पूर्णिया, (न्यूज़ क्राइम 24) फाइलेरिया (हाथीपांव) से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में 10 अगस्त से सर्वजन दवा सेवन (एमडीए/आईडीए) अभियान चलाया जाएगा जिस दौरान स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा लोगों को घर-घर पहुँचकर फाइलेरिया से सुरक्षित रहने के लिए डीईसी, एल्बेंडाजोल और आइवरमेक्टिन के गोली खिलाई जाएगी। कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, भीबीडीएस, बीसीएम और केटीएस अधिकारियों को राजकीय चिकित्सालय महाविद्यालय एवं अस्पताल (जीएमसीएच) के पैरामेडिकल भवन में जिला भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आर पी मंडल की अध्यक्षता में एकदिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान सभी अधिकारियों को फाइलेरिया से लोगों को सुरक्षित रखने के लिए टीम बनाकर घर घर फाइलेरिया से सुरक्षा की दवा खिलाने की आवश्यक जानकारी दी गई।
इस दौरान डीपीएम सोरेंद्र कुमार दास, डीसीएम संजय कुमार दिनकर, डीआईओ डॉ विनय मोहन, डीएम&ई आलोक कुमार, भीडीसीओ रवि नंदन सिंह, डीभीबीडी सोनिया मंडल, डब्लूएचओ जोनल कोऑर्डिनेटर डॉ दिलीप कुमार, यूनिसेफ जिला सलाहकार शिवशेखर आनंद, पिरामल जिला लीड चंदन कुमार, यूनिसेफ एसबीसी कंसल्टेंट सादान अहमद खान, यूनिसेफ जिला एमएससी मुकेश गुप्ता, डब्लूजेसीएफ राहुल सोनकर, पीसीआई डीएमसी विपिन कुमार, सीफार एडीसी अमन कुमार, बीसी दीप सेन, भेक्टर बोर्न कार्यालय लिपिक रामकृष्ण परमहंस सहित सभी प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, भीबीडीएस, बीसीएम और अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित रहे।
जिले में 10 अगस्त से चलाया जाएगा एमडीए/आईडीए अभियान, 02 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को घर-घर पहुँचकर खिलाई जाएगी दवा :
जिला भेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ आर पी मंडल ने कहा कि लोगों को फाइलेरिया बीमारी होने से सुरक्षित रखने के लिए जिले के सभी प्रखंडों में 10 अगस्त से सर्वजन दवा सेवन (एमडीए/आईडीए) अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा लोगों को घर-घर पहुँचकर फाइलेरिया से सुरक्षित रहने के लिए डीईसी, एल्बेंडाजोल और आइवरमेक्टिन की गोली खिलाई जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी क्षेत्र में दो आशा कर्मियों की टीम बनाई जाएगी जिसके द्वारा 14 दिन तक लोगों के घर-घर पहुँचकर 02 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षा की दवा डीईसी और एल्बेंडाजोल एवं 05 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को डीईसी, एल्बेंडाजोल के साथ साथ आइवरमेक्टिन की गोली खिलाई जाएगी।
उसके बाद अगले 03 दिन संबंधित क्षेत्र के सभी विद्यालयों, आंगनवाड़ी केंद्रों मदरसों और सार्वजनिक क्षेत्रों में बूथ आयोजित कर छूटे हुए लोगों को दवा खिलाई जाएगी। इसके बाद भी दवा सेवन से वंचित लोगों के लिए 5-7 दिन का मॉपअप राउंड चलाया जाएगा ताकि सभी छूटे हुए लोगों को दवा खिलाई जा सके। 02 वर्ष से कम उम्र के लोगों, गर्भवती महिलाओं और अतिगंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षा की दवा नहीं खिलाई जाएगी। सभी लोगों तक दवा उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी प्रखंडों में ब्लॉक लेवल टास्क फोर्स टीम बनाया जायेगा जिसके द्वारा कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा। सभी ब्लॉक लेवल टेस्ट फोर्स टीम द्वारा नियमित अंतराल पर बैठक आयोजित कर कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित की जाएगी।
उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के शत प्रतिशत सफलता के लिए सभी प्रखंड में माइक्रोप्लान तैयार कर उसी अनुसार लोगों को दवा उपलब्धता सुनिश्चित किया जाएगा। दवा सेवन के बाद किसी भी प्रकार के साइड इफ़ेक्ट होने पर लोगों की सुरक्षा हेतु जिला एवं प्रखंड स्तर पर रैपिड रेस्पोंस टीम का गठन करते हुए रैपिड रेस्पोंस टीम के सदस्यों को भी प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि दवा सेवन के उपरांत कुछ लोगों में उल्टी, सर दर्द, जी मिचलाना जैसी शिकायतें हो सकती हैं जो स्वतः समाप्त हो जाती है और लोग फाइलेरिया ग्रसित होने से सुरक्षित रह सकते हैं।
एमडीए/आईडीए अभियान के लिए जिला में बनाया गया है 01 हजार 979 टीम, 44 लाख से अधिक लोगों को खिलाई जाएगी दवा :
भीडीसीओ रवि नंदन सिंह ने बताया कि सर्वजन दवा सेवन (एमडीए/आईडीए) अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के सभी प्रखंडों में 01 हजार 979 टीम बनाया गया है। सभी टीम में 02 कर्मी उपलब्ध करेंगे जिसके द्वारा संबंधित क्षेत्र में घर घर पहुँचकर लोगों को फाइलेरिया से सुरक्षा के लिए दवा खिलाया जाएगा। इसकी निरक्षण के लिए जिले में 196 सुपरवाइजर बनाए गए हैं जिसके द्वारा सभी लोगों तक दवा उपलब्धता सुनिश्चित करने का निरक्षण किया जाएगा। घर घर दवा सेवन के बाद जिले के सभी प्रखंडों में कुल 01 हजार 550 बूथ बनाते हुए छूटे हुए लोगों को दवा खिलाना सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एमडीए/आईडीए अभियान के दौरान जिले के 44 लाख 77 हजार 987 लोगों को दवा खिलाने के लक्ष्य सुनिश्चित किया गया है।
पूर्णिया जिला में वर्तमान में 06 हजार 758 हैं फाइलेरिया से ग्रसित मरीज :
डब्लूएचओ जोनल कोऑर्डिनेटर डॉ दिलीप कुमार ने बताया कि पूर्णिया जिले में वर्तमान में फाइलेरिया से ग्रसित मरीजों की संख्या 06 हजार 758 है जिसके हाथ, पैर या दोनों फाइलेरिया से ग्रसित हो चुके हैं। इसमें अमौर में 242, बैसा में 100, बायसी में 201, बी. कोठी में 437, बनबनखी में 695, भवानीपुर में 672, डगरुआ में 395, धमदाहा में 347, जलालगढ़ में 503, कसबा में 485, रुपौली में 1056, श्रीनगर में 283, पूर्णिया पूर्व में 576 और के. नगर में 766 फाइलेरिया से ग्रसित मरीज पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि हाथ या पैर में फाइलेरिया ग्रसित होने पर इसका कोई इलाज नहीं किया जा सकता है जबकि हाइड्रोसील फाइलेरिया ग्रसित होने पर उसका इलाज ऑपरेशन द्वारा किया जा सकता है। हाथ या पैर से फाइलेरिया ग्रसित होने पर संबंधित व्यक्ति को जीवनभर इससे ग्रसित रहना पड़ता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसे नियंत्रित रखने के लिए चिकित्सकीय सहायता प्रदान की जाती है लेकिन इसका सम्पूर्ण इलाज नहीं किया जा सकता है। इसलिए इससे सुरक्षित रहने के लिए सभी सामान्य लोगों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा साल में एक बार खिलाये जाने वाले फाइलेरिया सुरक्षा की दवा डीईसी, एल्बेंडाजोल और आइवरमेक्टिन की दवा का सेवन करना चाहिए और खुद को फाइलेरिया ग्रसित होने से सुरक्षित रखना चाहिए।