फुलवारीशरीफ, अजीत। खुदा से प्रेम और इबादत के लिए कोई उम्र नहीं होती. रमजान माह में रोजेदार रोजा रखकर खुदा की इबादत कर रहे हैं ऐसे में नन्हे नन्हे बच्चे भी रोजा रखने में पीछे नहीं हैं. बड़ी संख्या में बच्चे भी इस बरकत के महीने में इबादत कर रहे हैं. खासकर ऐसे बच्चे अधिक उत्साहित हैं जो अपने जीवन में पहली बार रोजा रख रहे हैं. दिन भर रोजे में रहने के बाद नन्हे बच्चे इफ्तार कर रहे हैं तो परिवार के लोग को सुकून मिल रहा है और वह राहत महसूस कर रहे हैं कि किसी तरह उनके नन्हे बच्चे ने रोजा पूरा कर लिया, इसके लिए लोग खुदा का शुक्रिया अदा करना नहीं भूलते.
फुलवारी शरीफ के हारून नगर कॉलोनी सेक्टर वन में रहने वाले मोहम्मद जहीब के 5 साल के पुत्र शाहजैन अजमल ने इस रमजान में पहला दिन ही अपना पहला रोजा रखा तो पूरे परिवार व कॉलोनी वालों ने उन्हें दुआएं दी. पहले तो घर की महिलाओं और बुजुर्गों ने बच्चों को ऐसा करने से मना किया लेकिन वह अपनी जिद पकड़ लिया और रोजा पूरा मुकम्मल किया तो परिवार के लोगों की जान में जान आई। नन्हे रोजेदार शाहजैन को परिवार के लोगों ने हौसला बढ़ाया और खुदा की राह में समर्पण होने का राह दिखाया।
घर के बुजुर्ग नशहूर अजमल ने बताया के नन्हे रोजेदार ने रोजा रखकर सबों के लिए सेहतमंदी कि दुआएं मांगी. दोपहर के समय जब नन्हे रोजेदार को रोजा लगने लगा यानी भूख प्यास की तलब हुई तो मां की गोद में समा गया जहां कुरआन की आयतें सुनकर सुकून मिला. शाम के वक्त अजान होते ही परिवार के अन्य लोगों के साथ शाह जैन नन्हे रोजेदार ने पिता मोहम्मद जहीब अन्य परिवार के सदस्यो के साथ रोजा खोला.बच्चे का पहला रोजा पूरा होने पर परिवार वालों ने बहुत सारे गिफ्ट और दुआएं भी दिए।