बच्चों के मौत संबंधी कारणों की जांच के लिये प्रभावित गांव पहुंची राज्यस्तरीय टीम

अररिया, रंजीत ठाकुर जिले के रानीगंज प्रखंड अंतर्गत मझुआ पूरब पंचायत के चिरवाहा वार्ड संख्या 11 में बीते एक पखवाड़ा के दौरान अज्ञात कारणों से पांच बच्चों की हुई मौत मामले की जांच को लेकर आठ सदस्यीय विशेष राज्यस्तरीय टीम गुरूवार को प्रभावित गांव पहुंची। विशेष जांच टीम ने प्रभावित गांव पहुंच कर प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। घटना के संबंध में उनसे विस्तृत जानकारी ली। टीम ने स्थानीय ग्रामीण व स्वास्थ्य अधिकारियों से मौत के संभावित कारणों के बारे में जरूरी पूछताछ की। बच्चों की मौत के कारणों का पता लगाने के लिये टीम के सदस्यों ने गांव के भौगोलिक व पर्यावरणीय स्थिति का जायजा लिया। प्रभावित गांव में अलग-अलग स्थानों से मच्छर, पानी व चूहों के सैंपल के तौर पर जुटाये गये। ताकि मौत के सही कारणों तक पहुंचा जा सके। आठ सदस्यीय टीम में राज्य सर्वेक्षण पदाधिकारी डॉ रंजीत कुमार, डब्ल्यूएचओ के राज्य प्रतिनिधि डॉ राजेश वर्मा, कीट वैज्ञानिक प्रशांत कुमार, पूर्वी चंपारण के डीवीबीडीसी अभिषेक कुमार, डीवीबीडीसी शिवहर मोहन कुमार, डीवीबीडीसी मधेपुरा मुकेश कुमार उपाध्याय, डीवीबीडीसी सिवान नीरज कुमार सिंह, डीवीबीडीसी सिवान जावेद मियांदाद शामिल थे।

संभावित विभिन्न कारणों को ध्यान में रख कर की जा रही जांच

बच्चों के मौत से संबंधित कारणों की जांच के लिये पहुंचे विशेष टीम में शामिल राज्य सर्वेक्षण पदाधिकारी डॉ रंजीत कुमार ने बताया कि टीम ने जांच के लिये गांव से मच्छर, अलग-अलग स्थानों से पानी के नमूने जुटाये हैं। गांव के चूहे व लार्वा की भी जांच की जानी है। मालूम चला है कि 10-15 फीट के लेबल पर उपलब्ध पानी ही ग्रामीण अपने रोजमार्रा की जरूरतों के लिये इस्तेमाल करते हैं। पानी के नमूने की भी जांच की जायेगी। बच्चों के पोषण के स्तर की जांच के लिये बच्चों का उम्र वजन, लंबाई पोषण के स्तर की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि ऐसी जानकारी मिली है कि जो बच्चे प्रभावित हुए हैं।

कहीं न कहीं कुपोषण के शिकार रहे हैं। उन्होंने कहा कि गांव के सामाजिक, आर्थिक संरचना, लोगों का रहन-सहन, खान-पान, शिक्षा का स्तर सहित अन्य मामलों को जांच में शामिल किया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि कुछ साल पहले इसी तरह दो-तीन दिन में ही गांव के 12 बच्चे की मौत हुई थी। गांव में हर साल एक दो बच्चों के मौत की जानकारी ग्रामीणों ने दी है। सभी बिंदूओं को ध्यान में रखते जांच की जा रही है। जांच प्रक्रिया पूर्ण होने पर आगामी 14 सितंबर को संबंधित रिपोर्ट राज्य सरकार को उपलब्ध कराये जाने की जानकारी उन्होंने दी।

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जांच पूरी होने तक ग्रामीणों को एहतियात बरतने की दी सलाह

गांव के बच्चों की अचानक व रहस्यमय तरीके से हुई मौत से स्थानीय ग्रामीण बेहद चिंतित दिखे। प्रभावित अरविंद ऋषिदेव, लवकुश ऋषिदेव, मनू ऋषिदेव सहित अन्य ने बताया कि गांव में बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। और इलाज के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। मौत के कारणों का पता नहीं लग पाने की वजह से गांव में भय व असुरक्षा का माहौल व्याप्त है। लोग अपने बच्चों की सेहत को लेकर खासा चिंतित है। जांच पूरी होने तक उनके मन में डर बना रहेगा। गांव के मुखिया प्रतिनिधि धमेंद्र कुमार यादव व गांव के बुजुर्गों ने कहा कि उन्हें राज्य स्तरीय टीम की जांच का बेसब्री से इंतजार है।

मौके पर मौजूद स्वास्थ्य अधिकारी डीआईओ डॉ मोईज, डीपीएम संतोष कुमार, एमओआईसी रानीगंज डॉ रोहित कुमार झा, बीवीडीसीओ ललन कुमार, राम कुमार सहित अन्य ने जांच नतीजे आने तक ग्रामीणों को विशेष एहतियात बरतने की सलाह दी। किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करने की सलाह ग्रामीणों को दी गयी। इस क्रम में सीडीपीओ रानीगंज संगीता कुमारी, बीएचएम प्रेरणा रानी वर्मा, बीसीएम राजा वसीम, एलएस आयशा फातिमा सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे ।

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