नगवां दोहरे हत्याकांड में चौंकाने वाला खुलासा : स्कूल समय से थी दोस्ती, शक और क्रूरता ने ली दो मासूम की जानें

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&NewLine;<p><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong>फुलवारीशरीफ&comma; अजित।<&sol;strong> राजधानी पटना के जानीपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम नगवां में हुए दिल दहला देने वाले भाई-बहन की हत्या के मामले में अब जो तथ्य सामने आए हैं&comma; वे न केवल अपराध की गंभीरता को दिखाते हैं&comma; बल्कि यह भी बताते हैं कि शक और मानसिक विकृति कैसे एक नौजवान को हत्यारा बना देती है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा ने प्रेस वार्ता में बताया कि पूछताछ में मुख्य आरोपी शुभम कुमार उर्फ सन्नी कुमार ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं&period; शुभम ने बताया कि मृतका अंजली से उसकी दोस्ती स्कूल के जमाने से थी&period; इस दोस्ती की नींव उसके करीबी मित्र रौशन कुमार ने रखी थी&comma; जिसने ही अंजली से शुभम की मुलाकात करवाई थी।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>पुलिस के अनुसार&comma; रौशन के माता-पिता और अंजली के परिवार के बीच पहले से पारिवारिक संबंध थे&period; दोनों परिवारों में आना-जाना होता था और इस नजदीकी का फायदा उठाकर शुभम और रौशन को अंजली से मिलने-जुलने में कोई दिक्कत नहीं होती थी&period; यही नहीं&comma; यह भी सामने आया है कि रौशन के परिवार के लोग एम्स पटना में काम करते हैं&comma; जिससे उनकी सामाजिक पहुंच और भी मजबूत थी।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>शुभम ने बताया कि अंजली से दोस्ती लंबे समय तक चली&period; लेकिन हाल के दिनों में उसे शक हुआ कि अंजली किसी दूसरे लड़के से बातचीत कर रही है और शायद बेवफाई कर रही है&period; उसने यह भी कहा कि उसके पास कोई ठोस सबूत नहीं था&comma; लेकिन उसके मन में शक इतना गहरा बैठ गया कि वह अंजली पर भरोसा नहीं कर पाया&period; उसे लगा कि अंजली अब उससे दूर होती जा रही है&comma; और इसी संदेह में वह उग्र और अंधा हो गया।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>शुभम ने बताया कि उसने इस शक को लेकर अंजली से कई बार बातचीत की&comma; उसे समझाने की कोशिश की&comma; लेकिन उसे लगा कि अंजली उसकी बातों को नज़रअंदाज़ कर रही है&period; तब उसने रौशन के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>दोनों ने बड़ी खगौल स्थित एक दुकान से केरोसिन तेल खरीदा और एम्स गोलंबर होते हुए नगवां गांव स्थित अंजली के घर पहुंचे&period; दरवाजा खटखटाने पर अंजली ने जब दरवाजा खोला&comma; तो दोनों के बीच फिर बहस शुरू हो गई&period; इस दौरान अंजली का 10 वर्षीय छोटा भाई अंशु जाग गया&period; शुभम को डर था कि अंशु उसे पहचान लेगा और पुलिस तक बात पहुंचा देगा।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>इसी डर में उसने पहले अंशु की हत्या धारदार हथियार से कर दी&comma; फिर अंजली की भी तकिए से मुंह दबाकर दम घोंटकर हत्या कर दी&period; इसके बाद दोनों की लाशों पर केरोसिन तेल छिड़ककर आग लगा दी और दोनों आरोपी वहां से फरार हो गए। घटना के बाद शुभम और रौशन ने आपसी चैटिंग और मोबाइल रिकॉर्ड्स को डिलीट करने की कोशिश की&comma; ताकि पुलिस को कोई डिजिटल साक्ष्य न मिले&period; लेकिन पुलिस ने तकनीकी और वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर मात्र 24 घंटे में दोनों को गिरफ्तार कर लिया।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>पुलिस ने इस केस में जानीपुर थाना कांड संख्या-1239&sol;25 के तहत मामला दर्ज किया है&period; आरोपियों से पूछताछ के दौरान केरोसिन की बोतल और तीन मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा ने स्पष्ट किया कि इस पूरे मामले की विवेचना स्पीडी ट्रायल के तहत की जाएगी और दोनों आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी&period;<br &sol;>अब जबकि पुलिस ने इस दर्दनाक हत्याकांड का पर्दाफाश कर दिया है&comma; पीड़ित परिवार और समाज को थोड़ी राहत जरूर मिली है&comma; लेकिन सवाल अब भी खड़े हैं — क्या प्रेम में असफलता इतनी बड़ी वजह बन सकती है कि एक नौजवान दो मासूम जानें ले ले&quest; और क्या समाज अब ऐसे मानसिक रूप से विकृत और खतरनाक प्रवृत्तियों पर खुलकर चर्चा करेगा&quest;<&sol;p>&NewLine;

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