राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत संचालित गतिविधियों को प्रभावी बनाने की हो रही पहल

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&NewLine;<p><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong>अररिया&lpar;रंजीत ठाकुर&rpar;&colon; <&sol;strong>राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम जन्म से लेकर 18 साल की आयु तक के बच्चों में होने वाले जन्मजात दोष&comma; विकासात्मक बाधाएं&comma; नि&colon;शक्तता व बीमारियों की समय पर पहचान व इसके निदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। आरबीएसके के माध्यम से प्रखंडवार संचालित चलंत चिकित्सा दल के माध्यम से नियमित अंतराल पर क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले विद्यालय व आंगनबाड़ी केंद्रों पर विशेष कैंप आयोजित किये जाते हैं। इसमें पोषक क्षेत्र के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करते हुए रोगग्रस्त बच्चों को चिह्नित करते हुए उनके उपचार का समुचित इंतजाम कराने के लिये जिम्मेदार है। । इसी कड़ी में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के राज्य सलाहकार मो इम्तियाज ने शुक्रवार को जिले के विभिन्न पीएचसी व आंगनबाड़ी केंद्रों का भ्रमण कर आरबीएसके के तहत संचालित विभिन्न गतिविधियों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस क्रम में उन्होंने योजना के प्रभावी क्रियान्वयन व अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ उपलब्ध कराने को लेकर कई जरूरी निर्देश दिये।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong>बिना किसी भेदभाव के होता है बच्चों का नि&colon;शुल्क इलाज &colon;<&sol;strong><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>निरीक्षण के उपरांत आरबीएसके के राज्य सलाहकार मो इम्तियाज ने कहा कि नीति आयोग द्वारा अररिया जिले को एस्प्रेसनल जिले की सूची में शामिल किया गया है। जिले में स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार के संचालित कार्यों के नियमित अनुश्रवण व निरीक्षण की जिम्मेदारी सभी राज्य स्तरीय अधिकारियों को सौंपी गयी है। इसी क्रम में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम द्वारा संचालित गतिविधियों में तेजी लाने के उद्देश्य से इसका अनुश्रवण किया जा रहा है। शुक्रवार को जिले के अररिया&comma; रानीगंज&comma; फारबिसगंज व भरगामा प्रखंडों में सरकार के इस महत्वकांक्षी योजना का अनुश्रवण किया गया है। योजना से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं की अभी ओर समीक्षा की जानी है। उन्होंने कहा आरबीएसके सरकार की ऐसी योजना है। जिसमें धर्म&comma; जाति व आय सहित अन्य आधार पर किसी से कोई भेद नहीं किया जाता है। इसमें समाज के हर वर्ग व तबका के 0 से 18 साल तक के बच्चों में होने वाले गंभीर से गंभीर रोगों के नि&colon;शुल्क इलाज का इंतजाम है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong>गंभीर रोग से ग्रसित बच्चों का इलाज हुआ आसान &colon;<&sol;strong><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक डॉ तारिक जमाल ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 0 से 18 साल तक के बच्चों में होने वाले कुल 30 तरह के गंभीर रोगों के नि&colon;शुल्क इलाज का इंतजाम है। आरबीएसके के माध्यम से संचालित मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना की मदद से हृदय में जन्मजात छेद से ग्रसित जिले के कई बच्चों को नया जीवनदान मिला है। इतना ही नहीं बच्चों में होने वाले न्यूरल ट्यूब की खराबी&comma; डाउन सिंड्राम&comma; कटे होठ व तालू&comma; जन्मजात मोतियाबिंद व बहरापन&comma; दृष्टि संबंधी दोष ही नहीं बच्चों के विकासात्मक कमियां जैसे ज्ञानबोध का विलंब&comma; भाषा विलंब&comma; व्यवहारगत विसंगति सीखने का क्रम भंग ध्यान की कमी सहित अन्य समस्याओं का समुचित इलाज का नि&colon;शुल्क इंतजाम हैं। जरूरतमंदों को इसका ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाना चाहिये।<&sol;p>&NewLine;

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