पटना(न्यूज क्राइम 24): कहने को तो बिहार मे शराबबंदी है लेकिन यह बाते कितनी हद तक सच है और कितनी झूठ इस वाक्य से हर लोग वाकिफ है। बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद शुरूआती दौर में पुलिस लगातार एक्टि थी और शराब कारोबार को बंद करने मे पूर्ण रूप से लग चुकी थी। लेकिन अब हालात ऐसे है की एक तरफ जहां शराब की खेप को खत्म किया जाता है दूसरी तरफ शराब का नया कारोबार चालू हो जाता है। इसको लेकर पुलिस-प्रशासन लगातार छापेमारी भी कर कई धंधो को लगाम लगाया है। और शराब पीने और शराब बेचने वाले को लगातार पकडकर जेल भेजने का काम भी कर रही है, लेकिन शराबबंदी प्रोटोकॉल को नशेड़ी और धंधेबाज कोई महत्व देते ही नहीं और उस क़ानून का पालन ना करते हुए पीने वाले पी रहे है बेचने वाले बेच रहे है
परिणाम स्वरूप यहां तक की पकड़ाने पर जेल भी जाते है, लेकिन इससे पीने और बेचने दोनों ही लोगों को क्या फर्क पड़ता हैं, जेल की सजा काटने के बाद फिर से वापस ज़ब निकलते है तो फिर से पीने वाले पीने की ओर दिशा मे चल जाते हैं और शराब का कारोबार करने वाले अपने धंधे को और बढ़ावा देने लगते हैं, हालांकि यह धंधा बस उस व्यक्ति तक ही अब सिमित नहीं रह गया। अब परिवार के सदस्य भी कारोबार को बढ़ावा देने मे लगे है। पुरुष के साथ-साथ महिला भी कारोबार को बड़े आराम से चला रही हैं। क्युकी जितना ज्यादा आप अपने कारोबार को समय देंगे वो उतना ही ज्यादा बढ़ेगा और मुनाफा देगा, इसलिए कारोबारी धंधे को लगातार उपजा रहे हैं. यह है शराबबंदी।
अब चाहे इसे रोकने के लिये गुप्ता सूचनाओं का सहारा लेना हो या फिर ड्रोन का, इसमें बड़े से बड़े अधिकारी ही क्यों न लगे हो लेकिन वो इस कार्य मे विफल नजर आरहे हैं। इसका कारण है की जो शराब के क़ानून बनाये गये है उसमे कही न कही कुछ खामियां है, ना क़ानून का डर हैं और ना ही सजा का। कहीं ना कही से बढ़ावा मिल रहा हैं तभी तो शराब की सप्लाई और बिक्री जोड़ो सोरो पर हो रही हैं। शराबबंदी को अगर पूर्ण रूप से सफल बनाना है तो इसपर गहन विचार करना होगा की अखिर किस जगह खामियां रह रही है जिसे शराबबंदी सफल नहीं हो पा रहा।
शराबबंदी क़ानून मे बदलाव करने की जरूरत है, सजा ऐसा हो की दुबारा शराब ना छुये, सजा ऐसा हो की दुबारा कारोबार ना होये। समाज के लोगों की बात माने तो शराब की सप्लाई कुछ पुलिस की देखरेख मे भी हो रहा है ख़ासकर वैसे कुछ क़ानून के रखवाले पर कार्रवाई हो जिसके देखरेख मे शराब का धंधा पनप रहा हो। क्युकी जबतक इनपर रोक नहीं लगेगी तबतक शराब का खेल जारी रहेगा। अगर वाकई मे शराब को पूर्ण रूप से सफल बनान है तो सबसे पहले शराब के कारोबार को बंद करना होगा ज़ब कारोबार बंद होगा तो पीने वाले भी खुद व खुद अपनी जगह पर आजायेंगे और अंत मे पीना छोड़ देंगे। इस तरह राज्य मे शराबबंदी सफल हो सकता है।
रॉबीन राज
न्यूज़ एडिटर
न्यूज़ क्राइम 24