पटना(न्यूज़ क्राइम 24): पीएमसीएच जीएनएम छात्राएं छात्रावास व कालेज को पीएमसीएच से हटा राजापाकर भेजे जाने के खिलाफ पिछले 1 महीने से आंदोलन पर हैं। 6 मई को उन पर लाठीचार्ज भी हुआ है। उन सब ने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, प्रधान सचिव सभी से मिलकर या पत्र लिख लगातार गुहार लगाई है पर किसी ने बात नहीं सुनी तो पिछले 9 दिनों से लगातार धरने पर बैठीं हैं। आज धरने के नौवें दिन छात्राओं ने अपने संगठन के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, मुख्यमंत्री को पत्र लिख न्याय की मांग की और तत्काल 48 घंटे के भूखहड़ताल पर जाने की सूचना दी। यह बात आज धरनास्थल गरदनिबाग में छात्राओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मीडिया के दोस्तों व सोशल मीडिया के माध्यम से बताया। जीएनएम स्टूडेंट्स फेडरेशन की अध्यक्ष प्रेरणा ने बताया कि अब अनशन के अलावा हमारे पास कोई चारा नहीं है क्योंकि हमारे सरकार को हमारी पढ़ाई और जीवन से कोई लेना देना नहीं है ऐसा लगता है। इसलिए कल एक जून से पीएमसीएच गेट पर चेतावनी स्वरूप 48 घंटे के भूख हड़ताल करेंगे और 4 जून को पीएमसीएच गेट पर जन संसद लगाया जाएगा और तब भी जब बातें नहीं सुनी गई तो 6 जून से आमरण अनशन पर बैठने को बाध्य होंगे।
आज के धरने व संवाददाता सम्मेलन में एआईएसएफ के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव विश्वजीत कुमार ने भी हिस्सा लिया और उन्होंने भी घोषणा किया कि वह भी छात्राओं के समर्थन में इस अनशन पर बैठेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि बिहार सरकार की संवेदनहीनता शर्मनाक है। ऐसा व्यवहार बेटी, शिक्षा और समाज विरोधी है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने आह्वान किया कि अब इन बेटियों के समर्थन में समाज को खड़ा होने का वक्त आ गया है। जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के सचिव अमित मिश्रा ने कहा की की हमारा संगठन पूरी तरह से जीएनएम छात्राओं के साथ है और इनके साथ हुए अन्याय का हम सख्त निंदा करते हैं। आज के धरना व संवाददाता सम्मेलन में उपरोक्त नेताओं के अलावा रौशनी, मानती कुमारी, शिल्पा कुमारी, दिव्या कुमारी, मोनी, शबनम, प्रियंका, कोमल, रानी, अरविंद चौधरी, कर्मचारी नेता दिनेश कुमार, मोहम्मद लुकमान आदि दर्जनों साथी शामिल थे।