प्रख्यात शिक्षाविद् पर्यावरण विद् गुरुदेव श्री प्रेम ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

फुलवारी शरीफ़, (न्यूज़ क्राइम 24) पटना के संपतचक प्रेमलोक मिशन स्कूल के निदेशक भारतीय लोकहित पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह प्रख्यात शिक्षाविद् और पर्यावरण विद् गुरुदेव श्री प्रेम ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम चिट्ठी लिखकर गरीब फुटकर और छोटे-छोटे व्यापारियों के जीवन दशा की ओर ध्यान आकृष्ट कराया है.उन्होंने बताया की देश के शत्-प्रतिशत लोगों को रोजगार मिलना चाहिए. स्वकारोबारियों वैश्य व्यापारियों को सम्मान सुरक्षा एवं संसाधन देना होगा.आज देश को, हर हाथ को काम चाहिए – रोजगार चाहिए, जिसके लिए सरकारी कोशिशें नकाफी है. भारत की गलियों-मुहल्ले में पान की दुकान, मोची की दुकान, पंचर की दुकान, चाय की दुकान, मिठाई की दुकान यह भारत के रोजगार एवं आत्मनिर्भर भारत की एक बड़ी व्यवस्था है जिससे सरकारी क्षेत्रों से 200 गुणा से ज्यादा लोगों के घर का चूल्हा जल रहा है.सरकार ने इस दिशा में कभी विचार नहीं किया, लेकिन उन्हें भी सरकार से सहयोग चाहिए. सिर्फ बड़े व्यापारियों से नहीं बल्कि छोट-छोटे व्यापारियों से जो रोजगार का एक बड़ा केन्द्र है उन्हें भी सरकार से भरपूर सहयोग चाहिए.जब कर्ज लेकर दुकान चलाने वाला व्यापारि बंद के दिन भी बैंक का ब्याज अदा करता है.रिक्शा वाले, मजदूरों को बंद के कारण होन वाले नुक्सान से उसके शाम का चुल्हा बुझा रह जाता है.

प्रधानमंत्री जी ! स्वकारोंबारियों, वैश्य-व्यापारियों की समस्या जातिगत नहीं है.स्वकारोंवारियों की समस्या का निदान देश को 100% लोगों के लिए रोजगार लेकर आ सकती है.इनकी सुरक्षा, सम्मान, स्वाभिमान एवं संसाधन की रक्षा नहीं कर पाने के कारण 70 वर्षों के बाद भी देश के नौजवान बेरोजगार हैं और अगर सुधार नहीं हुआ तो 100 वर्षों के बाद भी बेरोजगार रहेगा.

Advertisements

सरकार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति के हित में अत्याचार निरोधक अधिनियम की तरह स्वकारोबारी-वैश्य-व्यापारी अधिनियम बनाकर हरिजन थाने के तर्ज पर कारोबारी थाने का गठन करे, जहाँ व्यापारी अपने ऊपर हुए किसी भी अपराध के लिए निर्भीक होकर थाने जाकर केश दर्ज करा सके एवं अपराधियों, जबरन चंदा मांगने वालों, रंगदारी मांगने वालों के बीच कानून का भय व्याप्त हो सके.अगर ऐसा होता है तो देश के 100% लोगों को रोजगार की गारंटी मिल सकती है.

Related posts

महिलाओं और शिशुओं की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए प्रखंड अधिकारियों को दिया गया सुमन कार्यक्रम का प्रशिक्षण

पिता को मालूम नहीं बेटा को क्या हो गया है? तीन बहनों का सबसे छोटा भाई था शहीद एएसआई

सामान्य प्रशासन विभाग, बिहार ने 2022-2024 के परिपत्रों का व्यापक संकलन जारी किया