सच्चाई जाने बिना अखवार ने की सीनियर पत्रकार की छवि धूमिल करने की कोशिश की

तलवाड़ा(प्रवीण सोहल): पिछले कल एक प्रसिद्ध अखवार के फ्रंट पेज पर ” विधवा की जमीन पर की जा रही धक्के शाही” हैड लाइन से खबर छपी थी l जिसमें तलबाडा की एक पत्रकार महोदया ने बिना सच्चाई जाने एक अखवार के सिनियर पत्रकार पर झूठे और बेबुनियाद इल्ज़ाम लगा कर बिना उसका पक्ष जाने उसकी छवि को पूरी तरह धूमिल करने की कोशिश की।l इस बारे में उक्त जानकारी देते हुए सीनियर पत्रकार अजय ठाकुर दैनिक स्टेट समाचार ने बताया कि उन्होंने लगभग 30 साल पहले यहां मकान बनाया था l और राजकुमारी नामक महिला बासी रेपुर यहां लगभग 8-9 वर्ष पहले यहां जमीन खरीद कर आई थी l आते ही उसने रास्ते पर अपना अधिकार जमाना शुरू कर दिया कि यह सड़क मेरी जमीन में है l परंतु माल विभाग के रिकॉर्ड अनुसार खसरा न. 314 और 315 न. में उक्त महिला की एक कनाल और 3 मरले इसकी मालिकी है और उसमें 4 मरले सड़क है जो जमाबंदी में स्पष्ट रूप से लिखा हुआ है और 4 मरले सड़क लोक निर्माण विभाग की है l जबकि उक्त औरत ने नहर के खसरा न. 313 पर अवैध कब्जा किया है जिसे विभाग ने पिछले हफ्ते ही खाली करने के लिए कहा था l कुछ समय पहले विभाग की तरफ से सड़क रिपेयर का काम शुरू किया गया l परंतु राजकुमारी और उसके परिवार द्वारा विभाग को काम नहीं करने दिया l उसके बाद राजकुमारी ने मुझे मेरे छोटे भाई जो उस समय फौज में कार्यरत था और मेरी बहन जो लगभग पिछले 30 सालों से चंडीगढ में ही रहती है। हम तीनों भाई बहनों तथा लोक निर्माण विभाग पर माननीय कोर्ट में कि हम पैसे वाले लोग हैं और लोक निर्माण विभाग से मिल कर उसकी जमीन पर कब्जा कर के सड़क बना रहे हैं l यहां जिक्रयोग है कि और यह सड़क माल विभाग के अनुसार सन 1972 में बनी थी और इसकी रिपेयर का काम होना था जो कि हर पांच वर्ष बाद रूटीन में होता है l आगे बताते हुए ठाकुर ने कहा कि इसी वर्ष पंचायत ने मोहल्ले के गंदे पानी की निकासी के लिए पाइप डालने का काम शुरू किया गया था l जिस पर उक्त महिला ने कोर्ट को गुमराह करके पंचायत पर केस ना करके दिलबाग सिंह और लाडी पर कोर्ट में केस लगा दिया कि यह दो लोग मेरी जमीन में नालियां डालने का काम कर रहे हैं और कोर्ट द्वारा उक्त महिला को स्टे दे दिया गया और काम बंद करबा दिया परंतु जब कोर्ट ने सम्मन करके इन दोनों को कोर्ट में बुलाया तो कोर्ट में सरपंच देपुर ने व्यान दिया कि उक्त काम पंचायत देपुर ने शुरू किया है ना कि दिलबाग सिंह तथा लाडी ने तब कोर्ट ने स्टे हटाते हुए दोबारा काम शुरू करने का आदेश दिया l जिस पर दोबारा उक्त महिला और उसके परिवार ने काम रोकना शुरू कर दिया और पाइप डालने के लिए खोदी नाली पर पूरा परिवार लेट गया l जिस पर मोहल्ले के लोगों ने इकट्ठे होकर सरपंच की मौजूदगी में इन्हें वहाँ से उठा कर एक तरफ कर दिया मामूली झड़प के बाद सरपंच देपुर ने राजीनामा करबा कर काम शुरू कर दिया l कुछ दिनों बाद ही राजकुमारी ने थाना तलबाडा में मोहल्ले के लोगों पर मारपीट की शिरकत दर्ज करबा दी l जिसका फैसला 22 जनवरी को थाना तलबाडा में दोनों पक्षों के बीच हो गया।

