फुलवारी शरीफ, अजीत। “होलिका दहन में प्लास्टिक, रबर, टायर टयूब, जला हुआ मोबिल का इस्तेमाल न करें.इसके बजाय सुखी लकड़ियां एवं गोकाष्ठ (गोयठा) का प्रयोग करें. इसी थीम पर खगौल की सांस्कृतिक संस्था सूत्रधार द्वारा आम-जनता के बीच जागरूकता फैलाने के लिए राजकीय मध्य विद्यालय , गर्दनिबाग, खोजा इमली, फुलवारी शरीफ, , अनीसाबाद मोड़,मोती चौक, खगौल पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया.नाटक के द्वारा यह संदेश दिया गया कि प्लास्टिक, रबर, टायर-ट्यूब एवं जला मोबिल जलाने से पर्यावरण तो प्रदुषित होता ही है.ये मानव स्वास्थ्य के लिए भी बहुत खतरनाक है. इससे तरह-तरह की बीमारियां फैलती है. इसलिए हमें पारंपरिक तरीके से होलिका दहन का त्योहार मनाना चाहिए जिसमें सिर्फ सुखी लकड़ियां एवं गोयठा का उपयोग हो. हरा-भरा पेड़ काटकर होलिका में नहीं डालना चाहिए।
इस नाटक की परिकल्पना, लेखन एवं निर्देशन नवाब आलम का है. इसमें भाग लेने वाले कलाकार रुपाली सिन्हा, कुमारी अनिता सिन्हा, शानु कुमार, निशांत कुमार, जीशान आलम, सउद है. गायन लवकुश राजा, नाल पर अभिजित कुमार एवं झाल पर भोला सिंह ने अपना जलवा बिखेरा।