विश्व स्तनपान सप्ताह: स्तनपान से 20 फीसदी तक कम हो जाती है नवजात के मृत्यु की संभावना

अररिया, रंजीत ठाकुर स्तनपान को बढ़ावा देने व इसके प्रति जन जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से जिले में विश्व स्तनपान सप्ताह आयोजित किया जा रहा है। इसी कड़ी में माताओं को स्तनपान के महत्व से अवगत कराने के उद्देश्य से विभिन्न सरकारी अस्पतालों में हेल्दी बेबी शो का आयोजन किया गया। सदर अस्पताल में सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप की अध्यक्षता में हेल्दी बेबी शो कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ सदर अस्पताल के लेबर रूम, एसएनसीयू, एनआरसी में कार्यरत कर्मी शामिल हुए। हेल्दी बेबी शो प्रतियोगिता में 0 से 02 साल तक के बच्चे व उनकी माताओं ने अपनी भागीदारी निभाई। बेबी शो के लिये निर्धारित विभिन्न मानकों पर खरा उतरने वाले बच्चे की माताओं को कार्यक्रम में आकर्षक उपहार से सम्मानित किया गया। मौके पर सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप, डीआईओ डॉ मोईज, डीपीएम संतोष कुमार, डीएस डॉ आकाश, एचएम विकास कुमार, यूनिसेफ के कंस्लटेंट राकेश शर्मा, पीरामल स्वास्थ्य के राजीव कुमार सहित अन्य मौजूद थे।

स्तनपान से कम होती है नवजात के मृत्यु की संभावना

सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उपस्थित सभी स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मियों को स्तनपान को बढ़ावा देने व इसे प्रोत्साहित करने के लिये हर संभव करने की शपथ दिलाई गयी। सिविल सर्जन ने बताया कि जन्म के तत्काल बाद स्तनपान की प्रक्रिया शुरू हो जाने से नवजात के मृत्यु की संभावना 20 फीसदी तक कम हो जाती है। बच्चों के सर्वांगीण शारीरिक व मानसिक विकास के साथ-साथ उन्हें कुपोषण के खतरों बचाने व माताओं के स्वस्थ व सेहतमंद जिंदगी के लिये उन्होंने स्तनपान को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि जन्म के प्रथम एक घंटे के अंदर स्तनपान शुरू कराने व नवजात के छह माह की आयु पूरी होने तक केवल स्तनपान बच्चों के सुरक्षित व सेहतमंद भविष्य के लिये जरूरी है।

माताओं का शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य होता है बेहतर

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जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मोईज ने बताया कि स्तनपान से बच्चों के व्यस्क होने पर उन्हें विभिन्न गैर संक्रामक रोगों का खतरा अमूमन कम हो जाता है। माताओं के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिहाज से भी स्तनपान जरूरी है। इतना ही नहीं ये महिलाओं को स्तन, ओवरी कैंसर के खतरों से भी बचाता है। सदर अधीक्षक डॉ आकाश ने कहा कि स्तनपान से बच्चों के मस्तिष्क, हृदय व हड्डियों का समुचित विकास होता है। डायरिया, निमोनिया व कुपोषण की समस्या से बच्चों के बचाव में भी यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

विभिन्न स्तरों पर लोगों को किया जा रहा जागरूक

डीपीएम स्वास्थ्य संतोष कुमार ने बताया कि विश्व स्तनपान सप्ताह के मौके पर स्वास्थ्य विभाग व आईसीडीएस के सहयोग से विभिन्न स्तरों पर जागरूकता संबंधी गतिविधियों का आयोजन किया जा र हा है। विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यरत आशा, एएनएम व ममता को स्तनपान के महत्व से अवगत कराते हुए समुदाय स्तर पर लोगों को इसके लिये प्रेरित व प्रोत्साहित करने का प्रयास किया जा रहा है। स्वास्थ्य संस्थानों में विशेष स्तनपान कक्ष स्थापित किये जाने की पहल की जा रही है।

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