गर्मी के दौरान बच्चों में बढ़ जाता है डायरिया व डीहाइड्रेशन का खतरा

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&NewLine;<p><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong><mark style&equals;"color&colon;&num;cf2e2e" class&equals;"has-inline-color has-vivid-red-color">अररिया&lpar;रंजीत ठाकुर&rpar;&colon;<&sol;mark><&sol;strong> जिले में गर्मी धीरे धीरे अपना असर दिखाने लगा है। तेज धूप अभी से लोगों को सताने लगी है। ऐसे मौसम में थोड़ी सी लापरवाही कई तरह की बीमारियों को न्योता दे सकता है। ऐसे में लोगों को अपनी सेहत के प्रति ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। खास कर छोटे बच्चों के मामले में तो ये और भी जरूरी है। ऐसे मौसम में शिशुओं और छोटे बच्चों को डायरिया का खतरा बढ़ जाता है। &period; डायरिया के कारण बच्चों में अत्यधिक निर्जलीकरण यानी डीहाइड्रेशन का खतरा होता है। &period; समय पर इसका कुशल प्रबंधन नहीं होने पर ये जानलेवा भी हो सकता है&period;। डायरिया से सम्बंधित लक्षणों के प्रति जागरूक होकर इसके खतरों से आसानी से बचा जा सकता है। &period;<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong>आसानी से की जा सकती है डायरिया की पहचान &&num;8212&semi;<&sol;strong><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने बताया कि डायरिया पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मौत के सबसे बड़े कारणों में से एक है। &period; शुरुआती लक्षणों के आधार पर आसानी से इसकी पहचान कर इसका कुशल प्रबंधन किया जा सकता है। &period; लगातार पतले दस्त का होना&comma; दस्त के साथ उल्टी&comma; भूख में कमी&comma; दस्त के साथ हल्का बुखार आना&comma; जटिल परिस्थितियों में दस्त के साथ खून आना इसके प्रमुख लक्षणों में से एक है। &period; रोग के शुरुआती दौर में ओआरएस का घोल इलाज में काफी मददगार होता है। &period; इसे घर पर भी बनाया जा सकता है। &period; क्षेत्र की आशा व आंगनबाडी सेविका से इसे बनाने की विधि की जानकारी आसानी से हासिल की जा सकती है। &period;<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong>दूषित जल व स्वच्छता का ध्यान रखना जरूरी-<&sol;strong><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मोइज़ बताते हैं कि डायरिया से बच्चों में कुपोषण का खतरा बढ़ जाता है। &period; इसलिए इससे बचाव जरूरी है। गर्मियों में बच्चे अक्सर प्यास लगने पर कहीं से भी पानी पी लेते हैं&period;। इससे इंफेक्शन का खतरा होता है। &period; दूषित जल का सेवन&comma; साफ सफाई की कमी इसके मुख्य कारणों में शामिल है। &period; इसलिए बच्चों को खाना खिलाने से पहले अच्छी तरह उनका हाथ धोएं&comma; खाना बनाते व परोसते समय सफाई रखें&comma; बच्चों को शौच के बाद साबुन से हाथ धुलने की आदत डायरिया से बचाव के लिहाज से जरूरी है। &period; <&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>बच्चे को दस्त की समस्या होने पर किसी दवा से पहले उन्हें पानी की कमी से बचाएं&comma; जीवन रक्षक घोल यानी ओआरएस पिलाएं&comma; घर पर ही नींबू पानी में नमक व चीनी मिलाकर पिलाएं। लस्सी&comma; छाछ&comma; नारियल पानी दे भी दिया जा सकता है&period;। हालत में सुधार नहीं होने पर तत्काल अपने नजदीकी अस्पताल से संपर्क करने की सलाह उन्होंने दी। &period;<&sol;p>&NewLine;

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