दानापुर (अजित यादव). कभी जेल से चुनाव जीतकर सुर्खियों में आए राजद विधायक रीत लाल यादव ने एक बार फिर कानून के दरवाज़े पर दस्तक दी है. गुरुवार को उन्होंने अपने भाई पिंकू यादव, करीबी सहयोगी चिक्कू यादव, श्रवण यादव समेत अन्य लोगों के साथ दानापुर व्यवहार न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया. न्यायालय में सरेंडर करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए विधायक अमित लाल यादव ने अपनों पर रंगदारी का आरोपी को गलत बताया बोला जमीन का कारोबार का मामला है वह लोग राजनीतिक रूप से हमें फसाना चाह रहा है आगामी चुनाव में हमें डैमेज करना चाह रहे हैं कई लोग हैं जो सत्ता के पावर से हमें फसाना चाह रहे हैं. दानापुर से चुनाव लड़ने के कई लोग इच्छुक हैं वहीं सत्ता से जुड़े कई लोग उनकी हत्या करना चाह रहे हैं. विधायक ने कहा के दानापुर की जनता उनके साथ है और वह फिर आगामी चुनाव लड़ेंगे और यहां से उनकी भारी जीत होगी विरोधी घबरा गए हैं इसलिए उन्हें तरह-तरह से फ़साने का षड़यंत्र रच रहे हैं..
यह सरेंडर एसीजीएम-5 प्रियंका कुमारी की अदालत में हुआ, जहां पहले से उनके अधिवक्ता और राजद नेता नवाब आलम, सुमित समेत कई पार्टी कार्यकर्ता भी मौजूद थे. कोर्ट परिसर में भारी संख्या में समर्थकों की भीड़ जुटी रही जिससे पूरे दानापुर इलाके में हलचल मच गई.
रीत लाल यादव का नाम लंबे समय से विवादों में रहा है. वर्ष 2000 के दशक में गैंगवार और आपराधिक मामलों में उनका नाम सुर्खियों में रहा. कई वर्षों तक जेल में रहने के बाद उन्होंने वहीं से चुनाव लड़ा और जीत भी दर्ज की. अब एक बार फिर फर्जी दस्तावेज निर्माण, रंगदारी और जान से मारने की धमकी के आरोपों में वह न्यायालय पहुंचे हैं.
गौरतलब है कि 11 अप्रैल को पुलिस ने विधायक और उनके करीबियों से जुड़े 11 ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस दौरान 10.5 लाख रुपये नकद, जमीन कब्जे से जुड़े 14 दस्तावेज, 17 चेकबुक, पांच स्टांप पेपर, छह पेन ड्राइव और एक वॉकी-टॉकी बरामद हुआ था.
फिलहाल मामला न्यायिक प्रक्रिया में है, लेकिन जिस तरह से एक बार फिर विधायक को जेल जाने की नौबत आ रही है, उससे राजनीतिक गलियारों में भी चर्चाओं का दौर तेज हो गया है