पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता संगठनों के द्वारा प्रतिरोध मार्च निकाला

पटना, (न्यूज़ क्राइम 24) हाई कोर्ट आज दिनांक 26 जून 2024 को समय करीब 4:30 बजे अपराहन केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों फौजदारी कानून की वापसी या स्थगन की मांग को लेकर पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता संगठनों के द्वारा प्रतिरोध मार्च बिहार स्टेट बार कौंसिल के पास तीन मुहानी से लेकर इनकम टैक्स गोलंबर तक निकाला गया।

प्रतिरोध मार्च में भाग लेने वाले प्रमुख अधिवक्ताओं में इंडियन अशोसियेशन ऑफ लॉयर्स के महासचिव रामजीवन प्रसाद सिंह, उदय प्रताप सिंह एवम् इसके सदस्य अधिवक्ता व डीबीए पटना के मीडिया प्रभारी महेश रजक,इत्तेहाद अनवर, ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन पटना हाई कोर्ट के पदाधिकारी विजेंद्र सिंह, शैलेंद्र कुमार सिंह, महेश्वर प्रसाद, आयिलाज के पदाधिकारी मंजू शर्मा, जराराम राय,अविनाश कुमार आरजेडी विधि प्रकोष्ठ के कार्यकारी अध्यक्ष उपेंद्र प्रसाद सिंह, सचिव दिवाकर यादव,पटना उच्च न्यायालय के संघर्षशील अधिवक्ता रामसंदेश राय, नफीसुजोहा,अशोक प्रसाद,प्रेम कुमार पासवान, अरविंद पासवान, अनिता कुमारी,गौरव कुमार, कामेश्वर सिंह,अंजुम बारी समेत दर्जनों अधिवक्तागण भाग लिए।

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प्रतिरोध में सम्मिलित अधिवताओ ने मनमाने तरीके से केंद्र सरकार के द्वारा आनन एफ फानन में विपक्ष के 146 सदस्यों को निलंबित करा कर तीनो फौजदारी कानूनों को पारित कराया गया जिसपर अधिवक्ताओं ने रोष व्यक्त किया ,रोष व्यक्त किया और अविलंब वापसी की मांग किया। अधिवक्ताओं का स्पष्ट समझ है की ये तीनों कानून पुलिस राज स्थापित करने वाली है, जबकि कानून अभियुक्तों को केंद्र में रखकर संविधान के अनुक्षेद 21 के प्रावधानों को ध्यान में रखकर संसद पटल पर एल लाए जाने के पूर्व, आम जनता के बीच, विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, न्यायधीशों के बीच विषद चर्चा कराकर संसद लाया जाना चाहिए था त्दोपरान संसद में भी बृहद चर्चा कराई जानी चाहिए थी। इससे सरकार की मंशा स्पष्ट दिखती है की ये लोकतांत्रिक व्यवस्था को आगे बढ़ाने केलिए नहीं बल्कि पुलिस राज स्थापित कर राजतंत्रात्मक व्यवस्था की ओर जाने का संकेत है।

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