जिले में टेली कंस्लटेंशन सेवाओं को अधिक प्रभावी बनाने पर जोर

अररिया, रंजीत ठाकुर दुरूस्थ इलाके के लोगों तक गुणवत्तापूर्ण चिकित्सकीय सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से जिले ई संजीवनी टेली कंस्लटेंशन सेवा संचालित की जा रही है। यह एक ऐसी चिकित्सा सेवा है। जिसमें इंटरनेट, फोन कॉल्स, वीडियो कांफ्रेसिंग सहित अन्य डिजीटल माध्यम के जरिये लोगों को जरूरी चिकित्सकीय सेवाओं का लाभ उपलब्ध कराया जाता है। इसकी मदद से मरीज को बिना अस्पताल गये विशेषज्ञ चिकित्सकों की मदद से अपनी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान मिल जाता है। मतलपा सकते हैं। सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच व इलाज के लिये बार-बार लोगों को अस्पताल आने की मजबूरी से निजात दिलाने में टेली कंस्लटेंशन सेवाएं बेहद उपयोगी है। लिहाजा स्वास्थ्य विभाग टेली कंस्लटेंशन सेवाओं को जिले में अधिक प्रभावी व उपयोगी बनाने की पहल कर रहा है।

बेहद महत्वपूर्ण है टेली कंस्लटेंशन सेवाओं का सफल संचालन


जिला कार्यक्रम समन्वयक राकेश कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक प्रभावी बनाने में टेली कंस्लटेंशन सेवाओं का सफल संचालन बेहद महत्वपूर्ण है। दुर्गम इलाके में बसे लोगों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच इससे आसान हुई है। टेली कंस्लटेंशन से मरीजों को इलाज के लिये चिकित्सकों केक पास जाने मजबूरी नहीं होती है। दूरस्स्थ संपर्क से उनकी चिकित्सकीय जरूरतें पूरी हो जाती है। इससे मरीजों का पैसा व समय की बचत होती है। साथ ही इलाज में होने वाली परेशानियों से भी उन्हें निजात मिल जाता है। इसके अलावा आपातकालीन स्थितियों में भी मरीजों को प्राथमिक देखभाल की सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध हो जाता है।

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सेवा को अधिक प्रभावी बनाने की हो रही पहल


जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम संतोष कुमार ने बताया कि जिले में टेली कंस्लटेंशन सेवाओं को अधिक प्रभावी व उपयोगी बनाने पर जोर दिया जा रहा है। ताकि सुदूरवर्ती इलाकों तक गुणवत्तापूर्ण चिकित्सकीय सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराया जा सके। जानकाकरी देते हुए उन्होंने बताया कि बीते अगस्त माह में कुल 3025 मरीजों को टेली कंस्लटेंशन सेवाओं का लाभ उपलब्ध कराया गया है। जो निर्धारित लक्ष्य की तुलना में काफी कम है। इसमें सुधार को लेकर जरूरी पहल की जा रही है।
मासिक उपलब्धि 80 फीसदी से कम होने पर होगी कार्रवाई

टेली कंस्लटेंशन सेवाओं की समीक्षा में पाया गया है कि बीते अगस्त माह में किसी भी हब द्वारा प्रतिदिन 50 या इससे अधिक मरीजों को संबंधित सेवा उपलब्ध नहीं कराया गया। सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने इस पर असंतोष जताते हुए इसमें सुधार को लेकर संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिये हैं। उन्होंने सभी प्रखंड अंतर्गत संचालित हब से प्रतिदिन कम से कम 50 या इससे अधिक मरीजों को टेली कंस्लटेंशना सेवा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि सितंबर माह में किसी हब की उपलब्धि 01 हजार से कम होती है। तो संबंधित अधिकारी व कर्मी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी। प्रखंडवार संचालित हब द्वारा निर्धारित लक्ष्य की तुलना में 80 प्रतिशत उपलब्धि सुनिश्चित कराने का निर्देश सिविल सर्जन ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को दिया है।

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