पटना(न्यूज क्राइम 24): 21 मार्च- आई पास डेवलपमेंट फाउंडेशन के तत्वावधान में बुधवार को पटना स्थित एक निजी होटल में सांझा प्रयास नेटवर्क के सदस्यों के लिए क्षमतावार्धन कार्यशाला का आयोजन किया गया. नेटवर्क के सदस्यों को अपने अपने संस्थाओं के लिए सटीक वित्तीय प्रबंधन एवं डोनर संस्थाओं द्वारा दिए जाने वाले राशि के सही इस्तेमाल के बारे में विस्तार से तकनीकी जानकारी प्रदान की गयी. आई पास डेवलपमेंट फाउंडेशन के वरीय समन्वयक राजीव गुप्ता ने बताया कि सांझा प्रयास नेटवर्क से जुड़ी सभी संस्था सुरक्षित गर्भपात को लेकर समुदाय में जागरूकता फैलाने का काम कर रही है.
लेकिन उनके अन्य सामाजिक हित के कार्यों को संपादित करने के लिए आर्थिक अनुदान की आवश्यकता है. इसके लिए प्राप्त सहायता का सटीक वित्तीय प्रबंधन को डोनर संस्था के समक्ष प्रस्तुत करना जरुरी है ताकि आगे भी उन्हें अपने सामाजिक कार्यों के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध हो सके. राजीव गुप्ता ने बताया कि कार्यशाला के उपरांत सांझा प्रयास नेटवर्क से जुड़ी संस्थायें अपने संस्थानों का वित्तीय प्रबंधन बेहतर तरीके से कर पायेंगी.
राज्य के 10 जिलों के प्रतिनिधियों ने की शिरकत:
क्षमतावार्धन कार्यशाला में सांझा प्रयास नेटवर्क के 10 जिलों के प्रतिनिधियों ने शिरकत की. ये जिले हैं- पटना, मुंगेर, सीतामढ़ी, सारण, वैशाली, नवादा, बांका, मधुबनी, रोहतास एवं किशनगंज. आई पास डेवलपमेंट फाउंडेशन के दिल्ली कार्यालय से आये वरीय विशेषग्य, फाइनेंस एंड एडमिनिस्ट्रेशन, अभिषेक गुप्ता ने संस्थान के लिए वित्तीय प्रबंधन के गुर एवं इसके महत्त्व के बारे में प्रतिभागियों का उन्मुखीकरण किया. उन्होंने सभी प्रतिभागियों को सशक्त एवं सटीक तरीके से अपने संस्थानों का वित्तीय प्रबंधन करने के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने सटीक वित्तीय प्रबंधन के बारे में विभिन्न चरणों की विस्तार से जानकारी दी और प्रतिभागियों के सवाल के जवाब दिए.
संशोधित सुरक्षित गर्भसमापन कानून 2021 के बारे में विस्तार से दी गयी जानकारी:
कार्यशाला में आई पास डेवलपमेंट फाउंडेशन के वरीय समन्वयक राजीव गुप्ता ने बताया कि सुरक्षित गर्भ समापन हर महिला का अधिकार है. उन्होंने बताया कि 1971 के प्रावधानों के अनुसार, गर्भ समापन कई शर्तों के साथ वैध माना गया है और एमटीपी एक्ट 2021 में संशोधन किया गया है. जिससे विशेष श्रेणी की महिलाओं के लिए 24 सप्ताह तक के गर्भ को शर्तों के अनुसार समापन कराया जा सकता है. उन्होंने बताया कि पर्याप्त भ्रूण विकृति के मामलों में गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय गर्भ समापन को मान्य किया गया है.
महिला या उसके साथी द्वारा प्रयोग किए गए गर्भनिरोधक तरीके की विफलता की स्थिति में अविवाहित महिलाओं को भी गर्भ समापन सेवाएं दी जा सकेंगी. 20 सप्ताह तक एमटीपी के लिए एक आरएमपी और 20 से 24 सप्ताह के लिए दो आरएमपी की राय चाहिए. गोपनीयता को कड़ाई से पालन करना । कार्यशाला में आगे की रणनीतियों पर भी चर्चा हुई। कार्यशाला में आई पास डेवलपमेंट फाउंडेशन से डा देवेंद्र त्रिपाठी, साँझा प्रयास की तरफ से रघुपति जी एवं अन्य उपस्थित थे।