आज नीतीश कुमार का जन्मदिन, मुन्ना से बिहार के मुख्यमंत्री बनने का सफर

Advertisements

&NewLine;<p><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong><mark style&equals;"color&colon;&num;cf2e2e" class&equals;"has-inline-color has-vivid-red-color">पटना&lpar;अजीत यादव&rpar;&colon;<&sol;mark><&sol;strong> बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जन्म 1 मार्च&comma; 1951 को पटना &lpar;बिहार&rpar; के एक गांव बख्तियारपुर में हुआ था&period;घर में मां पिता भाई बहनों के दुलारे मुन्ना से बिहार के मुख्यमंत्री बनने का सफर भी बड़ा संघर्षपूर्ण और रोचक रहा है&period; नितीश कुमार के पिता राम लखन सिंह स्वत्रंता सेनानी और विख्यात गांधीवादी नेता और भारत की संविधान सभा के सदस्य डॉ&period; अनुराग नारायण सिन्हा के करीबियों में से एक थे&period; सिन्हा को बिहार विभूति की उपाधि से भी नवाजा गया था&period; <&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>नीतीश कुमार का पारिवारिक नाम मुन्ना है&period; नीतीश कुमार ने बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग&comma; पटना से अभियांत्रिकी में स्नातक की पढ़ाई संपन्न की&period; वर्ष 1973 में इन्होंने पेशे से अध्यापिका मंजू कुमारी सिन्हा से विवाह किया&period; इन दोनों का एक बेटा भी है&period; लेकिन वर्ष 2007 में 53 वर्ष की उम्र में इनकी पत्नी का देहांत हो गया।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>नीतीश कुमार प्रगतिवादी और व्यवहारिक सोच वाले नेता हैं&period; वह जनता दल यूनाइटेड के एक अग्रणी और प्रतिष्ठित नेता हैं&period; वह नई विचारधारा से प्रभावित लेकिन गंभीर व्यक्तित्व के स्वामी हैं&period;नीतीश कुमार समाजवादी राजनीतिज्ञों की श्रेणी से संबंध रखते हैं&period; इन्होंने राम मनोहर लोहिया&comma; जयप्रकाश नारायण&comma; वी&period;पी सिंह जैसे राजनैतिक दिग्गजों की देख-रेख में राजनीति के सभी पक्षों को ध्यान से समझा है&period; <&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>नीतीश कुमार ने वर्ष 1974 से 1977 तक चले जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में बढ़-चढ़ कर अपनी भागीदारी निभाई।उन्होंने सबसे पहले वर्ष 1985 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में बिहार विधानसभा में पपदार्पण किया&period; वर्ष 1987 में नीतीश कुमार युवा लोक दल के अध्यक्ष बनाए गए&period; इसके बाद वर्ष 1989 में वह बिहार में जनता दल इकाई के महासचिव और नौवीं लोकसभा के सदस्य बनाए गए&period; <&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>लोकसभा में अपने पहले कार्यकाल के दौरान नीतीश कुमार केन्द्रीय राज्य मंत्री बनाए गए&period; उन्हें भूतल परिवहन और रेलवे मंत्रालय का भार सौंपा गया&period; लेकिन गैसल में हुई भीषण ट्रेन दुर्घटना के बाद उन्होंने इस पद से इस्तीफा से दिया और कृषि मंत्री बने।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>वर्ष 1991 में नीतीश कुमार दोबारा लोकसभा के लिए चुने गए और साथ ही राष्ट्रीय स्तर के महासचिव बनाए गए&period; उन्होंने लगातार वर्ष 1989 से 2004 तक बाढ़ निवाचन क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव जीता&period; वर्ष 2001 से 2004 के बीच एनडीए की सरकार के कार्यकाल के दौरान नीतीश कुमार ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर रेल मंत्रालय संभाला&period; वर्ष 2004 में नीतीश कुमार ने नालंदा और बाढ़ दोनों जगहों से चुनाव लड़ा&comma; जिसमें उन्हें नालंदा निर्वाचन क्षेत्र में तो जीत प्राप्त हुई लेकिन वह अपने पारंपरिक क्षेत्र बाढ़ में हार गए&period;<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>पहली बार मार्च 2000 में वह मुख्यमंत्री पद पर आसीन हुए लेकिन बहुमत साबित ना कर पाने के कारण केवल 7 दिनों में ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा&period; लेकिन जब वर्ष 2005 में लालू यादव के पंद्रह वर्ष से चले आ रहे एकाधिकार को समाप्त कर नीतीश कुमार ने एनडीए गठबंधन को बिहार विधानसभा चुनाव में जीत दिलवाई तब उन्हें ही प्रदेश का मुख्यमंत्री निर्वाचित किया गया&period;17 मई 2014 को उन्होंने भारतीय आम चुनाव&comma; 2014 में अपने पार्टी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और उसके बाद 68 वर्षीय जीतन राम मांझी ने बिहार के 23वें मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>नीतीश कुमार ने ही मुख्यमंत्री के रूप में जीतन राम मांझी के नाम की पेशकश की थी। हालांकि&comma; वह बिहार में राजनीतिक संकट के चलते फरवरी 2015 में कार्यालय में लौट आये और नवंबर 2015 की बिहार विधान सभा चुनाव&comma;२०१५ जीता। वह 10 अप्रैल 2016 को अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित हुए। 2019 के आगामी चुनाव में कई राजनेताओं लालू यादव&comma; तेजस्वी यादव और अन्य ने भारत में प्रधानमंत्री पद के लिए उन्हें प्रस्तावित किया<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>हालांकि उन्होंने ऐसी आकांक्षाओं से इनकार किया। 26 जुलाई&comma; 2017 को सीबीआई द्वारा एफआईआर में उपमुख्यमंत्री और लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेजस्वी यादव के नामकरण के कारण नीतीश कुमार ने फिर से बिहार के मुख्यमंत्री पद से गठबंधन सहयोगी आरजेडी के बीच मतभेद के चलते इस्तीफा दे दिया था। कुछ घंटे बाद&comma; वह एनडीए गठबंधन में शामिल हुए और मुख्यमंत्री पद की पुनः शपथ ली।2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार ने एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली&period; वे सातवीं बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं।<&sol;p>&NewLine;

Advertisements

Related posts

पटना में अवैध पार्किंग पर चला विशेष अभियान, 10,000 का जुर्माना वसूला

छात्रों में जागरूकता बढ़ाने हेतु पुलिस का विशेष कार्यक्रम

सर्वमंगला सांस्कृतिक मंच द्वारा प्रतिभा खोज कार्यशाला, बच्चों और युवाओं ने दिखाई कला की चमक