मनाया जाता है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>इस कार्यक्रम में दही-हांडी परंपरा को भी दिखाया। नन्ही-नन्ही बच्चियों ने राधा और गोपियों की पोशाक में नृत्यर भी प्रस्तुत किया।इस दृश्य ने श्रीकृष्ण की जन्म भूमि मथुरा की जन्माष्टमी का समा बाँध हर कोई बच्चों को देखकर भावविभोर हो रहा था। इस कार्यक्रम में बच्चों के अभिभावकों ने भी अपार सहयोग दिया। इस कार्यक्रम के फैनसी ड्रेस प्रतियोगिता में शाश्वीत&comma; वान्या &comma; स्वमदिप &comma; अदविका&comma; शानवी&comma; शगुन&comma; हर्षिता&comma; वंश&comma; श्रेया&comma; समृद्रि‍&comma; देवांश&comma; शौर्य&comma; ईशानी&comma;अनिका&comma; सिदृदी&comma; बच्चो ने भाग लिया।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के संचालक डॉ० श्री रवि भार्गव ने बताया कि जन्माष्टमी पर्व श्री कृष्णो के जन्म दिन के रूप में मनाया जाता है। भारत में ही नहीं यह पर्व सारी दुनिया में आस्थार और श्रध्दाण के साथ मनाया जाता है। श्री कृष्णा युगों से हमारी आस्थाा के केंद्र रहे है। वे कभी यशोदा के लाल होते है तो कभी नटखट कान्हा तो कभी गीता के उपदेश सुनाते युवा कृष्णै। हमें भी उन्के‍ जीवन से प्रेरणा लेकर हमेशाा सत्यत और न्यांय के साथ देना चाहिए।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>विद्यालय के प्रचार्या डॉ० जूली भार्गव ने अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें भगवान कृष्ण के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए उन्होंने बताया कि रक्षाबंधन के बाद भाद्रपद माह की अष्टणमी को श्री कृष्ण का जन्म मनाया जाता है। <&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>जिसमें जगह-जगह कृष्ण के बाल रूप की झांकी भी सजाई जाती है तथा कही-कही दही हांडी प्रतियोगिता का भी आयोजन होता है। लोगों में एक विशेष प्रकार की उमंग और उत्‍साह रहता है। सारा वातावरण कृष्णनमय हो जाता है।<br>इस कार्यक्रम को सफल बनाने में पम्मी&comma; आनंद सक्सेना&comma; पुनम&comma; सानिया&comma; अंजली एवं रश्मि सहित अन्य शिक्षकों ने अपना योगदान दिया।<&sol;p>&NewLine;

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