अधिकारीयों का उदासीन रवैया नहीं ले रहे हैं अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नवाबगंज का सुध

अररिया, रंजीत ठाकुर किसी जमाने में लोगों के लिए संजीवनी कहे जाने वाली 1955 के दशक में स्थापित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नवाबगंज परिसर में करोड़ों की लागत से निर्माणाधीन भवन 14 वर्षों से अधूरा पड़ा है। जिसकी खबर न्यूज़ क्राइम -24 के पोर्टल में प्रमुखता से प्रकाशित होते आ रहा है। परंतु पदाधिकारी के उदासीन रवैये के चलते कान पर जू तक नहीं रेंगता है। क्षेत्र के जनमानस कई बार समाचार पत्रों के माध्यम से जिले के सभी वरीय पदाधिकारी को मामले से अवगत करवाया। परंतु किसी ने भवन का निरीक्षण करने का जहमत नहीं उठाया है। लगभग दस पंचायतों के मरीजों के लिए एक मात्र अस्पताल है। जिसके 100 मीटर की दूरी पर स्मार्ट थाना, पोस्ट ऑफिस,एवं बैंक है।

आईए जानते हैं अस्पताल में क्या सब, कब से है:-

समाजसेवी के द्वारा 1955 ईस्वी में अपने सहयोग की राशि से अस्पताल का निर्माण किया। अस्पताल की अपनी लगभग एक एकड़ 25 डिसमिल भूमि है। जिसमें चहारदीवारी बना हुआ है।

अस्पताल में विभिन्न है कमियां जाने-


मरीजों का इलाज 70 साल पुराना जर्जर भवन में किया जाता है, सुलभ शौचालय नहीं है, पेयजल की सुविधा नदारत है, आधुनिक उपकरणों की कोई व्यवस्था नहीं है, महिलाओं के परिवार नियोजन का नहीं है कोई व्यवस्था, रखरखाव की नहीं है कोई व्यवस्था।

जानिए मरीजों की स्थिति-


एक माह में लगभग 50 से 60 महिलाओं का किया जाता है प्रसव। प्रत्येक दिन दर्जनों मरीज आते हैं इलाज कराने। नर्स के अनुपस्थिति में महिला मरीजों का इलाज पुरुष जीएनएम के द्वारा किया जाता है।

Advertisements

अस्पताल में पद स्थापित कर्मियों की संख्या जाने क्या है-

मनीषा कुमारी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ,रिंकू कुमारी एवं रूना कुमारी एएनएम , हरिबिलोनिया जीएनएम , शम्भू यादव परिचारिक कर्मी,के अलावे तीन सुरक्षा गार्ड हैं। दोनों एएनएम प्रत्येक दिन टीकाकरण के लिए रहती है क्षेत्र में।

जानते हैं क्या कहते हैं क्षेत्र के ग्रामीण-

अस्पताल के संबंध में क्षेत्र के ग्रामीण बताते हैं कि यह अस्पताल 70 साल पुराना अस्पताल है जिस भवन में वर्तमान समय में मरीज का इलाज किया जा रहा है। वह जर्जर हो चुका है। जिस पर किसी पदाधिकारी का ध्यान नहीं है। कभी भी बड़ी दुर्घटना घटित हो सकता है। कहा 2011/12 में करोड़ों की लागत से नए भवन का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था जो विभाग के उदासीन रवैया के चलते संवेदक कार्य छोड़कर फरार हो गया। जिस पर आज तक कोई ना तो कार्रवाई की गई और ना ही भवन निर्माण कार्य को पूर्ण किया गया है। लोगों ने कहा यह इलाका ग्रामीण सुदूर इलाका है। यहां से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर अनुमंडल अस्पताल है, 10 किलोमीटर की दूरी पर प्रखंड अस्पताल है, और 60 किलोमीटर की दूरी पर जिला अस्पताल है ऐसी स्थिति में मरीज करे तो क्या करें। पैसा के अभाव में या तो मरीज का जीवन चला जाता है या नहीं तो निजी अस्पतालों में कर्ज-उधार लेकर इलाज करवाना पड़ता है। लोगों ने कहा बिहार सरकार केवल बड़े-बड़े विकास कि बातें किया करते हैं, परंतु नरपतगंज प्रखंड क्षेत्र के सीमावर्ती पंचायत में बने अस्पताल का कोई विकास नहीं किया जाता हैं।

आईए जानते हैं जनप्रतिनिधियों की राय:-


इस बाबत लोजपा जिला अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह ने बताया कि अस्पताल की समस्या को लेकर जिला पदाधिकारी अररिया एवं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के पास मांग पत्र सौंप कर आगामी विधानसभा चुनाव से पूर्व अस्पताल की समस्या को दूर करने का अनुरोध करेंगे।

जिला उपाध्यक्ष रामवृक्ष पासवान, जिला महामंत्री ए० के० राय, जिला सचिव रवि कुमार ठाकुर, मोहम्मद कासिम के अलावे वार्ड सदस्य गिरानंद पासवान, ग्रामीण रामाधीन पासवान, कारी यादव, आदि दर्जनों लोगों ने कहा कि हम लोग राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान एवं जिला पदाधिकारी अररिया से अनुरोध करते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव से पूर्व जनहित को देखते हुए अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नवाबगंज का निर्माण निर्माणाधीन अर्ध निर्मित भवन का निर्माण कार्य को पूर्ण करवाते हुए सभी तरह के स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करावे।

Related posts

SSP अवकाश कुमार ने किया बाईपास थाना का औचक निरीक्षण

बहन से इश्क करता था इस लिए भाई ने प्रेमी को मार डाला

राम कृष्ण नगर थाना में होली को लेकर शांति समिति की बैठक