धूमधाम से मनाया गया विश्व फिजियोथैरेपी दिवस : रीना त्रिपाठी

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&NewLine;<p><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong>लखनऊ&comma; &lpar;न्यूज़ क्राइम 24&rpar;<&sol;strong>  संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के फिजियोथैरेपी विभाग में धूमधाम से मनाया गया विश्व फिजियोथैरेपी दिवस पी जी आई के फिजियोथैरेपी विभाग में8 सितंबर को डॉक्टर सिद्धार्थ राय एडिशनल प्रोफेसर पी एम आर की अध्यक्षता में डॉ&period;एस के शर्मा &comma;डॉ&period;कमल गुप्ता फिजियोथैरेपिस्ट &comma;डॉ&period;रामजीत राम डॉ&period;रंजीत राम आधुनिक मेडिकल साइंस में धूम धाम से मनाया गया। एडिशनल प्रोफेसर ने सभी को बताया कि फिजियोथेरेपी का महत्व दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।आज के समय में कई बड़ी-बड़ी समस्याएं सिर्फ फिजियोथेरेपी से ठीक हो जा रही हैं।फिजियोथेरेपी सिर्फ इलाज का ही हिस्सा नहीं है&comma; बल्कि यह चोटों से बचाव&comma; शारीरिक फिटनेस और जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। <&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>सीनियर फिजियोथैरेपिस्ट डॉ एसके शर्मा ने बताया कि इस वर्ष&comma; 2025&comma; विश्व फिजियोथेरेपी दिवस का थीम &&num;8221&semi; स्वस्थ उम्र बढ़ना &&num;8221&semi; है&comma; जिसमें कमजोरी और गिरने से बचाव पर विशेष ध्यान दिया गया है। यह थीम स्वस्थ उम्र बढ़ने को प्रोत्साहित करने के लिए व्यायाम और भौतिक चिकित्सा के महत्व पर जोर देती है&comma; जिसमें बुजुर्गों में कमजोरी कम करने और गिरने से बचाने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। आज सेमीनार के माध्यम से प्रशिक्षण ले रहे बच्चों को और पेशेंट और उनके तिमादारों को फिजियोथेरेपी के महत्व के बारे में बताया गया।फिजियोथेरेपिस्ट आपके दर्द को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग करते हैं&comma; जैसे कि मालिश&comma; स्ट्रेचिंग और हीट थेरेपी तथा अन्य आधुनिक तकनीकी मशीनों के माध्यम से लेजर थेरेपी अस्पताल तथा घर में फिजियोथेरेपिस्ट के निर्देशन में इलाज किया जाता हैयदि मरीज को कोई गतिविधि असहज लगती है&comma; तो वे मरीज की सहनशीलता के अनुसार&comma;फिजियोथेरेपी करते हैं।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>पीजीआई में फिजियोथेरेपी चिकित्सा ले रही समाजसेविका रीना त्रिपाठी ने बताया कि आज के समय में पीठ का दर्द&comma; गर्दन का दर्द&comma; फ्रोजन सोल्डर गठिया और पार्किंसंस रोग जैसी तंत्रिका संबंधी बीमारियां होना आम बात हो गई है और इन सभी का बिना दवा के योग अभ्यास फिजियोथैरेपी एक्सरसाइज व विभिन्न प्रकार की थेरेपी के माध्यम से इलाज किया जा सकता है इस विधा की जानकारी मुझे खुद दिक्कत होने के बाद हुई यदि पहले से पता होता तो शायद ऐसी समस्याएं हमारे समाज में ना हो &comma;यह उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है जो अपनी मांसपेशियों की ताकत और लचीलेपन में सुधार करना चाहते हैं। अतः सभी को इस आधुनिक चिकित्सा सुधार पद्धति से जोड़ना चाहिए जिससे दबाव के साइड इफेक्ट से भी बचा जा सकेगा और योगाभ्यास तथा अनुशासित जीवन पद्धति खड़े होने उठाने और बैठने के सही तरीकों का ज्ञान हो पाएगा।<&sol;p>&NewLine;

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