अंतर्राष्टीय नशा मुक्ति दिवस : मजबूत आत्मबल से नशा की लत को त्यागना आसान

अररिया(रंजीत ठाकुर): मादक पदार्थों का सेवन आज दुनिया की बड़ी आबादी को गंभीर नुकसान पहुंचा रहा है। नियमित नशापान आर्थिक हानि के साथ-साथ कैंसर, टीबी, मानसिक बीमारी, हृदय रोग सहित अन्य कई गंभीर बीमारियों का प्रमुख कारण है। वहीं समाज में बढ़ते आपराधिक घटनाओं के पीछे भी नशापान प्रमुख रूप से जिम्मेवार है। नशापान से होने वाले नुकसान व इस बुरी लत को त्यागने के लिये आम लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से 26 जून को हर साल अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस के रूप में मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय नशामुक्ति दिवस के मौके पर जिले में जागरूकता संबंधी कई गतिविधियों का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न सामाजिक, सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा आयोजित इन कार्यक्रम में नशापान से होने वाले नुकसान के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए नशापान नहीं करने व इसके लिये समाज में अन्य लोगों को जागरूक करने के लिये लोगों को संकल्प दिलाया गया। जिले के सभी चिकित्सा संस्थानों में इसे लेकर विशेष आयोजन किये गये। जहां लोगों ने सामूहिक रूप से शपथ लेते हुए नशापान से दूर रहने व इसके लिये अन्य लोगों का प्रेरित करने का संकल्प लिया। स्थानीय लोगों की इसमें बड़ी भागीदारी देखी गयी।

15 साल से अधिक उम्र के 53 फीसदी लोग नशापान के आदी
जिले में नशापान से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें जिले की बड़ी आबादी किसी न किसी रूप में नशापान का आदी हैं। इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं। एनएफएचएस हालिया रिपोर्ट के मुताबिक जिले में 15 साल या इससे अधिक उम्र की 12.3 फीसदी महिलाएं तंबाकू का सेवन करती हैं। वहीं जिले में 15 साल से अधिक उम्र के 53.2 फीसदी लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू या इससे बने अन्य उत्पाद का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक0.2 फीसदी महिलाएं अल्कोहल का सेवन कर रही हैं। वहीं 15 साल से अधिक आयु वर्ग के 8.4 फीसदी लोग जिले में अल्कोहल का सेवन करते हैं।

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मजबूत आत्मबल से नशा की लत निजात पाना संभव
सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य व मानवीय संकटों में मादक द्रव्य चुनौतियों का समाधान थीम पर इस वर्ष पूरी दुनिया में अंतर्राष्टीय नशा मुक्ति आयोजित किया जा रहा है। नशापान पूरी दुनिया सामाजिक, आर्थिक व स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण चुनौतियां पेश कर रहा है। इसलिये हमें अपने युवाओं को इसके लत से बचाना होगा। नशापान कैंसर, हृदय रोग, टीबी, डायबिटीज की संभावना को मजबूती देता है। उन्होंने कहा कि मजबूत आत्मबल की मदद से कोई भी व्यक्ति नशापान के बुरी से बुरी लत को भी आसानी से त्याग सकता है। योग, प्राणायाम इसमें बहुत हद तक मददगार है। इस बुरी लत से बचने के लिये लोगों को अधिक से अधिक समय अपने परिवार वालों के साथ बिताना चाहिये। इसके लिये सरकार व निजी स्तर पर नशा मुक्ति केंद्र संचालित किये जाते हैं। आसानी से लोग इसका लाभ उठा सकते हैं।

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