न्यूज़ क्राइम 24 डेस्क: हर वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी मनाते हैं. वसंत पंचमी के दिन ही सरस्वती पूजा होती है. इस अवसर पर मां शारदे की विशेष आराधना की जाती है. आज यानी 5 फरवरी 2022, शनिवार को बसंत पंचमी का पावन पर्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मां सरस्वती कमल पर विराजमान होकर एक हांथ में वीणा और दूसरे हांथ में पुस्तक धारण किए हुए प्रकट हुई थीं। माता की कृपा से सृष्टि में ध्वनि, वाणी, ज्ञान, संगीत और कला का प्रारंभ हुआ तथा। खेतों में फसलें लहलहाने लगी थी। इस दिन विधि विधान से मां सरस्वती की पूजा करने से व्यक्ति कला, संगीत और शिक्षा के क्षेत्र में सफल होता है और लक्ष्य प्राप्ति में आने वाले सभी विघ्न-बाधाओं का अंत हो जाता है। उत्तर और दक्षिण भारत में बसंत पंचमी का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
सरस्वती पूजा का मुहूर्त-
माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि शनिवार, 5 फरवरी को सुबह 03 बजकर 47 मिनट से प्रारंभ होगी, जो अगले दिन रविवार, 6 फरवरी को सुबह 03 बजकर 46 मिनट तक रहेगी. बसंत पंचमी की पूजा सूर्योदय के बाद और पूर्वाह्न से पहले की जाती है. पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट यानि 5 घंटे 28 मिनट तक का रहेगा।
मां सरस्वती की वंदना-
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥
शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं।
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्॥
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्।
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