दोनों राजीनामे की फोटो कॉपी दिखाते हुये अजय ठाकुर ने बताया कि उसका इन दोनों राजीनामों में नाम नहीं है और इस औरत का झगड़ा लोक निर्माण विभाग से है जो सड़क रिपेयर कर रहे हैं या फिर पंचायत से जिन्होंने सीवरेज डालने का काम शरू किया। इसमें मेरा क्या कसूर है जो उक्त महिला मुझ पर दोष लगा कर मेरी छवि खराब कर रही है l फिर भी बड़े अफसोस की बात है कि उक्त पत्रकार महोदया ने सच्चाई जाने बिना खबर भेज दी और संपादक महोदय ने भी बिना दूसरा पक्ष डाले खबर प्रकाशित भी कर दी और उपर से कह रही है कि मैंने तुम्हारा नाम नहीं लिखा तुम साबित करो कि खबर तुम्हारे खिलाफ मैंने लगाई है l मेरी पत्रकार महोदया से गुजारिश कि जो उसने अखवार में गांव का कथित एक पत्रकार विभाग से मिल कर उक्त महिला की जमीन से रास्ता निकालना चाहता है शरारती तत्व जैसी भाषा इस्तेमाल की है या तो साबित करे कि कथित पत्रकार उस गांव में मेरे इलावा और है जिससे उक्त महिला का कोई विवाद है या फिर कोर्ट में मैं साबित करूंगा कि कथित पत्रकार कौन है l आगे बताते हुए उन्होंने कहा कि बड़े शर्म की बात है कि इतनी पुरानी और नामी अखवार के संपादक कैसे बिना दूसरे पक्ष को जाने खबर प्रकाशित कर देते हैं मेरी उस अखबार के मुख्य सम्पादक से हाथ जोड़ कर वेनती है कि किसी अच्छे संस्था से अखवार चलाने की शिक्षा लें ताकि आपको सही और गलत खबर की जानकारी हो जाये और आप निष्पक्ष खबर लगा कर अपनी अखवार द्वारा किसी की छवि धूमिल ना कर सकें l और उन्होंने मांग करते हुए सरकार से कहा कि ऐसी अखबारों का लाइसेंस रद्द करने चाहिए जो समाज में झूठ का प्रचार करती हैं और बिना सत्य जाने किसी की छवि खराब करती हैं।

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जब इस समबन्ध में सरपंच देपुर से बात की तो उन्होंने कहा कि कि जब सड़क का काम लोक निर्माण विभाग ने शुरू किया था तो उक्त औरत द्वारा झगड़ा करने पर अधिकारियों ने मुझे फोन करके मौके पर बुलाया था परंतु समझाने के बावजूद भी राजकुमारी ने सड़क नहीं बनने दी l दूसरी बात जब मैंने मोहल्ले में सीवरेज का काम शुरू किया तो भी उक्त महिला ने काम रोका और कोर्ट से स्टे ले लिया। परंतु कोर्ट में मामला स्पष्ट करने पर कोर्ट ने स्टे हटाकर काम शुरू करने का आदेश दिया।

उक्त महिला द्वारा काम रोकने पर मामूली कहासुनी मोहल्ले के लोगों के साथ हुई जिससे मैंने मौके पर राजीनामा करबा कर दोबारा काम शुरू करा दिया l कुछ समय बाद राजकुमारी ने थाने में शिकायत की थी जिसमें भी मैंने दोनों पक्षों का समझोता करबा दिया था l परन्तु अजय ठाकुर इन दोनों समय उपस्थित नहीं था ।इस खबर की सच्चाई जानने के लिये जब दैनिक स्टेट समाचार के हाजीपुर के सवांददाता सोम राज क्लोत्रा से उस अखबार की आदरणीय पत्रकार से बातचीत कर के उनका पक्ष जानना चाहा तो उनका कहना था कि मैने उस खबर में किसी पत्रकार का नाम नही लिखा।उल्टा जब मैने उनसे उनका पक्ष रखने को कहा तो उन्होंने मुझसे बतमीजी से बात की।बाकी मेने उनका कहीँ पर भी नाम नही लिखा ।वह खुद ही मीडिया को बता रहे है कि वह वो पत्रकार है जिनके बारे में खबर में जिक्र है।बाकी एक विधवा पर ओर उसके परिवार से मारपीट करना कहाँ का इंसाफ़ है।

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