युवा क्लिनिक में किशोरों के काउंसिलिंग व उपचार का होगा समुचित इंतजाम

अररिया, रंजीत ठाकुर किशोरावस्था मनुष्य के जीवन का बसंतकाल माना जाता है। ये किसी बच्चे की शारीरिक परिपक्वता की अवस्था है। इसे युवावस्था की दहलीज भी कहा जाता है। कई मायनों में ये उम्र का सबसे संवेदनशील पड़ाव है। एक बालक भविष्य में जो कुछ होता है। उसकी पूरी रूपरेखा किशोरावस्था में ही तैयार हो जाती है। किशोरावस्था की दहलीज पर कदम रखते हीं बच्चों में मानसिक शक्तियों के विकास के साथ, भाव, कल्पना शक्ति विकसित होने लगता है। लिहाजा किशोरों को अपने शारीरिक व मानसिक दशा में हो रहे बदलाव के संबंध में सही व उचित जानकारी का होना जरूरी होता है। इसे ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सदर अस्पताल सहित अन्य प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर युवा क्लिनिक के संचालन को लेकर जरूरी पहल की जा रही है। ताकि किशोरों को स्वास्थ्य संबंधी जरूरी परामर्श व उपचार संबंधी सेवाएं उपलब्ध कराते हुए उनके सर्वांगीण विकास को बढ़ावा दिया जा सके।

किशोरों को किसी तरह के भटकाव से बचाना उद्देश्य

सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने बताया कि युवा क्लिनिक के संचालन का उद्देश्य किशोरों को उनके सेहत से संबंधित सही समय पर उचित जानकारी उपलब्ध कराना है। ताकि उन्हें किसी तरह के भटकाव से बचाया जा सके। इसके अलावा इस उम्र के किशोरों में होने वाली स्वास्थ्य समस्या का पता लगाकर इसका तत्काल निदान सुनिश्चित कराना है। युवा क्लिनिक के माध्यम से किशोरों को यौन शिक्षा, विभिन्न प्रकार के संक्रमण से बचाव, हार्मोन परिवर्तन की वजह से होने वाली परेशानियां से संबंधित उचित सलाह व परामर्श उपलब्ध कराते हुए उनके जीवन को साकारात्मक दिशा देने को लेकर जरूरी पहल किया जाना है। कुपोषण व एनीमिया प्रबंधन को मिलेगी मजबूती

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जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मोईज ने बताया कि राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिले के सरकारी अस्पतालों में युवा क्लिनिक के संचालन को लेकर जरूरी पहल की जा रही है। इसके सफल संचालन को लेकर पीर एडूकेटर तैयार किये गये हैं। जो विभिन्न स्कूल-कॉलेज का भ्रमण कर मरीजों को चिह्नित करते हुए युवा क्लिनिक में उपचार के लिये भेजने का कार्य करेंगे। सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को इसे लेकर जरूरी दिशा निर्देश दिये गये हैं। इसे एनीमिया से बचाव व पोषण अभियान के सफल संचालन को लेकर संचालित विभिन्न कार्यक्रमों से जोड़ा गया है। ताकि जिले में कुपोषण व एनीमिया संबंधी मामलों पर प्रभावी नियंत्रण संभव हो सके।

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क्लिनिक में उपलब्ध होगा जरूरी परामर्श व उपचार संबंधी सेवाएं


डीपीएम स्वास्थ्य संतोष कुमार ने बताया कि युवा क्लिनिक में प्रजनन व बाल स्वास्थ्य संबंधी परामर्श सेवाएं, किशोरावस्था के समय विकास व पोषण संबंधी परामर्श सेवाएं, एनीमिया की जांच व उपचार, मासिक धर्म से जुड़ी समस्या के निदान व परामर्श, यौन जनित रोगों से संबंधित जरूरी परामर्श, प्रसव पूर्व जांच, परिवार नियोजन व गर्भ निरोध संबंधी परामर्श, सुरक्षित गर्भपात के लिये जरूरी सलाह, विवाह के लिये उचित आयु, रेफरल सेवा से संबंधित जानकारी व परामर्श, घरेलू व यौन हिंसा से संबंधित परामर्श, मादक व नशीले पदार्थ के सेवन की रोकथाम के लिये परामर्श सेवाएं क्लिनिक के माध्यम से उपलब्ध कराया जाना है। इसके सफल संचालन को लेकर जिला स्वास्थ्य समिति के माध्यम से विभिन्न स्तरों पर जागरूकता किया जा रहा है। क्लिनिक में विशेषज्ञ महिला व पुरूष चिकित्सक के साथ अन्य स्वास्थ्य कर्मी बहाल होंगे। इसका संचालन सोमवार से शनिवार सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे तक किया जायेगा।

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