पटना, (न्यूज़ क्राइम 24) ऑटो मेन्स यूनियन बिहार ने परिवहन विभाग और यातायात पुलिस पर आरोप लगाया है कि अपनी कमियों को छुपाने के लिए आनन-फानन में 20 जनवरी 2025 को प्रमंडलीय आयुक्त की अध्यक्षता में हुई बैठक और उस बैठक में सभी ऑटो संगठनों के द्वारा दिए गए प्रस्तावों को दरकिनार कर जबरन कलर कोडिंग लागू करना चाहती है, जिसे ऑटो चालक किसी भी कीमत पर मानने को तैयार नहीं हैं।
संघ के अनुसार, उस बैठक में ऑटो स्टैंड का निर्माण कराने, जगह-जगह सवारी चढ़ाने-उतारने के लिए स्थान चिन्हित करने, पुराने परमिट में किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं करने, रिजर्व में चलने वाले ऑटो परमिट की संख्या 10,000 करने, स्कूल, गैस भराने, गैराज जाने-आने तथा आपातकालीन सेवाओं के लिए अनुमति देने जैसे प्रस्ताव रखे गए थे, लेकिन परिवहन विभाग ने इन्हें नजरअंदाज कर दिया।
यूनियन के महासचिव अजय कुमार पटेल ने बताया कि परिवहन विभाग और यातायात पुलिस को इतनी जल्दी कलर कोडिंग लागू करने की जरूरत क्यों पड़ गई, यह समझ से बाहर है। इतना ही नहीं, विभाग ने 25 मार्च से इसके लिए आवेदन भी अखबारों के माध्यम से आमंत्रित करने की बात कही है। उन्होंने ऑटो चालकों से अपील की कि वे परिवहन विभाग के झांसे में न आएं और ऑनलाइन आवेदन का बहिष्कार करें एवं आंदोलन के लिए तैयार रहें।
आज गांधी मैदान ऑटो स्टैंड में सैकड़ों ऑटो चालकों की एक आपात बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता उपाध्यक्ष विजय कुमार ने की। बैठक के समाप्त होने के बाद ऑटो चालकों ने कलर कोडिंग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में यूनियन के महासचिव अजय कुमार पटेल, उपाध्यक्ष विजय कुमार, उपाध्यक्ष प्रधान नीलू प्रसाद, मो. बदरुद्दीन, मो. सिराज, अरुण कुमार, शंभु यादव, मुन्ना कुमार सहित कई नेता मुख्य रूप से शामिल रहे।
यूनियन के महासचिव अजय कुमार पटेल ने घोषणा की कि 23 मार्च को गांधी मैदान ऑटो स्टैंड में सभी ऑटो संगठनों एवं ई-रिक्शा संगठनों के नेताओं की बैठक होगी, जिसमें कलर कोडिंग के खिलाफ आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी। इस बैठक में सभी संगठनों के नेताओं को आमंत्रित किया जाएगा।