डॉ. यजुवेंद्र की मौत की जांच अब फुलवारीशरीफ थानेदार के हाथ, पूछताछ और साक्ष्य जुटाने में जुटी पुलिस

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&NewLine;<p><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong>फुलवारीशरीफ&comma; अजित।<&sol;strong> एम्स पटना के डॉक्टर यजुवेंद्र साहू की रहस्यमयी मौत की जांच अब फुलवारीशरीफ थाना अध्यक्ष मो&period; गुलाम शाहबाज आलम के नेतृत्व में की जा रही है&period; इससे पहले जांच की जिम्मेदारी पीएसआई मनीष कुमार के पास थी&period; अब केस की कमान मिलते ही थानेदार ने जांच तेज कर दी है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>थाना अध्यक्ष ने बताया कि घटना के बाद एफएसएल टीम ने मौके से डॉक्टर का बिसरा&comma; कपड़े और अन्य सामान जब्त कर सुरक्षित रख लिया है&period; घटना 19 जुलाई की सुबह की है&comma; जब डॉक्टर यजुवेंद्र ने कथित तौर पर बेहोशी का इंजेक्शन लिया था और कुछ घंटों बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>पुलिस ने अब तक हॉस्टल के पांच छात्रों और प्रभारी वार्डन संतोष कुमार से अलग-अलग पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए हैं&comma; जिन्हें न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>पुलिस को अब तक कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है&period; वहीं रेजिडेंट डॉक्टरों और छात्रों ने प्रशासन पर लापरवाही और मानसिक दबाव का आरोप लगाया है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>मृतक की मां सीता रानी साहू ने भी बेटे की आत्महत्या की आशंका को नकारते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है। इधर&comma; आज 25 जुलाई को पटना एम्स के प्रभारी निदेशक डॉ&period; सौरभ वाष्र्णेय के विदेश दौरे से लौटने के बाद छात्रों की मांगों पर निर्णय की उम्मीद जताई जा रही है।<&sol;p>&NewLine;

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