उन्नत आर्थोपेडिक उत्कृष्टता की ओर : AIIMS पटना में आयोजित हुआ हिप आर्थ्रोप्लास्टी CME 2025

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&NewLine;<p><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong>पटना&comma; &lpar;न्यूज़ क्राइम 24&rpar;<&sol;strong> अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान पटना के आर्थोपेडिक्स विभाग ने विभागाध्यक्ष प्रो&period; &lpar;डॉ&period;&rpar; सुदीप कुमार के नेतृत्व में आज टोटल हिप रिप्लेसमेंट पर एक उच्च-स्तरीय सतत चिकित्सा शिक्षा &lpar;CME&rpar; तथा हैंड्स-ऑन कार्यशाला का सफल आयोजन किया। इस कार्यक्रम में क्षेत्रभर के प्रमुख आर्थोपेडिक सर्जनों&comma; फैकल्टी सदस्यों और रेज़िडेंट डॉक्टरों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। मीडिया से बात करते हुए CME के चेयरपर्सन प्रो&period; &lpar;डॉ&period;&rpar; सुदीप कुमार ने आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में हिप रिप्लेसमेंट की परिवर्तनकारी भूमिका पर प्रकाश डाला।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>उन्होंने कहा&comma; &OpenCurlyDoubleQuote;हिप रिप्लेसमेंट को सही मायने में सदी की सर्जरी कहा जाता है। यह एक अत्यंत सूक्ष्म और प्रभावी प्रक्रिया है&comma; जिसे AIIMS पटना में वर्ष 2014 से नियमित रूप से किया जा रहा है। हिप आर्थराइटिस से पीड़ित मरीज इस सर्जरी से अत्यधिक लाभ उठा सकते हैं&comma; और इससे डरने की बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं है। जॉइंट रिप्लेसमेंट के क्षेत्र में AIIMS पटना ने हमेशा उन्नत आर्थोपेडिक देखभाल प्रदान की है और हिप रिप्लेसमेंट हमारे सबसे प्रभावशाली उपचारों में से एक है। यह CME हमारे भावी सर्जनों को प्रशिक्षित करने और मरीजों को सुरक्षित&comma; वैज्ञानिक प्रमाण आधारित और विश्व-स्तरीय उपचार प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>CME के सह-अध्यक्ष तथा AIIMS पटना के मेडिकल सुपरिन्टेन्डेन्ट प्रो&period; &lpar;डॉ&period;&rpar; अनुप कुमार ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्थान की उच्च-गुणवत्ता वाली जॉइंट रिप्लेसमेंट सेवाओं के प्रति प्रतिबद्धता पर जोर दिया। कार्यक्रम का विशेष आकर्षण हैंड्स-ऑन सॉबोन वर्कशॉप रहा&comma; जिसका उद्देश्य उभरते आर्थोपेडिक रेज़िडेंट्स को हिप आर्थ्रोप्लास्टी की सूक्ष्म शल्य-तकनीकों को व्यावहारिक सिमुलेशन के माध्यम से समझाना था।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong>CME में दो आउटस्टेशन फैकल्टी—<&sol;strong><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><br>डॉ&period; संजय यादव &lpar;IMS–BHU&rpar; और डॉ&period; दीपक गौतम &lpar;नवी मुंबई&rpar; ने भाग लिया। साथ ही&comma; पटना के कई प्रतिष्ठित चिकित्सक— डॉ&period; बलगोविंद एस&period; राजा&comma; डॉ&period; वसीम अहमद&comma; डॉ&period; आशीष सिंह&comma; डॉ&period; रामकांत कुमार&comma; डॉ&period; निषीअंत कुमार&comma; डॉ&period; रितेश पांडेय&comma; डॉ&period; अविनाश कुमार तथा डॉ&period; प्रभात अग्रवाल—ने अपने अनुभवों और नैदानिक दृष्टिकोणों को साझा कर शैक्षणिक चर्चा को समृद्ध किया। यह कार्यक्रम हिप विकारों से पीड़ित मरीजों के लिए उच्च-स्तरीय देखभाल को बढ़ावा देने तथा साक्ष्य-आधारित आर्थोपेडिक शिक्षा को प्रोत्साहित करने के प्रति AIIMS पटना की प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है।<&sol;p>&NewLine;

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