एम्स पटना में नेत्र बैंक के शुभारंभ के साथ पहली कॉर्निया डोनेशन

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&NewLine;<p><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>फुलवारीशरीफ&comma; अजित। एम्स पटना ने नेत्रहीनों के इलाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए अपने नेत्र बैंक में पहली बार कॉर्निया दान प्राप्त किया है। यह उपलब्धि बिहार सरकार द्वारा इसी माह ट्रांसप्लांट ऑफ ह्यूमन ऑर्गन्स एंड टिशूज़ एक्ट के तहत अनुमति मिलने के बाद संभव हो सकी है।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>उल्लेखनीय है कि एम्स पटना में अत्याधुनिक नेत्र बैंक की स्थापना एलवी प्रसाद आई इंस्टीट्यूट&comma; हैदराबाद के सहयोग से की गई है&period; एम्स पटना के कार्यकारी निदेशक प्रो&period; &lpar;डॉ&period;&rpar; सौरभ वर्श्नेय ने इस ऐतिहासिक सेवा की शुरुआत पर नेत्र बैंक टीम को बधाई दी है। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि यह सेवा इस क्षेत्र के कॉर्निया अंधता से पीड़ित मरीजों के लिए वरदान साबित होगी। एम्स पटना के मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रो&period; &lpar;डॉ&period;&rpar; अनुप कुमार ने नेत्र दाता के परिजनों को प्रशस्ति पत्र देकर उनके इस मानवतापूर्ण योगदान को सम्मानित किया।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>नेत्र रोग विभागाध्यक्ष एवं नेत्र बैंक प्रभारी प्रो&period; &lpar;डॉ&period;&rpar; अमित राज ने इस अवसर पर कहा कि आने वाले दिनों में और भी लोग इस पुनीत कार्य के लिए आगे आएंगे। इस अवसर पर गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ&period; रमेश कुमार&comma; नेत्र विभाग के फैकल्टी सदस्य डॉ&period; भवेश चंद्र साहा &lpar;एसोसिएट प्रोफेसर&rpar;&comma; डॉ&period; देव कांत &lpar;एसोसिएट प्रोफेसर&rpar; एवं डॉ&period; अमित कुमार &lpar;असिस्टेंट प्रोफेसर&rpar; भी उपस्थित थे&period; इस ऐतिहासिक क्षण पर नेत्र बैंक की पूरी टीम भी मौजूद रही।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><&sol;p>&NewLine;

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