खून के माध्यम से अन्य अंगों में फैलता है टीबी का बैक्टीरिया

पूर्णिया, (न्यूज़ क्राइम 24) टीबी सिर्फ सांस से जुड़ी बीमारी नहीं है। फेफड़ों के अलावा भी टीबी कई प्रकार की होते हैं। इसमें से ही एक होती है दिमाग की टीबी। आमतौर पर दिमाग की टीबी एक-दूसरे से नहीं फैलती है लेकिन जब फेफड़ों की टीबी से संक्रमित व्यक्ति खांसता, छींकता है तो उसके मुंह से निकली बूंदें दूसरे व्यक्ति के अंदर प्रवेश कर जाती हैं और फेफड़ों को सबसे पहले प्रभावित करती है। इसके बाद ये बूंदें फेफड़ों के बाद खून के प्रवाह के साथ दिमाग में प्रवेश कर जाती हैं तो व्यक्ति के दिमाग में टीबी या ब्रेन टीबी होने की संभावना होती है।

दिमाग में होने वाली टीबी को मेनिनजाइटिस भी कहा जाता है। डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार दुनियाभर में लगभग 2.79 मिलियन लोग इस बीमारी के शिकार हैं। टीबी उन्मूलन को लेकर पूरे देश में युद्धस्तर  पर प्रयास चल रहे हैं। सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने बताया कि लोगों को टीबी के सुरक्षित रखने के लिए जिले में कई स्तर पर कार्य किये जा रहे हैं। टीबी रोगियों की ससमय पहचान, सामुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक करना और टीबी रोगियों को निःशुल्क चिकित्सकीय सेवा प्रदान करने जैसे कार्य तेजी से किए जा रहे हैं। अधिक से अधिक टीबी रोगियों की पहचान करने के लिए निजी अस्पताल एवं चिकित्सकों की भी मदद ली जा रही है। टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए समाज के सभी वर्ग के लोगों को एकजुट होने की जरूरत है। सभी की सहभागिता से ही टीबी को हराया जा सकता है।

खून के द्वारा अन्य अंगों में फैलता है टीबी का बैक्टीरिया :

जिला संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ कृष्ण मोहन दास ने बताया कि टीबी एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो फेफड़ों को प्रभावित करता। टीबी माइक्रोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। इस संक्रमण का यदि सही समय और ढंग से इलाज न कराया जाए तो यह बैक्टीरिया खून के द्वारा अन्य अंगों में भी फैल सकता है। कई बार यह बैक्टीरिया ब्रेन और रीढ़ की हड्डी पर भी हमला कर देता जिस वजह से ब्रेन टीबी हो जाती है।

ब्रेन टीबी के लक्षण :

डॉ दास ने बताया कि टीबी मेनिनजाइटिस के लक्षण आमतौर पर धीरे-धीरे दिखाई देते हैं। जो हफ्ते दर हफ्ते गंभीर होते जाते हैं। शुरुआत में यह लक्षण सामान्य लगते हैं, जिन्हें पहचानना थोड़ा मुश्किल हो जाता। मेनिनजाइटिस टीबी के लक्षण होने पर निम्न लक्षण दिखाई देते हैं
-चक्कर आना
-कमजोरी महसूस होना
-हल्का बुखार रहना
-बीमारी बढ़ने पर गर्दन में अकड़न
-लगातार सिरदर्द होना
-उलझन महसूस होना
-अधिक गुस्सा करना।

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जीएमसीएच टीबी विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ दिनेश कुमार ने बताया कि ब्रेन टीबी के मरीजों को प्रारंभिक दौर में सुबह उठने पर चक्कर और उल्टी आने जैसा लगता है। हमेशा सिर दर्द बना रहता है और यह दर्द दवाइयां खाने के बाद भी नहीं जाता है। इन लक्षणों को मरीज मामूली न समझें। ऐसे लक्षण ब्रेन टीबी के भी हैं। ब्रेन टीबी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। यह बच्चों में भी विकसित हो जाती है। इसके बारे में पता लगते ही व्यक्ति को इसे तुरंत दिखा लेना चाहिए। इसमें लापरवाही से जान का खतरा हो सकता है। जैसे ही मरीज को ब्रेन टीबी के लक्षण दिखाई देते हैं। ब्रेन टीबी में लापरवाही मरीज के लिए घातक हो सकती है। ऐसा लक्षण दिखाई देने पर लोगों को नजदीकी अस्पताल में डॉक्टर को दिखाते हुए आवश्यक उपचार कराना सुनिश्चित करना चाहिए ताकि लोग ब्रेन टीबी से सुरक्षित रह सकें।

ब्रेन टीबी के कारण और जोखिम :

-फेफड़ों के टीबी वाले मरीजों में इसके फैलने की संभावना रहती है।
-समय पर टीबी का इलाज और कोर्स पूरा ना करने वाले लोगों में ब्रेन टीबी का खतरा।
-एचआईवी/एड्स से संक्रमित लोग, धूम्रपान और शराब का अधिक सेवन करने वाले लोग, डायबिटीज रोगियों को भी ब्रेन टीबी का खतरा अधिक।
-कमजोर इम्युनिटी वाले रोगियों को भी ब्रेन टीबी ग्रसित होने का है खतरा।

बेहतर पोषण के लिए 1000 रुपये की सहायता राशि :

डीपीएस राजेश शर्मा ने बताया कि टीबी रोगियों को इलाज के दौरान बेहतर पोषण की जरूरत होती है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार की तरफ से निक्षय पोषण योजना के तहत मरीजों को प्रति माह 1000 रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाती है। इसके लिए सबसे जरूरी है कि मरीज का पंजीकरण निक्षय पोर्टल पर हो। यह राशि मरीज के बैंक एकाउंट में सीधे भेजी जाती है।

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