अररिया, रंजीत ठाकुर लोक आस्था का महापर्व छठ शुक्रवार को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया. चार दिवसीय इस पर्व का समापन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ हुआ। उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ व्रतियों ने भी 36 घंटे के लंबे उपवास का पारण किया। इससे पूर्व पर्व को लेकर बड़ी संख्या में छठ व्रती गुरुवार की संध्या को छठ घाटों पर आकर भगवान भास्कर की पूजा की और अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। इसके बाद शुक्रवार के अहले सुबह को उदीयमान सूर्य को अर्ध्य देकर परिवार के सुख समृद्धि की कामना की। बताते चलें कि प्रखंड क्षेत्र के शंकरपुर गांव निवासी चर्चित तोमर छठ घाट की छठ व्रति 90 वर्षीय अमला देवी ने बताया कि सैकड़ों सालों से चली आ रही छठ पर्व की पुश्तैनी परंपरा की शुरुआत वे वर्ष 1960 में की थीं।
तब से लगातार छठ व्रत की परंपरा को आगे बढ़ाते आयीं,लेकिन अब उनका शरीर साथ देना बंद कर दिया तो इस वर्ष से उनकी बहू छठ व्रत करने की परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए पहली बार छठ पर्व करने की शुरूआत की है। इधर सिमरबनी,सिरसिया हनुमानगंज जेबीसी नहर,जिलेबिया मोड़,भरगामा बाजार,खजुरी बिलेनिया नदी,थरवापट्टी,भटगामा एवं प्रखंड क्षेत्र के सभी छठ घाटों पर व्रतियों एवं श्रद्धालुओं की आस्था उमड़ पड़ी। सभी छठ घाटों पर जमकर आतिशबाजी हुई और छठ मइया के गीतों से इलाका गूंजता रहा। देर रात से हीं नदी तट पर कांच हीं बांस की बहंगिया,बहंगी लचकत जाय,मारबो रे सुगवा धनुष से,सुगा गिरहे मुर्छाए आदि पारंपरिक गीतें गूंज रही थीं। जैसे-जैसे सुबह का बेला आया वैसे-वैसे श्रद्धालुओं में आस्था हिलोरे मारती दिखी।
बता दें कि सभी छठ घाटों को तरह-तरह के रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया था। छठ घाटों पर आतिशबाजी लोगों को खूब आकर्षित कर रहे थे। सड़कों एवं छठ घाटों की सफाई में प्रशासन व जनप्रतिनिधि ने कोई कमी नहीं छोड़ी थी। छठ व्रतियों को किसी तरह की कोई असुविधा ना हो इसके लिए छठ घाट के सदस्य एवं भरगामा प्रखंड सह अंचल व पुलिस प्रशासन ने भीड़भाड़ को देखते हुए मुकम्मल व्यवस्था की थी। विधि-व्यवस्था को सामान रखने के लिए लगातार प्रशासन की ओर से चौकसी बरती जा रही थी। छठ पर्व के इस अवसर पर बीडीओ शशि भूषण सुमन,सीओ निरंजन कुमार मिश्र,थाना प्रभारी राकेश कुमार विधि-व्यवस्था संधारण और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लगातार सक्रिय दिखे।