जहां होगा अधिकारों का हनन, वहां खड़ा मिलेगा ‘द अधिकार फाउंडेशन’

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&NewLine;<p><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong>पटना&sol;फुलवारीशरीफ&comma; अजित।<&sol;strong> राजधानी पटना में बुधवार को एक नए सामाजिक संगठन &OpenCurlyDoubleQuote;द अधिकार फाउंडेशन” का भव्य शुभारंभ किया गया&period; संगठन का उद्देश्य समाज में अधिकारों की रक्षा&comma; सामाजिक न्याय की स्थापना और हर उस व्यक्ति के साथ खड़ा रहना है जिसके अधिकारों का हनन हो रहा है&period;कार्यक्रम का संचालन द अधिकार फाउंडेशन”के उपाध्यक्ष अजीत कुमार ने किया।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>फाउंडेशन के सूत्रधार मुकुंद कुमार सिंह एवं सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों — शिक्षा&comma; समाजसेवा&comma; पत्रकारिता&comma; संस्कृति और युवा संगठनों से जुड़े लोगों ने हिस्सा लिया और अपने-अपने विचार रखे&period; दोनों ने कहा कि &OpenCurlyDoubleQuote;जहां होगा अधिकारों का हनन&comma; वहां खड़ा मिलेगा द अधिकार फाउंडेशन।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने संस्कृत भाषा के पुनर्जीवन पर बल देते हुए कहा कि सरकार को सभी स्कूल और कॉलेजों में संस्कृत की शिक्षा अनिवार्य करनी चाहिए&period; साथ ही नाबालिग बच्चों से जानबूझकर काम करवाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की गई।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>इस मौके पर अधिवक्ता शिवानंद गिरी एवं गांधीवादी प्रेम कुमार ने कई अहम सामाजिक और नीतिगत मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए&period; समाजसेवी विनोद कुमार एवं प्रीति पाठक ने कार्यक्रम में रखे गए मुख्य प्रस्तावों में कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में भाग लेने वाले सभी उम्मीदवार जनता के बीच आकर अपना परिचय दें और जीतने के बाद अपने क्षेत्र के विकास की ठोस योजना साझा करें।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>इसके साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अश्लीलता मुक्त करने की मांग की गई ताकि समाज में स्वस्थ संवाद का वातावरण बने&period; डॉ&period; पुरुषोत्तम कुमार एवं डॉ&period; तनवीर अख्तर ने यह भी कहा कि देश में पुरुष अधिकार कानून की सख्त जरूरत है ताकि पुरुषों को भी न्याय मिल सके।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>इसके अलावा शराबबंदी नीति की सफलता पर सरकार को एक पारदर्शी सर्वे कराना चाहिए और जनता की राय लेकर इसका वास्तविक मूल्यांकन करना चाहिए&period; प्रिया सिंह एवं आर्यन राज ने यह भी मांग की कि भोजपुरी एल्बम&comma; फिल्मों और कंटेंट क्रिएटरों के लिए सेंसर बोर्ड की व्यवस्था हो ताकि अशोभनीय सामग्री पर अंकुश लगाया जा सके।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>साथ ही युवाओं के रोजगार से जुड़ी समस्या पर भी जोर देते हुए कहा गया कि सरकार नौकरी के नाम पर युवाओं का शोषण करने वाली बिचौलिया कंपनियों को समाप्त करे और सीधी भर्ती की व्यवस्था सुनिश्चित करे। रणजीत कुमार&comma; पप्पू मंसूरी&comma; पूर्व उप मुखिया कुरथौल पंचायत अरविंद कुमार&comma; नवीन कुमार&comma;राजेश कुमार सोनू&comma; राजेश तिवारी एवं राजू तिवारी ने कहा कि यह संगठन बिना किसी राजनीतिक स्वार्थ के समाज में जागरूकता फैलाने और हर व्यक्ति के अधिकार की रक्षा के लिए समर्पित रहेगा। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी लोगों ने यह संकल्प लिया कि वे समाज में न्याय&comma; समानता और पारदर्शिता के लिए एकजुट होकर कार्य करेंगे।<&sol;p>&NewLine;

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