फुलवारी शरीफ, अजित : मंगलवार को पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा “जल- जीवन-हरियाली अभियान के तहत ‘जल जीवन हरियाली दिवस के अवसर पर नए जलस्त्रोतों का सृजन (निजी भूमि पर चौर विकास) विषय पर परिचर्चा हेतु कार्यक्रम का आयोजन पटना स्थित बामेती परिसर में किया गया. उद्घाटन पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग कि मंत्री रेणू देवी ने किया.कार्यक्रम कि अध्यक्षता अपर मुख्य सचिव, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार के द्वारा किया गया.
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग कि मंत्री रेणू देवी ने कहा कि “जल-जीवन हरियाली अभियान” की महत्ता एवं इसके दूरगामी परिणाम के बारे में विस्तृत रूप से सभी कृषकों एवं मछुआरों को बताने एवं सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ उठाने तथा बहुमुल्य सुझाव देने का निर्देश पदाधिकारी को दिया. इसके आलावा समय-समय पर वृहत प्रचार-प्रसार कर अधिकाधिक कृषकों को योजनाओं की जानकारी दी जाए.
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही डॉ० एन० विजयलक्ष्मी, अपर मुख्य सचिव, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने “जल-जीवन-हरियाली अभियान” के संदर्भ में तथा इसके उद्देश्यों एवं पर्यावरण के अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलन बनाये रखने के साथ-साथ नए जलस्त्रोतों का निर्माण तथा अनुपयुक्त चौर भूमि को मत्स्य पालन हेतु उपयोग में लाकर मत्स्य उत्पादन एवं उत्पादकता के साथ-साथ कृषकों के आय में अभिवृद्धि हो पर विस्तारपूर्वक चर्चा की.
अभिषेक रंजन, निदेशक मत्स्य, बिहार, पटना द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए उक्त कार्यक्रम की महत्ता के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी गई. जल-जीवन-हरियाली दिवस कार्यक्रम के संबंध में मिशन निदेशक, जल-जीवन-हरियाली अभियान, पटना द्वारा इसके उद्देश्य के बारे में बताया गया.
कार्यक्रम में प्रतिभा रानी, मिशन निदेशक
जल-जीवन-हरियाली,दिलीप कुमार सिंह, संयुक्त मत्स्य निदेशक, (रा०प०ई०),डॉ० टुनटुन सिंह, व्याख्याता, मत्स्य प्रशिक्षण एवं प्रसार केन्द्र, मीठापुर,मोना हल्दकार, मत्स्य प्रसार पदाधिकारी,उमेश रंजन, उप मत्स्य निदेशक (सा० एवं विप०) मत्स्य निदेशालय ही मौजूद कृषकों को जल जीवन हरियाली अभियान की महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी.