मिथिला का पवित्र त्यौहार सामा चकेवा हर्षोल्लास के साथ मनाया गया!

अररिया(रंजीत ठाकुर): पूरे जिले में मिथिला का पवित्र त्यौहार सामा चकेवा हर्षोल्लास के साथ आज रविवार को मनाया गया. भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक यह सामा चकेवा पूरे मिथिलांचल में काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की पूर्णिमा को यह त्योहार मनाया जाता है. इस दिन देर रात्रि को महिलाऐं पारंपरिक सामा चकेवा के गीत गाती हैं। बहने लड्डू, पेड़ा,बताशा, मूढ़ी, चूड़ा आदि से भाई की झोली भरती है। बहनों अपने भाइयों के सलामती की दुआ करती है.

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सामा,चकेवा, चुगला एवं पक्षियों की मूर्ति द्वारा सामा चकेवा खेला जाता है और फिर चुगले का मुंह जलाया जाता है. कहा जाता है कि भगवान कृष्ण ने अपनी पुत्री सामा को चुगला की चुगली के कारण पक्षी बनने की सजा दी। सामा के भाई चकेवा ने त्याग और तपस्या के बल पर अपनी बहन सामा को फिर से मनुष्य रूप में पाया और तब से बहनें इस त्यौहार को प्रत्येक वर्ष काफी हर्षोल्लास से मनाती हैं।

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