अररिया, रंजीत ठाकुर भरगामा प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों में इन दिनों प्रधानमंत्री आवास योजना के साथ-साथ मनरेगा जॉब कार्ड बनाने के नाम पर क्षेत्र के लाभुकों से अवैध उगाही करने की शिकायतें मिल रही है। मालूम हो कि प्रखंड के अलग-अलग पंचायतों में योग्य लाभुकों को आवास योजना का लाभ मिल सके,इसके लिए क्षेत्र के योग्य लाभुकों का चयन किया जा रहा है। आवास पर्यवेक्षक चंदन कुमार के अनुसार योग्य लाभुकों के चयन की जिम्मेदारी आवास सहायक,पंचायत सचिव और पंचायत रोजगार सेवक को दिया गया है। बताते चलें कि इन दिनों कई पंचायतों से आवास योजना के लाभुकों के चयन प्रक्रिया में धांधली बरतने का आरोप है।
एक तरफ जहां कई पंचायतों में अयोग्य लाभुकों का भी चयन हो रहा है,वहीं दूसरी ओर कई लाभुकों से आवास योजना में नाम जोड़ने के नाम पर अवैध वसूली की शिकायतें भी मिल रही है। लोगों का आरोप है कि वास्तविक एवं योग्य लाभुकों के द्वारा राशि देने में असमर्थता जताने पर उन्हें इस योजना का लाभ भविष्य में नहीं मिलने की बात कहकर बरगलाया जा रहा है। बता दें कि हरिपुरकला, विषहरिया, नया भरगामा, धनेश्वरी, वीरनगर पश्चिम,रघुनाथपुर दक्षिण, वीरनगर पूरब,खजुरी,सिरसिया हनुमानगंज,खुटहा बैजनाथपुर, जयनगर, सिमरबनी, शंकरपुर, मनुल्लाहपट्टी, आदि रामपुर, भरगामा, पैकपार,रघुनाथपुर उत्तर, सिरसियाकला,कुसमौल के ग्रामीणों ने बताया कि जियो टैगिंग के नाम पर पीएम आवास सहायक सहित अन्य सर्वेयरों के बिचौलिये के द्वारा खुलेआम पात्र एवं अपात्र लाभुकों से प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची में नाम जुड़वाने के नाम पर एक हजार से दो हजार रुपये लेकर बरगलाया जा रहा है।
बताया गया कि जो लोग रुपये देने में असमर्थता जताते हैं उसका नाम नहीं जोड़ने की बात कही जाती है। अगर जिला स्तर के अधिकारी इसकी जांच करें तो कई लोग का नाम सामने आ सकता है। इधर पूर्व प्रमुख दिव्य प्रकाश यादवेंदु ने बताया कि लाभुक इस बात के डर से कुछ भी खुलकर बोलने से कतराते हैं कि कहीं उनका नाम चयन सूची से हटा न दें। वहीं पूर्व मुखिया संघ के अध्यक्ष विजय सिंह यादव ने बताया कि क्षेत्र में बिना पैसा लिए पीएम आवास सूची में नाम नहीं जोड़ा जा रहा है। वहीं आरटीआई कार्यकर्त्ता असलम बैग ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची में नाम जोड़ने को लेकर सरकार द्वारा कई दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
बावजूद नाजायज राशि की वसूली कर सरकार के नियमों के विपरीत सूची में नाम जोड़ने का खेल जारी है। वहीं आरटीआई कार्यकर्त्ता युवराज यादव का भी आरोप है कि पीएम आवास सहायक एवं उनके बिचौलियों के द्वारा सूची में नाम जोड़ने के नाम पर राशि की मांग की जा रही है। वहीं इस संबंध में डीडीसी रोजी कुमारी ने बताया कि आवास योजना में नाम जोड़ने का अंतिम तिथि 31 मार्च तक निर्धारित है। उन्होंने बताया कि नाम जोड़ने के लिए कोई राशि नहीं ली जाती है। अगर कोई सरकारी कर्मचारी या बिचौलिए आपको बरगला कर अवैध राशि मांगता है तो सीधे आप जिला में वैसे बिचौलिए या कर्मियों के खिलाफ शिकायत कर सकते हैं।