वेस्ट मैनेजमेंट व इंफैक्शन कंट्रोल एनक्वास प्रमाणीकरण के महत्वपूर्ण पहलुओं में शुमार

अररिया, रंजीत ठाकुर राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों के अनुरूप सदर अस्पताल का संचालन सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से विभिन्न स्तरों पर जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। इसे लेकर हर स्तर पर जरूरी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। ताकि प्रमाणीकरण के लिये जल्द आवेदन किया जा सके। इसे लेकर हाल ही में सदर अस्पताल के निरीक्षण के क्रम में एनएचएसआरसी के केंद्रीय टीम द्वारा प्राप्त सुझाव को ध्यान में रखते हुए मेडिकल कचरों का प्रबंधन व संक्रमण नियंत्रण संबंधी उपायों की मजबूती को लेकर विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

जिला स्वास्थ्य समिति सभागार में सोमवार को आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में एनक्वास प्रमाणीकरण को लेकर अस्पताल के चिह्नित विभागों के नोडल अधिकारी व कर्मियों ने भाग लिया। इसमें पिरामल फाउंडेशन व यूनिसेफ के अधिकारियों द्वारा कर्मियों को जरूरी प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक मो केशर इकबाल, एनक्वास के नोडल अधिकारी डॉ जीतेंद्र कुमार, अस्पताल अधीक्षक डॉ आकाश कुमार, डीसीक्यूए डॉ मधुबाला, पिरामल फाउंडेशन के पीएम डॉ सनोज कुमार, पीएल राजीव कुमार, यूनिसेफ के एयूसी राकेश कुमार, लैब के नोडल अधिकारी डॉ धीरज, अस्पताल प्रबंधक विकास आनंद सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मियों ने भाग लिया।

वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर उचित जानकारी जरूरी

Advertisements

प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान पिरामल फाउंडेशन के पीएम डॉ सनोज कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल को एनक्वास प्रमाणीकृत बनाने के लिये जरूरी पहल की जा रही है। उन्होंने कहा कि मेडिकल कचरों का कुशल प्रबंधन व संक्रमण नियंत्रण संबंधी उपायों की मजबूती एनक्वास प्रमाणीकरण प्रक्रिया के महत्वपूर्ण पहलुओं में शुमार है। मेडिकल कचरों के कुशल प्रबंधन को लेकर अस्पताल में चार अलग अलग डस्ट बिन प्रयोग में लाये जा रहे हैं। विभिन्न रंग के डस्ट बिन का प्रयोग अलग-अलग कचरों को रखने के लिये किया जाना है। लाल रंग के डस्ट बिन में पॉलिथीन बैग, पानी की बोतल सहित प्लास्टिक जनित अन्य कचरों को रखा जाना है। वहीं पीला रंग का डस्ट बिन खून व वैसे कचरा जिसमें खून लगी हो को रखा जाना है। नुकीली धातू, सुई सहित अन्य चीजों के लिये सफेद डस्ट बिन प्रयोग किया जाना है। सामान्य कचरा के लिये हरे रंग कर डस्टबिन को प्रयोग में लाना है। कचरों के उठाव व प्रबंधन को लेकर उचित जानकारी देते हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम में अस्पताल के किसी वार्ड में पारा स्पिल के प्रबंधन को लेकर कर्मियों को प्रशिक्षित किये जाने की जानकारी उन्होंने दी।

Advertisements

प्रशिक्षण में प्राप्त जानकारी पर अमल जरूरी

क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक मो केशर इकबाल ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में गुणात्मक सुधार व मरीज व उनका देखरेख कर रहे स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मियों की सुरक्षा के लिहाज से मेडिकल वेस्ट का कुशल प्रबंधन करते हुए संक्रमण नियंत्रण संबंधी उपायों की मजबूती जरूरी है। स्वास्थ्य कर्मियों को उन्होंने प्रशिक्षण में प्राप्त जानकारी को अपने डेली प्रैक्टिश में लाने के लिये प्रेरित किया। डीसीक्यूए डॉ मधुबाला ने कहा कि नई चीजों को सीखना व इसे अमल में लाना सेवाओं में गुणात्मक सुधार के लिये जरूरी है। उन्होंने प्रशिक्षण से प्राप्त जानकारी को महत्वपूर्ण बताते हुए इसे नियमित रूप से अमल में लाने पर जोर दिया। ताकि सदर अस्पताल को जल्द से जल्द एनक्वास प्रमाणीकरण प्राप्त हो सके।

Related posts

पटना शहर में अतिक्रमण हटाओ अभियान की शुरुआत

राजद परिवार और उनके नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के निधन पर गहरी शोक संवेदना प्रकट की

स्कूल मे ऑटो नहीं चलने की अनुमति, रोजगार विरोधी कदम : ऑटो मेंस यूनियन