फुलवारीशरीफ : जहाँ से शुरू हुआ था ‘ग्रेटर पटना’ का सपना

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&NewLine;<p><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>फुलवारीशरीफ&comma; अजित। पटना को आधुनिक बुनियादी ढांचे की ओर ले जाने वाली बहुप्रतीक्षित डबल डेकर फ्लाईओवर परियोजना के लोकार्पण के साथ ही राजधानी के यातायात सुधार की दिशा में नया अध्याय जुड़ गया है। इस अवसर पर ग्रेटर पटना फाउंडेशन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए इसे &&num;8220&semi;न्याय के साथ विकास&&num;8221&semi; के सिद्धांत की एक जीवंत मिसाल बताया है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>फाउंडेशन से जुड़े प्रमोद कुशवाहा ने इस परियोजना को केवल एक निर्माण कार्य नहीं&comma; बल्कि तकनीकी उत्कृष्टता&comma; ईमानदार प्रशासन और दूरदर्शी नेतृत्व का उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति और लगातार विकास की सोच ने इस सपने को साकार किया है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>फुलवारीशरीफ&colon; जहाँ से शुरू हुआ था &OpenCurlyQuote;ग्रेटर पटना’ का सपना<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>गौरतलब है कि &&num;8220&semi;ग्रेटर पटना&&num;8221&semi; की अवधारणा आज जिस स्वरूप में सामने आई है&comma; उसकी नींव फुलवारीशरीफ की धरती पर रखी गई थी। 4 मार्च 2004 को रामकृष्ण नगर में आयोजित पहले जनसंवाद कार्यक्रम से यह आंदोलन शुरू हुआ था&comma; जिसका उद्घाटन तत्कालीन नेता और वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था। इसके बाद 20 जुलाई 2005 को प्रकाश टॉकीज़&comma; फुलवारीशरीफ में हुए वृहद जनसंवाद में हजारों लोगों ने भाग लेकर शहरी विस्तार की माँग को जनआंदोलन में बदल दिया।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>इस आंदोलन की अगुवाई कर रहे नागेश्वर सिंह स्वराज ने वर्षों तक &&num;8220&semi;ग्रेटर पटना&&num;8221&semi; के विचार को जीवित रखा&comma; हालांकि उन्हें कई बार न्यायालय का भी सामना करना पड़ा। वर्तमान में वे सक्रिय राजनीति से दूर हैं&comma; लेकिन उनका योगदान इस परियोजना की नींव में दर्ज है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>संघर्ष से सफलता तक का सफर-<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>प्रमोद कुशवाहा ने कहा कि यह फ्लाईओवर सिर्फ एक इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं&comma; बल्कि एक विचार की जीत है। उन्होंने इस सफर को साकार करने में जुटे इंजीनियरों&comma; तकनीकी विशेषज्ञों&comma; श्रमिकों और प्रशासनिक अधिकारियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इनकी कड़ी मेहनत और समर्पण के बिना यह संभव नहीं था। साथ ही उन्होंने उन आंदोलनकारियों को भी याद किया&comma; जिन्होंने वर्षों तक इस विचार को जनचेतना में बनाए रखा।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>आधुनिक पटना की नींव-<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>डबल डेकर फ्लाईओवर न केवल पटना की यातायात समस्या का समाधान है&comma; बल्कि यह पर्यावरण सुधार&comma; समय की बचत और शहरी जीवन की सुगमता का नया रास्ता खोलता है। प्रमोद कुशवाहा ने विश्वास जताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार अब न केवल तेज़ी से बदल रहा है&comma; बल्कि देश को भी एक नया विकास मॉडल दिखा रहा है।<&sol;p>&NewLine;

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