अररिया(रंजीत ठाकुर): आर्थिक रूप से कमजोर गंभीर रोग से ग्रसित मरीजों के इलाज में राज्य सरकार जरूरी मदद उपलब्ध करा रही है। राज्य में एक लाख से कम सालाना आय वाले लोगों को जरूरी चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता योजना संचालित किया जा रहा है। योजना के तहत गंभीर रोग से ग्रसित वैसे लोग जो अपना इलाज कराने में असमर्थ हैं। उन्हें जरूरी आर्थिक सहायता उपलब्ध कराया जा रहा है। जिले में कई लोगों को इसका लाभ भी मिला है। योजना के तहत जरूरतमंदों को इलाज के लिये 20 हजार से 05 लाख रुपये तक आर्थिक मदद का प्रावधान है। योजना लाभ के लिये योग्य लाभुकों के चयन को लेकर मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष कमेटी गठित है। इसकी अनुशंसा पर योग्य लाभुकों को योजना लाभ उपल्ब्ध कराने का प्रावधान है।
वर्ष 2022 में अब तक पांच लोगों को मिला है योजना का लाभ
जिले में वर्ष 2022 में अब तक विभिन्न प्रखंडों के 05 लोग योजना लाभ से लाभान्वित हो चुके हैं। मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष कमेटी की बैठक में कैंसर रोग से पीड़ित रानीगंज प्रखंड के जगता गांव निवासी रंजना देवी पति रविंद्र मंडल को 80 हजार रुपये का आर्थिक मदद उपलब्ध कराया गया है। इसकी जानकारी देते हुए डीपीएम रेहान अशरफ ने बताया कि कैंसर रोग से पीड़ित कुर्साकांटा प्रखंड अंतर्गत हलधरा निवासी जानकी देवी पति नारायण यादव, राजगंज कुशमाहा जोगबनी निवासी सीताराम पंडित पिता नुनू लाल पंडित, नरपतगंज के फुलकाहा थाना अंतर्गत मिर्जापुर निवासी रित्यानंद यादव पिता जनकलाल यादव व नरपतगंज प्रखंड अंतर्गत मधुरा पश्चिम निवासी सुबेदार सिंह पिता वंशरोपण सिंह को भी मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से जरूरी आर्थिक मदद उपलब्ध कराया गया है।
संबंधित चिकित्सा संस्थान को क्रॉस चेक के माध्यम से होता है भुगतान
सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता योजना के तहत सालाना कम आय व प्रदेश के सरकारी सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम के तहत मान्यता प्राप्त अस्पताल में इलाज कराने वाले रोगी को ही आर्थिक सहायत उपलब्ध कराने का प्रावधान है। इन अस्पतालों से इलाज के लिए दूसरे प्रदेश रेफर करने वाले रोगी को भी हृदय रोग, कैंसर, कूल्हा रिप्लेसमेंट, घुटना रिप्लेसमेंट, नस रोग, एसिड अटैक से जख्मी, बोन मेरौ ट्रांसप्लान्ट, एड्स, हेपेटाइटिस, कोकिलेर इम्प्लांट, ट्रांस जेंडर सर्जरी, नेत्र रोग समेत चौदह तरह की बीमारियों के इलाज के लिए सरकारी सहायता दी जाती है। असाध्य रोग से पीड़ित व्यक्ति को दी जानेवाली सहायता राशि संबंधित चिकित्सा संस्थान को क्रास चेक के माध्यम से दी जाती है।
आसान है आवेदन की प्रक्रिया
सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने बताया कि योजना लाभ के लिये जरूरतमंदों को जरूरी कागजात के साथ निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं पटना में आवेदन करना होता है। निदेशक प्रमुख की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा आवेदक को निर्धारित तिथि पर बुलाया जाता है। संबंधित साक्ष्य व कागजात की जांच के बाद अनुदान राशि जारी कर दिया जाता है। राज्य में व राज्य से बाहर इलाज के लिये अलग अलग राशि निर्धारित है। विभिन्न रोगों के लिये भी अलग-अलग राशि देने का प्रावधान है।
अनुदान के लिए न्यूनतम आवश्यक योग्यता :
•रोगी बिहार का नागरिक होना अनिवार्य
•रोगी की प्रति वर्ष आय एक लाख रुपये से कम हो
•सक्षम प्राधिकार द्वारा निर्गत आवास प्रमाण पत्र
•डीएम, एसडीओ या अंचलाधिकारी से निर्गत आय प्रमाणपत्र
•राज्य सरकार के अस्पताल या सीजीएचएस (सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम) से मान्यता प्राप्त अस्पताल के इलाज का पुर्जा और मूल अनुमानित राशि