रिटायर हुए सभी शिक्षकों का विदाई व सम्मान समारोह आयोजित किया गया

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&NewLine;<p><&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p><strong><mark style&equals;"color&colon;&num;cf2e2e" class&equals;"has-inline-color has-vivid-red-color">सरोजनी नगर&lpar;न्यूज क्राइम 24&rpar;&colon;<&sol;mark><&sol;strong> सर्वजन हिताय संरक्षण समिति बेसिक शिक्षा प्रकोष्ठ उत्तर प्रदेश के द्वारा जनपद लखनऊ के इस वर्ष रिटायर हुए सभी शिक्षकों का विदाई व सम्मान समारोह आयोजित किया गया।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>जनपद लखनऊ के लगभग पचास रिटायर्ड शिक्षक तथा आठ विशिष्ट वरिष्ठ शिक्षकों को सम्मानित किया गया।<br>कार्यक्रम की अध्यक्षता सरोजनी नगर के विधायक मा&period;डा&period; राजेश्वर सिंह जी द्वारा की गई तथा मुख्य अतिथि के तौर पर मा&period; कौशल किशोर जी आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री भारत सरकार की उपस्थिति में विशिष्ट अतिथि मा&period;उमेश द्विवेदी जी तथा विशिष्ट अतिथि कुलपति प्रोफेसर श्री राणा कृष्णपाल सिंह जी शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय की उपस्थिति में संपन्न हुआ।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>सर्वजन हिताय संरक्षण समिति बेसिक शिक्षा के तत्वाधान में आयोजित संगोष्ठी समाज का दर्पण शिक्षक विषय पर सेवक राम कनौजिया तथा उषा त्रिपाठी वरिष्ठ शिक्षक ने अपना मत रखा और कहा कि शिक्षक चाहे तो बेसिक में मिलने वाले बच्चे के दिमाग में अच्छे संस्कार और अनुशासन डालकर उसे योग्य नागरिक बना सकते हैं।विशिष्ट अतिथि के तौर पर बोलते हुए पानी उमेश द्विवेदी ने कहा कि शिक्षक यदि कच्चे घड़े रूपी बालक को इमानदारी से सही दिशा में ले जाए तो निश्चित रूप से आने वाला समाज और हमारा भारत शिक्षा में अग्रणी देश बन जाएगा।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>वही प्रोफ़ेसर राधा कृष्ण पाल सिंह ने बताया कि शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविध्यालय में कार्य के दौरान उन्होंने पूरे विद्यालय में सभी को अपने क्षेत्र में कार्य के प्रति ईमानदार रहने को कहा यदि छात्र शिक्षक और समाज अपने अपने कार्य के प्रति ईमानदार रहेगा तो निश्चित रूप से समाज की दिशा और दशा बदल जाएगी।मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए मा&period; कौशल किशोर जी ने उपस्थित शिक्षकों को अपने बचपन की याद दिलाते हुए<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p> कहा कि पहले बच्चों को घड़े की तरह बनाया जाता था बाहर से दबाव और अंदर से कोमल हाथ रखते हुए कभी-कभी शिक्षक अपने विद्यार्थियों को दंड भी देता था और शायद उसी दंड का नतीजा था कि पहले की मार हमें आज तक याद है और यदि बच्चों के भविष्य निर्माण हेतु शिक्षकों को कुछ सजा&comma; प्यार और दुलार देना पड़े और इन सब से बच्चे का भविष्य सुधरता है तो निश्चित रूप से पुरानी व्यवस्था फिर कायम होनी चाहिए।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>कार्यक्रम में अध्यक्षीय भाषण देते हुए मा&period; डॉ&period;राजेश्वर सिंह ने शिक्षकों को समाज परिवर्तन की नींव बताया और कहा कि रिटायर्ड होने के बाद भी शिक्षक अपना महत्वपूर्ण योगदान सामाजिक कार्यों और शिक्षा के क्षेत्र में देते रहें। समाज से जुड़ी हुई सभी योजनाओं को ग्रामीणों को समझाने की बात हो या दूरदराज के विद्यालयों में कार्यरत बच्चों को शिक्षा देने&comma; निश्चित रूप से शिक्षक का कार्य हमेशा से सराहनीय रहता है । शिक्षक ही समाज की वह धुरी है जिससे जुड़कर मिट्टी के बने अबोध बालक विभिन्न क्षेत्रों में अपना कीर्तिमान स्थापित करते हैं।<&sol;p>&NewLine;&NewLine;&NewLine;&NewLine;<p>सर्वजन हिताय संरक्षण समिति की तरफ से रीना त्रिपाठी&comma; निशा सिंह &comma;तृप्ति भदौरिया &comma;रेनू त्रिपाठी &comma;सीमा द्विवेदी&comma; प्रीति सिंह&comma; गीता वर्मा&comma; अनिल सिंह&comma;सुमन दुबे&comma; आभा शुक्ला&comma; महेश मिश्रा&comma; स्मृता देव&comma; नेहा सिंह&comma; अंजली श्रीवास्तव उपस्थित रहे वहीं जूनियर शिक्षक संघ के प्रतिनिधि सुरेश जयसवाल &comma; प्रभाकांत मिश्रा&comma; सुधीर सहगल &comma;आशुतोष मिश्रा संध्या द्विवेदी संजय सिंह &comma;उदय प्रताप&comma; सुनील सिंह&comma; सहित सैकड़ों की संख्या में शिक्षक उपस्थित हुए।<&sol;p>&NewLine;

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