अररिया, रंजीत ठाकुर भरगामा प्रखंड क्षेत्र के शंकरपुर पंचायत के वार्ड संख्या 10 गजबी में किसान जैनब खातून पति मोहम्मद शहाबुद्दीन के 3 एकड़ खेत में लगी मकई की फसल गलत कीटनाशक दवाई के इस्तेमाल से झुलसकर बर्बाद हो गया है। बताया जाता है कि महंगाई के इस दौर में जैनब ने बैंकों से कर्ज लेकर और अपनी जेवर गिरवी रखकर मकई की खेती की,लेकिन करीब दो माह बाद फसल को कीड़ा द्वारा तबाह करता देख बचाव के लिए शंकरपुर पंचायत के वार्ड 10 निवासी एवं खादबीज और विभिन्न फसल की दवाई दुकानदार मोहम्मद महमूद आलम के पुत्र मोहम्मद नैयर आलम की दुकान से 3 एकड़ मकई की फसल में लगे कीटनाशक को खत्म करने की दवा मांगी। जिसपर दुकानदार मोहम्मद नैयर ने ‘एजिल और विनाशक’ नामक कीटनाशक का दवा दिया।
पीड़ित किसान ने बताया कि उक्त दवाई को खेत में इस्तेमाल किया तो लहलहा रही मक्के की फसल अचानक गल व सूखकर नष्ट हो गई। पीड़ित किसान जैनब का कहना है कि उन्होंने 2 फरवरी को मोहम्मद नैयर के दुकान से दवाई ली थीं, और 6 फ़रवरी को 3 एकड़ मक्का में छिड़काव कर दी। छिड़काव करने के तीन दिन बाद पानी पटवन किया तबतक थोड़ा बहुत मक्का झूलसा था,लेकिन जैसे-जैसे समय बढ़ता गया वैसे-वैसे पूरे 3 एकड़ में लगा मकई का फसल गलता व सूखता गया। उन्होंने बताया कि दुकानदारों से शिकायत करने पर दुकानदारों ने कहा कि गुलकोज या पल्ला मार दवाई का छिड़काव करवाओ सब ठीक हो जाएगा।
दुकानदार के कहने के अनुसार पीड़ित किसान ने हरेक उपाय किया,लेकिन फसल को नष्ट होने से नहीं बचाया जा सका। इस संबंध में स्थानीय ग्रामीण मोहम्मद कलामुद्दीन, मोहम्मद निजामुद्दीन,मोहम्मद इखलाक आलम,मोहम्मद महताब,मोहम्मद रहमान,मोहम्मद सौरभ आदि ने बताया कि जैनब का पूरा परिवार का पालन पोषण इसी मकई के खेत पर निर्भर है। फसल लगाने के लिए उन्होंने जो कर्ज लिया,अब वो चुकाना भी मुश्किल हो गया है। लोगों ने बताया कि उक्त दुकानदार के पास खाद बीज और दवाई बेचने का लाइसेंस भी नहीं है। इसलिए प्रशासन की नजर से बचकर चुपके से अपने घर में दुकान चलाते हैं और स्थानीय ग्रामीणों को अधिक कीमतों पर नकली खाद बीज एवं दवाई देकर ठगी करते हैं।
पीड़ित किसान जैनब सहित स्थानीय ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से दुकानदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए फसल की बर्बादी से हुए नुकसान के मुआवजे की भी मांग की है। बता दें कि इस संबंध में दुकानदार मोहम्मद नैयर का पक्ष जानने के लिए फोन और प्रत्यक्ष रूप से भी संपर्क किया गया,लेकिन उन्होंने पत्रकारों से बात करना मुनासिब नहीं समझा। इस संबंध में प्रखंड कृषि पदाधिकारी त्रिभुवन राम ने बताया कि अब तक इस तरह की कोई शिकायत नहीं आई है कि दवा के छिड़काव से फसल नष्ट हो गई हो। किसान शिकायत करेगा तो दवा और दुकान दोनों की जांच करवाने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। वहीं जिला कृषि पदाधिकारी गौरव प्रताप सिंह ने बताया कि अगर ऐसा मामला है तो दोषी दुकानदार को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। जांच के बाद कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।