तलवाड़ा(प्रवीन सोहल): यहाँ एक तरफ पंजाब की भगवंत मान सरकार ने राज्य की सत्ता सम्भाली है पंजाब को हरा-भरा करके पंजाब को रंगला पंजाब बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है l परंतु कुछ काली भेडें आज भी सरकार के इस प्रयास को नेस्तनाबूद करने में लगी हैं l जिस प्रकार कांग्रेस सरकार के बन मंत्री साधु सिंह धर्मसौत ने 500-500 रुपए कमीशन लेकर बहुत बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया था जिसके साथ बन विभाग की कई काली भेडें भी इस भ्रष्टाचारचार में लिप्त पाई गई थी और मान सरकार द्वारा की गई कार्रवाई के दौरान साधु सिंह के साथ-साथ कई अधिकारी भी जेल की हवा खा रहे हैं l परन्तु लगता है कि कंडी क्षेत्र के बन विभाग के अधिकारियों / कर्मचारियों को तथा ब्लॉक तलवाड़ा के अंतर्गत आते गांवों में सक्रिय बन माफियाओं को किसी का डर ही नहीं है l
जो मिलीभगत करके पेड़ों की कटाई करने में पूरी तरह मशगूल हैं तथा लगभग कुछ समय के अंदर ही वन विभाग की मिलीभगत से सैकड़ों चीड़ वा अन्य हरे वृक्षों की कटाई धड़ल्ले से की जा रही है l ऐसा ही एक मामला कंडी के गांव भोल बदमाणियां का सामने आया है l यहां के एक स्थानीय ठेकेदारों की तरफ से चीड़ के हरे वृक्ष बिना जंगलात विभाग की बिना अनुमति लिए काट लिए जिस पर शिकायत करने पर भी कोई कारवाई नहीं की l गौरतलब है कि उक्त सारा वन क्षेत्र दफा 4-5 के अधीन आता है जिसमें किसी भी प्रकार की कटाई के लिए पूर्णतः रोक है l
जिक्रयोग है कि उक्त वन कटुए वही लोग हैं जिन्होंने कुछ समय पहले अवैध रूप से फायर सीजन में चला रहे कोयले की भट्ठियों की लोगों द्वारा शिकायत मिलने पर कवरेज करने गए पत्रकार के साथ मारपीट की थी l स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि उक्त वन माफिया जो पिछली कांगेस सरकार के समय से सक्रिय हैं इनके उपर सख्त कार्रवाई की जाए ताकि यह लोग वन सम्पदा को नुकसान ना पहुँचा सकें l और हमारा हरे भरे पंजाब का सपना साकार हो सके l आगे बताते हुए उन्होंने कहा कि अगर इन वन विभाग की मिलीभगत इन वन माफियाओं ने पेड़ काटने ही हैं तो सरकार को कोई अधिकार नहीं कि लोगों के खून पसीने की कमाई को ऐसे सेंध लगाने की l जब इस समबन्ध में डी. एफ.ओ. अंजन सिंह दसुआ को फोन किया तो उन्होंने फोन काट दिया l
जब इस सम्बन्ध में रेंज आफिसर गुरजिंदर सिंह से बात की तो उन्होंने मामले से अनजान बन गए कि उन्हें इस विषय में कुछ भी नहीं मालूम l और पता करवा कर कारवाई करने को कहा l यहां ज़िक्रयोग है कि यह अधिकारी अपनी ड्यूटी के प्रति कितने गम्भीर है इस पूरे घटनाक्रम से स्पष्ट होता है l सरकारें कोई भी एलान करें ऐसे अधिकारियों की कार्यशैली पर कोई फर्क नहीं पड़ता।